13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड के नये महाधिवक्ता राजीव रंजन ने डोमिसाइल पर बाबूलाल सरकार को दी थी मात, बिहार के बक्सर से है नाता

मिथिलेश झा/अमलेश नंदन रांची : झारखंड के नये महाधिवक्ता राजीव रंजन मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले हैं. उन्होंने बाबूलाल मरांडी की सरकार की डोमिसाइल नीति के खिलाफ हाइकोर्ट में दर्ज मुकदमे की पैरवी की और तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के पक्ष को धराशायी कर दिया. बिहार के […]

मिथिलेश झा/अमलेश नंदन

रांची : झारखंड के नये महाधिवक्ता राजीव रंजन मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले हैं. उन्होंने बाबूलाल मरांडी की सरकार की डोमिसाइल नीति के खिलाफ हाइकोर्ट में दर्ज मुकदमे की पैरवी की और तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के पक्ष को धराशायी कर दिया. बिहार के बक्सर में जन्मे श्री रंजन की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा संयुक्त बिहार के झारखंड प्रांत में ही हुई. बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली चले गये और दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री ली. उन्होंने कई अहम मामलों की पैरवी करके अपनी योग्यता साबित की है.

वर्ष 2001-02 में जब बाबूलाल मरांडी की सरकार ने प्रदेश में स्थानीय नीति में 1932 के खतियान को लागू करने की बात कही. इसकी अधिसूचना भी जारी हो गयी. अधिसूचना के खिलाफ दायर याचिका को बचाने के लिए मरांडी की सरकार ने दिल्ली के वरिष्ठ वकील को बुलाया, लेकिन राजीव रंजन की दलीलों के आगे सरकारी वकील की एक न चली और माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया.

पारा शिक्षकों को सेवा मुक्त करने के रघुवर दास सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में दायर मुकदमे में वह पारा टीचर्स की पैरवी कर रहे हैं. इतना ही नहीं, झारखंड में वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के केस की भी पैरवी कर रहे हैं. एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा था, ‘हर चोर का सरनेम मोदी ही क्यों होता है.’ इस पर राज्य के एक मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया. इसी तरह अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने पर राहुल के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया. दोनों ही मामलों में राजीव रंजन कांग्रेस नेता की पैरवी कर रहे हैं.

वह पांच साल तक झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष रह चुके हैं. हाल ही में संपन्न बार काउंसिल के चुनाव में वह मामूली अंतर से हार गये थे. प्रदेश के महाधिवक्ता अजीत कुमार के इस्तीफा देने के बाद ऐसी संभावना है कि राजीव रंजन एक बार फिर बार काउंसिल के अध्यक्ष बन जायेंगे. मृदुभाषी और बेहद मिलनसार स्वभाव के राजीव रंजन को महाधिवक्ता बनाये जाने पर बार काउंसिल के सदस्यों फणीश्वर नाथ नीलेश, प्रदीप चंद्रा, मृत्युंजय प्रसाद, निरंजन राम और एसके यादव ने प्रसन्नता जतायी है.

वकीलों ने कहा है कि हाइकोर्ट हो या सिविल कोर्ट. राजीव रंजन किसी भी कोर्ट में वकालत करते हैं, वहां अपने जूनियर वकीलों को काफी प्रोत्साहित करते हैं. एक बेहतर इंसान होने के साथ-साथ वह बेहतर वकील भी हैं. कोर्ट में उनकी मौजूदगी मात्र से जूनियर वकीलों का मनोबल बढ़ जाता है. वह बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. किसी की भी मदद के लिए सदैव तैयार रहते हैं.

उल्लेखनीय है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन वाली हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट के वरिष्ठ वकील राजीव रंजन को प्रदेश का महाधिवक्ता नियुक्त किया है. इसके पहले राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 6 फरवरी, 2020 को महाधिवक्ता अजित कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और इसके बाद विधि विभाग ने शुक्रवार (7 फरवरी, 2020) को राजीव रंजीन की अधिवक्ता के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel