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रांची : पर्यावरण के लिए विकसित राष्ट्र सहयोग करें : स्पीकर
युगांडा में संसदीय संघ का सम्मेलन स्पीकर ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर रखी बातें रांची : स्पीकर दिनेश उरांव ने कंपाला (युगांडा) में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन दुनिया का सबसे ज्वलंत मुद्दा है़ भविष्य में इसके विनाशकारी परिणाम से निपटने के लिए संसदीय दायित्व […]
युगांडा में संसदीय संघ का सम्मेलन
स्पीकर ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर रखी बातें
रांची : स्पीकर दिनेश उरांव ने कंपाला (युगांडा) में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन दुनिया का सबसे ज्वलंत मुद्दा है़
भविष्य में इसके विनाशकारी परिणाम से निपटने के लिए संसदीय दायित्व महत्वपूर्ण है़ श्री उरांव राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के 64वें सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन विषय पर अपनी बातें रख रहे थे़ यह सम्मेलन 22 से 29 सितंबर तक कंपाला में हो रहा है़ सम्मेलन में स्पीकर ने कहा जलवायु परिवर्तन की वजह से विश्व का तापमान प्रतिवर्ष दो से ढाई डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है़
ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से जल का स्तर प्रतिवर्ष 0.2 एमएम बढ़ रहा है़ इससे आने वाले भविष्य में प्रलय की संभावना बढ़ती जा रही है़ स्पीकर ने कहा कि पूरी दुनिया इसका निदान ढूंढ रही है, वहीं भारत आज शौर्य ऊर्जा, वायु ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाने की ओर ध्यान दे रहा है़
स्पीकर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संसद के अधिनियम अंतर्गत नदी से नदी जोड़ो योजना की शुरुआत की थी़ ताकि बाढ़ एवं सुखाड़ से एक साथ निजात पायी जा सके़ इस योजना के अंतर्गत दो प्रमुख नदियाों कृष्णा एवं गोदावरी को आपस में जोड़ा गया. इस प्रकार की योजना वैसे सभी देशों के लिए लाभकारी है, जो नित दिन लगातार बाढ़ अथवा सुखाड़ जैसी समस्याओं से जूझ रहे है़ं
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