नयी दिल्ली. ब्याज दर में कटौती की वकालत करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि घरेलू उद्योग को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कर्ज की लागत में कमी जरूरी है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऋण उपलब्धता के संदर्भ में कंपनियों को ज्यादा समान अवसर नहीं मिलता. जो कंपनियां भारत के लिए सामान बनाती हैं, उन्हें आसानी से कर्ज नहीं मिलता और अगर मिलता भी है तो महंगी दर पर. निर्मला ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा कि जिन कंपनियों के कुछ समूह दूसरे देश में काम कर रहे हैं और एक अनुषंगी भारत में है, तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज मिल जाता है. उद्योग एवं सरकार की तरफ से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की मांग के बावजूद रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति की ऊंची दर का हवाला देते हुए करीब एक साल से नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
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निर्मला ने की ब्याज दर में कटौती की वकालत
नयी दिल्ली. ब्याज दर में कटौती की वकालत करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि घरेलू उद्योग को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कर्ज की लागत में कमी जरूरी है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऋण उपलब्धता के संदर्भ में कंपनियों को ज्यादा समान अवसर नहीं […]
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