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रघुवर सरकार में नहीं पूरे हो पाये जनहित के कई काम, हेमंत सरकार के समक्ष अधूरे कार्यों को पूरा करने की चुनौती

रांची : हेमंत सोरेन सरकार के समक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य व आधारभूत संरचना सहित कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने की चुनौती होगी. इस सूची में ऐसे कार्य हैं, जो रघुवर सरकार में शुरू हुए थे, लेकिन आज तक पूरे नहीं हुए. कार्य लंबित पड़े हैं. वहीं कई योजनाओं का खाका पूरी तरह तैयार हो गया […]

रांची : हेमंत सोरेन सरकार के समक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य व आधारभूत संरचना सहित कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने की चुनौती होगी. इस सूची में ऐसे कार्य हैं, जो रघुवर सरकार में शुरू हुए थे, लेकिन आज तक पूरे नहीं हुए. कार्य लंबित पड़े हैं. वहीं कई योजनाओं का खाका पूरी तरह तैयार हो गया था, उसे सिर्फ धरातल पर उतारा जाना था. कुछ ऐसे कार्य भी हैं, जो पूर्व में हेमंत सरकार ने अपने संज्ञान में रखा था. ऐसे कार्य भी हैं, जो जन सरोकार से सीधे रूप से जुड़े हुए हैं. इन योजनाओं व कार्यों से सीधे जनता को लाभ मिलने वाला है.
भावी सरकार को जो काम करने होंगे
राजधानी में राजभवन से कांटाटोली व राजभवन से बूटी मोड़ तक स्मार्ट रोड का काम शुरू कराना
राजभवन से बिरसा चौक व हिनू चौक से एयरपोर्ट तक स्मार्ट रोड को पूरा कराना, जिसका काम जारी है
धुर्वा में स्मार्ट सिटी का काम शुरू कराया गया है. काफी काम बढ़ भी गया है. अभी काफी काम करने हैं. स्मार्ट सिटी को पूरी तरह मूर्त रूप देना है.
धुर्वा क्षेत्र में नये सचिवालय भवन का डीपीआर तैयार है. जमीन उपलब्ध है. डिजाइन भी बन गया है. अब आगे की प्रक्रिया करके इसका काम शुरू कराना है.
गरीबों के लिए अलग-अलग जगहों पर आवासीय कॉलोनी बनाने की योजना को शुरू करा कर मूर्त रूप देना
आवास बोर्ड से मध्यम वर्ग के लिए आवासों का निर्माण कराना है. इसे सस्ती दर पर लोगों को उपलब्ध कराया जाना है.
हरमू नदी का जीर्णोद्धार कराना. पूर्व में भी मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन इसके लिए कमेटी बनायी थी.
राज्य के प्रमुख शहरों जैसे-चतरा, गिरिडीह, लोहरदगा, चाईबासा, डालटनगंज, साहेबगंज, चांडिल, मसलिया, लातेहार, धनबाद, कुड़ू, बुंडू, गोला, खूंटी, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, गढ़वा, देवघर, सिमडेगा के लिए बाइपास की योजना. इनका सर्वे हो गया है. कई का डीपीआर भी तैयार है.
पर्यटन व धार्मिक स्थलों के लिए महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण का प्लान तैयार है. जामताड़ा डैम साइट, गेलतसूत डैम साइट, एनएच-80 से रक्सी स्थान, दुमका में चुरू नाथ मंदिर, बारापलासी से ताललोझाड़ी फॉल रोड, गोड्डा में जोगनी स्थान रोड, सायको से रानी फॉल, साहेबगंज में मोती झरना रोड, गोड़ा टोली (मुरहू) से हेठगोवा-रुगड़ी (उलिहातू) पथ, बरहेट से शिवगादी मंदिर, जमशेदपुर से पुरुडीह बराज रोड, तजना नदी से डोंबारी बुरू होते हुए साइको रोड, सिकटिया से खरकई मोड़, सीमा फॉल पथ, पेरवाघाघ जल प्रपात (तपकरा), केतार धाम रोड, गढ़वा में कोयल बराज भाया सूर्य मंदिर, हामी जल प्रपात रोड, पंचघाघ जल प्रपात रोड, अन्नराज डैम रोड, गिरिडीह में उसरी फॉल व लातेहार में लोध फॉल रोड की परियोजना है. इस पर काम करना है.
