रांची. वास्तविक गैस उपभोक्ताओं की पहचान के लिए गैस कंपनियां हर उपभोक्ता का इ-केवाइसी करा रही हैं. इसका मकसद है कि रसोई गैस सही उपभोक्ता तक पहुंच सके. लेकिन रांची में गैस उपभोक्ता इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं. रांची में तीनों कंपनियों के कुल 7.25 लाख गैस उपभोक्ता हैं. इनमें अब तक लगभग 3.67 लाख उपभोक्ताओं ने ही इ-केवाइसी कराया है. जबकि 3.57 लाख उपभोक्ताओं ने इ-केवाइसी नहीं कराया है. रांची में इंडेन के 4.71 लाख, भारत गैस के 1.51 लाख और एचपी गैस के 1.03 लाख गैस उपभोक्ता हैं.
आधार कार्ड और गैस उपभोक्ता नंबर से केवाइसी
ग्राहकों के फिंगर प्रिंट स्कैनर और फेस आइडी से इ-केवाइसी का काम हो रहा है. इ-केवाइसी के लिए आधार कार्ड के साथ-साथ रसोई गैस के उपभोक्ता नंबर की जरूरत है. जिन उपभोक्ताओं के नाम से कनेक्शन है, उनका होना जरूरी है. इ-केवाइसी में फिंगर स्कैनर या चेहरे से वेरिफिकेशन किया जा रहा है. इसके बाद प्रक्रिया पूरी हो रही है. इ-केवाइसी का काम संबंधित गैस एजेंसी के साथ घरों पर पहुंच कर भी किया जा रहा है.
इ-केवाइसी नहीं होने से हो सकती है परेशानी
गैस कंपनियां इ-केवाइसी से गैस उपभोक्ताओं की पहचान करती हैं. स्थिति यह है कि कई उपभोक्ता अपने आवासीय पते को छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गये हैं, लेकिन उनका कनेक्शन अब भी चालू है. इसका प्रयोग कोई अन्य व्यक्ति कर रहा है. इ-केवाइसी नहीं कराने पर आने वाले दिनों में ऐसे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ सकती है. उनका गैस कनेक्शन ब्लॉक भी किया जा सकता है.
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