17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

त्वरित न्याय: वर्तमान की आवश्यकता और अवसर

विक्रमादित्य अभी कुछ दिनों पूर्व बलात्कार की दो घटनाएं घटीं. पहली घटना में बलात्कारियों ने न केवल अपनी हवस मिटायी बल्कि पीड़िता को जला कर मार डाला. फिर साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की. इस तरह तीन अपराध किये. दूसरे में लाॅ काॅलेज की छात्रा के साथ सुनियोजित ढंग से गैंगरेप हुआ और अपराधियों के […]

विक्रमादित्य
अभी कुछ दिनों पूर्व बलात्कार की दो घटनाएं घटीं. पहली घटना में बलात्कारियों ने न केवल अपनी हवस मिटायी बल्कि पीड़िता को जला कर मार डाला. फिर साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की. इस तरह तीन अपराध किये.
दूसरे में लाॅ काॅलेज की छात्रा के साथ सुनियोजित ढंग से गैंगरेप हुआ और अपराधियों के पकड़े जाने के बाद रात में अज्ञात लोगों ने काॅलेज के छात्रावास पर पथराव भी किया. अभी यह आलेख लिखते वक्त यह खबर आ रही है कि सोलह वर्ष की एक लड़की का बलात्कार कर उसे जला दिया गया. एक के बाद एक घटती ऐसी घटनाओं ने सारे समाज की आत्मा को झकझोर दिया है. ऐसी नृशंस घटनाएं घटती आ रही हैं.
आश्चर्य नहीं कि पूरे समाज का आक्रोश पहले भी कई प्रकार से मुखर हुआ, हो रहा है और कुछ दिनों तक होता भी रहेगा. फिर जैसा कि होता है सब कुछ शांत हो जायेगा. बलात्कार के क्या कारण हैं, इसके लिये समाज की गिरती नैतिकता कहां तक दोषी है, इस पर चर्चा करना मेरा उद्देश्य इस आलेख में नहीं है.
मैं दृढ़ रूप से यह मानता हूं कि यदि संगीन मामले खासकर कर जिन मामलों का अभी मैंने जिक्र किया है, का निष्पादन अविलंब किया जाये, तो निश्चित ही ऐसी घटनाओं में कमी आयेगी और समाज का विश्वास कानून के शासन पर बढ़ेगा़ ऐसे में पुलिस व न्यायालय को भी एक अवसर है कि वे अपनी संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुए ऐसे मामलों का त्वरित निष्पादन करें और जनता के गिरते विश्वास को फिर से प्राप्त करें. अब सवाल यह उठता है कि क्या वर्तमान न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत यह संभव है?
मेरी यह दृढ़ मान्यता है कि व्यवस्था और प्रक्रिया में कोई रुकावट या कमी नहीं है. इसी प्रक्रिया के अंतर्गत दो वर्ष पहले सासाराम के एक न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में एक माह के अंदर फैसला देकर अपराधियों को दंडित किया था. स्वयं मैंने बतौर सेशन जज हजारीबाग में बलात्कार के एक मामले का निष्पादन एक माह के अंदर किया था.
नये मामले मान लीजिए 2018 के बाद के एक न्यायालय में, 2015 और 17 तक के एक न्यायालय में रखे जायें, तो किसी भी मामले को पुराना होने से रोका जा सकता है और साथ ही साथ क्रमिक रूप से पुराने मामलों पर उस कर्णांकित कोर्ट की खास नजर भी रहती है. अब जो घटना लाॅ काॅलेज में हुई, उसका निपटारा अगले 15 दिनों तक मेरी इस योजना से संभव है.
अखबार के मुताबिक पीड़िता का बयान 164 में दर्ज हो चुका है, मेडिकल जांच हो चुकी है. अभियुक्तों की पहचान परेड भी हो चुकी है. फाेरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं आयी है और वहां भी यह बात हो सकती है कि पुराने मामलों में जांच पहले हो, तो फिर बात वहीं अटक जायेगी़ लेकिन यदि गृह विभाग यह आदेश दे, तो यह जांच भी तुरंत हो सकती है और रिपोर्ट भी आ सकती है.
ऐसे मामलों में प्रत्यक्षदर्शी गवाह शायद ही होते हैं. अत: गवाह पीड़िता, डाॅक्टर, फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट, जांच पदाधिकारी व दो-तीन अन्य गवाह ही इस मामले में भी होंगे. अभियुक्त जेल में हैं. सभी साक्षी रांची में हैं. अत: पुलिस इस हफ्ते आरोप पत्र दाखिल कर सकती है और अगले सोमवार-मंगलवार तक अभियुक्तों को पुलिस पेपर देकर मामले को मजिस्ट्रेट के सुपुर्द कर सकते हैं. उसके बाद सत्र न्यायाधीश एक टाइम बांड फ्रेम में सुनवाई कर सकते हैं.
उदाहरणार्थ दिनांक 12 : आरोपियों पर सुनवाई और आरोप गठन
13 : आरोप पत्र गवाह 1, 2 की गवाही
14 : आरोप पत्र गवाह 3, 4 की गवाही
15 : आरोप पत्र गवाह 5, 6 की गवाही
16 : अभियुक्तों का बयान
17 : सफाई के गवाह अगर कोई हो
18 : अभियोजन पक्ष की बहस
19 : सफाई पक्ष का उत्तर
20-21 : फैसला
ऐसे प्रयोग कुछ और लोग भी कर चुके हैं और परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं : आज एक अच्छी खबर यह आयी कि हैदराबाद वाले मामले में अभियुक्तों के अभिभावकों ने यह कहा कि उनके पुत्रों को उचित सजा दी जाये.
यह एक बड़ी बात है और ऐसे अभिभावकों का सामाजिक सम्मान होना चाहिए. अगर अपराधियों को पारिवारिक संरक्षण नहीं मिलता और परिवार ही उनका तिरस्कार करता है, तो अपराधी पूरी तरह टूट जाते हैं. अगर ऐसी सामाजिक संस्कृति बनती है, तो यह भावी अपराधों को रोकने में कारगर होगी. समाज को इस दिशा में भी सोचना चाहिए. अपराध रोकने में केवल कानून कारगर नहीं हो सकते, चाहे वे कितने भी कड़े क्याें नहीं हों. लेखक झारखंड हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें