कोयला उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध कर रहे हैं भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रमिक संगठन
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सीसीएल में हड़ताल का मिला-जुला असर, झड़प भी हुई
कोयला उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध कर रहे हैं भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रमिक संगठन रांची : कोयला उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में कोल इंडिया में भारतीय मजदूर संघ (भामस) से संबद्ध श्रमिक संगठनों के आह्वान पर आयोजित पांच दिनों की हड़ताल का सीसीएल में मिलाजुला असर रहा. कई […]
रांची : कोयला उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में कोल इंडिया में भारतीय मजदूर संघ (भामस) से संबद्ध श्रमिक संगठनों के आह्वान पर आयोजित पांच दिनों की हड़ताल का सीसीएल में मिलाजुला असर रहा. कई एरिया में सुबह में कर्मियों को आने से रोका गया. कई स्थानों पर श्रमिकों की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प भी हुई. मुख्यालय में भी बंद का व्यापक असर नहीं रहा.
प्रबंधन ने कहा कि आठ से 10 फीसदी लोग काम पर नहीं अाये. उत्पादन पर कोई विशेष असर नहीं रहा. वहीं, अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के सीसीएल प्रभारी राजीव रंजन सिंह ने दावा किया कि सीसीएल के सभी क्षेत्रों में उत्पादन और डिस्पैच पूरी तरह बंद रहा. संघ की हड़ताल को संयुक्त मजदूर प्रतिनिधियों ने नाकाम करने की पूरी कोशिश की.
प्रबंधन ने भी इनका साथ दिया, लेकिन मजदूरों ने इसे नकार दिया. कथारा में संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बीएडके में संघ के मजदूरों के साथ संयुक्त मोर्चा के मजदूरों की झड़प हुई. कुज्जू एरिया में हड़ताल पूरी तरह सफल रही. यहां उत्पादन और डिस्पैच बंद रहा. एनके, पिपरवार में भी हड़ताल का असर रहा. रजरप्पा, राजहरा, चरही, बरका-सयाल, अरगड्डा, मगध-आम्रपाली में हड़ताल का व्यापक असर रहा. मुख्यालय में संघ के मजदूरों ने नारेबाजी भी की.
मुख्यालय में हड़ताल को सफल बनाने में अनूप सिंह, अमरमणि त्रिपाठी, संजय श्रीवास्तव, राज कुमार फुलाडिया, सतीश सिंह, अमित मुखर्जी, अमित कुमार आदि सक्रिय रहे. प्रबंधन ने दावा किया कि कई एरिया में सुबह की शिफ्ट में कुछ मजदूरों रोकने का प्रयास किया गया. थोड़ी देर में सभी मजदूर काम पर आ गये. उत्पादन थोड़ी देर से शुरू हुआ, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गयी है.
सीएमपीडीआइ मुख्यालय में सांकेतिक हड़ताल : सीएमपीडीआइ मुख्यालय में भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध यूनियनों की हड़ताल सांकेतिक रही. संघ से जुड़े करीब आधा दर्जन कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय के मुख्य गेट के सामने नारेबाजी की. मुख्यालय में जाकर मजदूरों को कोयला उद्योग हित में काम नहीं करने का आग्रह किया.
इस मौके पर सुनील कुमार सिंह, राज कुमार सिंह, मदन कुमार आदि मौजूद थे. सीएमपीडीआइ प्रबंधन ने दावा किया है कि कैंप कार्यालय और मुख्यालय मिला कर करीब छह से सात फीसदी मजदूर काम पर नहीं आये. कामकाज पर बहुत व्यापक असर नहीं पड़ा है.
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