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रांची : पूर्वजों से मिली खानपान की परंपरा को बचाने की जरूरत
स्लो फूड महोत्सव में पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा रांची : बेड़ो के खक्सी टोली में एशियन इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आजम एंबा के सहयोग से स्लो फूड महोत्सव का आयोजन किया गया़ मुख्य अतिथि पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा कि पूर्वजों के माध्यम से मिली खान पान की परंपरा को बचाने की जरूरत […]
स्लो फूड महोत्सव में पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा
रांची : बेड़ो के खक्सी टोली में एशियन इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आजम एंबा के सहयोग से स्लो फूड महोत्सव का आयोजन किया गया़ मुख्य अतिथि पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा कि पूर्वजों के माध्यम से मिली खान पान की परंपरा को बचाने की जरूरत है़
बाजारों में अासानी से उपलब्ध फास्ट फूड कहीं न कहीं सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होता है़ महाेत्सव में झारखंड के परंपरागत व्यंजन जैसे मड़ुवा का खपरा रोटी, अंगार रोटी, पीठा, डुंबू, गुंदली का धुतु रोटी, धुतु भात, सावा की खीर, चावल का कसार और 14 तरह के सूखा साग, 16 प्रकार के हरा साग, छह प्रकार का कंदा प्रदर्शित किया गया़ संस्था द्वारा जैविक विधि से मड़ुआ, देशी धान व अन्य अनाजों के सघनीकरण के सकारात्मक अनुभवों को रखा गया़ उत्कृष्ट जैविक खेती के लिए किसानों को सम्मानित भी किया गया़ अंत में अखड़ा द्वारा सिमोन उरांव के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र झरिया का प्रदर्शन भी हुआ़
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