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रांची : चिकित्सीय परामर्श के लिए डायल करें 104
रांची : स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व सलाह के लिए हेल्पलाइन की सुविधा दी गयी है. हेल्पलाइन नंबर 104 पर आम लोगों को फोन पर चिकित्सकों तथा प्रशिक्षित सलाहकारों की सहायता से चिकित्सा सलाह, मनोवैज्ञानिक परामर्श तथा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जाती है. चिकित्सक व काउंसेलर यह काम करते […]
रांची : स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व सलाह के लिए हेल्पलाइन की सुविधा दी गयी है. हेल्पलाइन नंबर 104 पर आम लोगों को फोन पर चिकित्सकों तथा प्रशिक्षित सलाहकारों की सहायता से चिकित्सा सलाह, मनोवैज्ञानिक परामर्श तथा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जाती है. चिकित्सक व काउंसेलर यह काम करते हैं.
वहीं सेवा में सुधार के लिए सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों संबंधी शिकायतें भी हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करायी जा सकती हैं. 104 (टोल-फ्री) नंबर पर कॉल करके मार्च 2014 से अब तक करीब 27 लाख लोगों ने परामर्श लिया है. डोरंडा स्थित डायल 104 केंद्र पर हर रोज करीब 2200 कॉल अाते हैं.
मिलता है ई-प्रिसक्रिप्शन : रोगी की समस्या पूछ कर हेल्प लाइन के चिकित्सक उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ई-प्रिसक्रिप्शन भेजते हैं. यह दो भाषाअों अंगरेजी व हिंदी में होता है. इसमें दवा का नाम, खाने का समय व तरीका तथा अन्य परामर्श लिखे होते हैं. पहली बार 104 पर कॉल करने पर सबसे पहले मरीज का निबंधन होता है. किसी भी व्यक्ति को सिर्फ एक बार निबंधन कराना होता है.
काउंसेलिंग से लाभ : परीक्षा में कम नंबर आने सहित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए युवा भी हेल्पलाइन पर फोन करते हैं. किसी भी तरह के अवसाद से निबटने के लिए हेल्प लाइन नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है. हेल्प लाइन सेंटर का संचालन कर रही कंपनी पिरामल स्वास्थ्य केे स्टेट हेड अनूप का दावा है कि काउंसेलिंग के माध्यम से आत्महत्या की बात करने वाले दो लोगों को इससे उबार लिया गया है.
कब करें डायल
किसी की तबीयत खराब हो या स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी हो
परिवार या गांव-मुहल्ले में कोई बीमारी फैली हो
गर्भवती या बच्चों की देखभाल संबंधी सलाह के लिए
मानसिक परेशानी में परामर्श (काउंसेलिंग) के लिए
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेनी हो
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक या दवा की कमी सहित साफ-सफाई संबंधी शिकायत दर्ज करानी हो
केस स्टडी
चाईबासा से एक पिता ने हेल्पलाइन नंबर पर उस वक्त इमरजेंसी कॉल किया, जब उनकी बेटी ने गुस्से में आ कर फिनाइल पी ली थी. हेल्पलाइन के चिकित्सकों से वह सज्जन लगातार संपर्क में रहे. पहले बेटी को उल्टी करायी फिर चिकित्सकों के परामर्श पर उसे अस्पताल ले गये. उनकी बेटी की जान बच गयी.
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