रांची : अगर आपमें कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो, तो आपको जिंदगी में आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. इस बात को साबित किया है झारखंड के लातेहार जिला के दीपक ने. उसने अपनी शारीरिक कमजोरी को अभिशाप नहीं बनने दिया. दीपक बताते हैं कि कई बार खुद को उस मोड़ पर पाया, जहां यह निर्णय लेना था कि पढ़ाई छोड़नी है या जारी रखनी है. दीपक ने दूसरा विकल्प चुना. हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी.
तमाम बाधाओं से लड़ते हुए दीपक ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT) रायपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई प्राइवेट कंपनियों से जॉब के ऑफर आये. दीपक कहते हैं कि प्राइवेट जॉब में उनकी दिलचस्पी नहीं थी. वह सरकारी नौकरी करना चाहते थे. सरकारी नौकरी नहीं मिली, तो उन्हें लगा कि क्यों कुछ अपना ही काम किया जाये.
इसके बाद दीपक ने पशुपालन के व्यवसाय में हाथ आजमाने की ठानी. उन्होंने पशुपालन का काम शुरू किया और आज लातेहार में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गये हैं. दीपक बताते हैं कि जब पूरी लगन से काम करते हैं, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं रह जाता. आज दीपक अपने काम से, अपने व्यवसाय से बेहद खुश हैं.
आरागुंडी पंचायत के पूर्व मुखिया गुज्जर उरांव कहते हैं कि अभी दीपक गांव के सभी लोगों के लिए प्रेरणा है. वह पशुपालन में उन्नत तकनीक अपना रहे हैं, जबकि लातेहार जिला के प्रखंड विकास पदाधिकारी कहते हैं कि दीपक जैसे युवा की सराहना होनी चाहिए. शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद वह आत्मनिर्भर हैं. मैं दीपक को हरसंभव सरकारी मदद देने की कोशिश करूंगा.