रातू रोड में एलिवेटेड रोड का काम अभी प्रक्रिया में ही है. एनएचएआइ के साथ कोऑर्डिनेट करके इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है.
हरमू आरओबी निर्माण के लिए भी एनएचएआइ के साथ संपर्क साध कर इस पर काम कराना होगा.
पलमा से गुमला तक (एनएच 23 पर) फोर लेन सड़क का काम कराने के लिए एनएचएआइ के सहयोग से आगे बढ़ना होगा.
कुड़ू से पलामू तक फोर लेन सड़क निर्माण के लिए कार्रवाई करनी होगी.
टाटा रोड के फोर लेन का काम जारी है. पूर्व में हेमंत सरकार ने भी फोर लेन के कार्य को प्रमुखता से लिया था. अब इसे पूरा कराना होगा.
राजस्व उप निरीक्षक संघ की मांगें
न्यूनतम ग्रेड पे 2400 किया जाये
राजस्व प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये
अंचल निरीक्षकों की सीधी बहाली पर रोक लगायी जाये
अंचल निरीक्षकों के 50 फीसदी पद वरीयता से प्रोन्नति व 50 फीसदी पद सीमित प्रतियोगिता परीक्षा से भरें
हल्का इकाई का पुनर्गठन किया जाये
क्षेत्र भ्रमण के लिए दोपहिया वाहन उपलब्ध कराये जायें
राजस्व उप निरीक्षकों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाये
अभियंता संघ झारखंड
अभियंत्रण सेवा नियुक्ति नियमावली 2016 में संशोधन किया जाये
पूर्व की तरह डिप्लोमा अभियंताअों की प्रोन्नति कार्यपालक अभियंता से ऊपर के पदों पर हो
नियुक्ति के समय 4200 ग्रेड पे दिया जाता है, जिसे बढ़ा कर 4600 किया जाये
20 वर्षों से प्रोन्नति लटकी है, नियमित प्रोन्नति दी जाये
विधि व्यवस्था में लगे अभियंताअों को बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाये
राज्य पंचायत सचिव संघ
मूल ग्रेड पे 2400 किया जाये
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति दी जाये
पंचायत सचिवों को मनरेगा के कार्यों से मुक्त किया जाये
पंचायत सचिवों को रोजगार सेवकों का प्रभार नहीं दिया जाये
सभी पंचायतों में लिपिक सह कंप्यूटर अॉपरेटर, अनुसेवक व रात्रि प्रहरी की नियुक्ति की जाये
कर्मचारियों की मांगें
समान काम का समान वेतन दिया जाये
मनरेगाकर्मियों की सेवा नियमित की जाये
मनरेगाकर्मियों को लगाये जा रहे आर्थिक दंड पर रोक लगायी जाये
मनरेगाकर्मियों की बरखास्तगी पर रोक लगायी जाये
पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन
नयी पेंशन योजना को अविलंब रद्द किया जाये
पुरानी पेंशन योजना को ही लागू किया जाये
एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों व पदाधिकारियों को नयी पेंशन योजना से हटा कर पुरानी पेंशन योजना में लायें
पारा शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतनमान देना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती
67000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण तथा उन्हें वेतनमान देना़
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित सहायक शिक्षक व पारा शिक्षकों को बरकरार रखना.
60,000 से अधिक रसोइयों का मानदेय बढ़ाना तथा उन्हें स्थायी किया जाना.
प्रस्वीकृति प्राप्त 525 हाइस्कूलों को अनुदान देना़
50 संस्कृत स्कूलों को डबल अनुदान कैबिनेट ने स्वीकृत किया है, उसका अनुपालन करना.
राज्य भर में संचालित 592 मदरसा को अनुदान देना़
वित्तरहित शिक्षण संस्थानों, 155 इंटर कॉलेजों व 55 स्थायी संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेजों को अंगीभूत करने या घाटानुदान देना.
वित्तरहित शिक्षा नीति के तहत शिक्षण संस्थानों को दिये जा रहे अनुदान में समानता बरतना.
राजकीयकृत हाइस्कूलों के शिक्षकों के वरीय वेतनमान, प्रवरण वेतनमान व एसीपी देना.
सचिवालयकर्मियों की तरह प्राथमिक शिक्षकों के लिए उत्क्रमित वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण को स्वीकृति देना.
शिक्षकों को गृह जिले में पदस्थापन के लिए अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर प्रदान करना.
सभी उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित का पद सृजित करना.
राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के 95 प्रतिशत रिक्त पदों को भरने के लिए प्रोन्नति देना.
प्रोन्नति नियमावली 1993 में संशोधन करना.
शिक्षकों के लिए एसीपी की सुविधा बहाल करना.
अनुकंपा के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड वन का वित्तीय लाभ स्वीकृत करना.
केंद्र सरकार के अनुरूप जनवरी 2006 के बाद प्रोन्नत शिक्षकों के लिए न्यूनतम आरंभिक वेतन 17,140 को स्वीकृति देना.
स्वास्थ्य विभाग के लंबित कार्य और टास्क
राज्य भर के पीएचसी व सीएचसी सहित अनुमंडल अस्पतालों में 250 जन अौषधि केंद्र की शुरुआत करना.
सरकारी अस्पतालों (खास कर सीएचसी व पीएचसी) में चिकित्सकों के रिक्त पदों पर बहाली करना.
राज्य के कुल 10 ट्रॉमा सेंटर की शुरुआत व इनका संचालन.
प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन के निचले पदों पर बहाली के साथ-साथ दवाओं की खरीद नियमित करना.
स्टेट ड्रग लेबोरेटरी को सुदृढ़ कर सभी तरह की दवाअों की जांच शुरू करना.
जिला अस्पतालों में बनायी गयी बर्न यूनिट का संचालन करने या न करने संबंधी निर्णय लेना.
सभी जिलों में ब्लड बैंक व ब्लड कलेक्शन वैन की उपलब्धता तथा संचालन शुरू कराना.
आयुष के अस्पतालों, डिस्पेंसरी व कॉलेजों में 80 फीसदी से अधिक रिक्ति भर कर अायुष को बढ़ावा देना.
एनएचएम (एनआरएएम तथा एनयूएचएम) के 5255 रिक्त पदों को भरना.
कुल 3957 स्वास्थ्य उपकेंद्र में से 80 फीसदी में बिजली तथा 60 फीसदी में पानी नहीं है. इसे बहाल करना.
बन कर बेकार हो रहे स्वास्थ्य उपकेंद्र व अस्पताल भवनों का संचालन शुरू करना.
रोजगार सृजन करना नयी सरकार के लिए बड़ी चुनाैती
रोजगार सृजन करना नयी सरकार के लिए बड़ी चुनाैती है. रोजगार के अवसर कम पैदा हो रहे हैं. शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं.
राज्य में रोजगार के नये-नये अवसर पैदा करना बड़ी चुनाैती है.
राज्य की नियोजन नीति को झारखंड हाइकोर्ट में चुनाैती दी गयी है. हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगी हुई है. मामला लंबित है.
राज्य में विभिन्न विभागों व कार्यालयों में रिक्त लगभग एक लाख पदों को अभियान चला कर भरा जाना चाहिए.
सभी बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाये.
निजी क्षेत्रों के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में रोजगार पैदा किया जाये.

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