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ब्याज दर घटाने से अर्थव्यवस्था को मिलेगा प्रोत्साहन : जेटली

एजेंसियां, नयी दिल्लीवित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरांे मंे कटौती की वकालत की है. उन्हांेेेने कहा कि कर्ज सस्ता होने से अर्थव्यवस्था को अच्छा प्रोत्साहन मिलेगा. सिटी निवेशक सम्मेलन में सोमवार को यहां मुख्य वक्ता के रूप मंे संबोधित कर रहे थे. जेटली ने कहा कि इस बात को लेकर मैं […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीवित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरांे मंे कटौती की वकालत की है. उन्हांेेेने कहा कि कर्ज सस्ता होने से अर्थव्यवस्था को अच्छा प्रोत्साहन मिलेगा. सिटी निवेशक सम्मेलन में सोमवार को यहां मुख्य वक्ता के रूप मंे संबोधित कर रहे थे. जेटली ने कहा कि इस बात को लेकर मैं पूरी तरह स्पष्ट हूं कि पूंजी की लागत नीचे आनी चाहिए. महंगाई घटी है. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम नीचे आये हैं. ऐसे मंे यदि बेहद पेशेवर संगठन रिजर्व बैंक अपने विवेक से पूंजी की लागत घटाने का फैसला करता है, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर प्रोत्साहन मिलेगा. वित्त मंत्री ने उम्मीद जतायी है कि एक पेशेवर संगठन के रूप मंे रिजर्व बैंक सर्वश्रेष्ठ निर्णय लेगा. इसी कार्यक्रम मंे मौजूद रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंदडा ने कहा कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरांे मंे संशोधन करता है, लेकिन वह यह काम लोकप्रिय मांग के आधार पर नहीं किया जाता है. यह तभी होता है, जब उसे पूरा विश्वास होता है.एक अन्य कार्यक्रम मंे मुंदडा ने संवाददाताआंे से कहा कि रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा मंे ब्याज दरांे पर फैसला करने से पहले विभिन्न आर्थिक पहलुआंे को देखेगा. रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत दर (रेपो) को इस साल जनवरी से आठ प्रतिशत पर कायम रखा हुआ है. केंद्रीय बैंक अपनी अगली मौद्रिक समीक्षा दो दिसंबर को पेश करेगा.इस बीच खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर मंे घट कर 5.52 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गयी. वहीं, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर 1.77 प्रतिशत पर आ गयी है. चालू वित्त वर्ष मंे भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.4 से 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले दो वित्त वर्षों मंे पांच फीसदी से नीचे रही थी. वित्त मंत्री ने पाइपलाइन मंे विभिन्न आर्थिक सुधारांे की जानकारी देते हुए विशेष रूप से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व बीमा संशोधन विधेयक का उल्लेख किया. उन्हांेेने कहा कि बीमा संशोधन विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र मंे पारित होने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा कि वह संसद की प्रवर समिति के संपर्क मंे हैं, जो फिलहाल बीमा विधेयक की समीक्षा कर रही है. वह समिति से अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहेंगे. जीएसटी के बारे मंंे जेटली ने कहा कि उनकी विभिन्न राज्य सरकारांे के साथ बातचीत चल रही है और ज्यादातर मुद्दांे को पहले ही सुलझाया जा चुका है.

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