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रांची : हत्या के दो मामलों में उम्रकैद की सजा से पांच हुए बरी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को उम्रकैद के सजायाफ्ताअों की अोर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में सजायाफ्ता केदार मिस्त्री को बरी करने का फैसला सुनाया. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता शौर्य कुमारी […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को उम्रकैद के सजायाफ्ताअों की अोर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में सजायाफ्ता केदार मिस्त्री को बरी करने का फैसला सुनाया.
इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता शौर्य कुमारी ने बताया कि हजारीबाग के बरही निवासी बजरंगी सिंह की हत्या के आरोप में केदार मिस्त्री को निचली अदालत ने दोषी पाकर 23 मई 2001 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. बजरंगी सिंह की हत्या सात नवंबर 1995 को कर दी गयी थी. केदार मिस्त्री ने हाइकोर्ट में अपील याचिका दायर कर सजा संबंधी आदेश को चुनाैती दी थी.
वहीं एक अन्य हत्या के मामले में सजायाफ्ता नुनेश्वर नायक, भोला साव, तेजो साव व बालेश्वर सिंह को उम्रकैद की सजा से बरी करने का फैसला सुनाया गया. इन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया. इसी मामले में सजायाफ्ता लक्ष्मण साव व बावुन सिंह का पहले ही निधन हो चुका है. प्रार्थियों की अोर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने खंडपीठ को बताया कि इनके खिलाफ महिला मुद्रिका की हत्या का आरोप है, जो सही नहीं है.
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