रांची : राज्य के सूखाग्रस्त 18 जिलों के बच्चों को 25 दिनों के अवकाश में मध्याह्न भोजन दिया जायेगा. अवकाश के दिनों में बच्चे घर में मध्याह्न भोजन खायेंगे. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ने संबंधित जिलाें के उपायुक्त, डीइओ और डीएसइ को पत्र भेज दिया है़ पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत सरकार ने सूखाग्रस्त जिलों के लिए अवकाश में 25 दिनों का मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है़
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बच्चों को छुट्टी में भी मिलेगा मिड डे मील
रांची : राज्य के सूखाग्रस्त 18 जिलों के बच्चों को 25 दिनों के अवकाश में मध्याह्न भोजन दिया जायेगा. अवकाश के दिनों में बच्चे घर में मध्याह्न भोजन खायेंगे. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ने संबंधित जिलाें के उपायुक्त, डीइओ और डीएसइ को पत्र भेज दिया है़ पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष […]
पहले चरण में 15 और दूसरे चरण में 10 दिनों का मध्याह्न भोजन दिया जायेगा. छुट्टी के दिनों में मध्याह्न भोजन उन्हीं बच्चों को दिया जायेगा जिनका वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कम से कम 50 फीसदी उपस्थिति रही है. मध्याह्न भोजन बच्चों को स्कूल में नहीं खिलाया जायेगा. चयनित बच्चों को तय मापदंड के अनुरूप 15 दिनों का चावल और कुकिंग कास्ट की राशि दी जायेगी.
इन जिलों में दिया जायेगा एमडीएम : रांची, खूंटी, लोहरदगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा और देवघर.
रांची सहित 18 सूखाग्रस्त जिलों के लिए निर्देश जारी
15 दिनों के मध्याह्न भोजन के लिए कक्षा एक से पांचवीं के बच्चों को प्रति दिन 100 ग्राम और कक्षा छह से आठवीं के बच्चे को प्रतिदिन 150 ग्राम के हिसाब से चावल दिया जायेगा. वहीं कुकिंग कास्ट 4.48 रुपये और 6.71 रुपये के हिसाब से मिलेगा.
इस तरह 15 दिनों के मध्याह्न भोजन के लिए कक्षा एक से पांचवीं के बच्चे को डेढ़ किलो चावल और 67.20 रुपये और कक्षा छह से आठवीं के बच्चों को 2.25 किलो चावल और 100.65 रुपये दिये जायेंगे. चावल और राशि का वितरण जिला में मध्याह्न भोजन के लिए उपलब्ध राशि से की जायेगी.
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