Advertisement
साक्षात्कार : यूको बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर चरण सिंह ने कहा, बैंकिंग प्रणाली में हो बदलाव
रांची : यूको बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर चरण सिंह दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आये. वित्तीय क्षमता व राज्य के विकास में इसकी भूमिका को लेकर उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री से अलग-अलग मुलाकात की. दोनों प्रमुख व्यक्तियों ने यूको बैंक की भूमिका की सराहना करते हुए राज्य में जरूरतमंदों को ऋण सुविधा बढ़ाते […]
रांची : यूको बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर चरण सिंह दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आये. वित्तीय क्षमता व राज्य के विकास में इसकी भूमिका को लेकर उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री से अलग-अलग मुलाकात की.
दोनों प्रमुख व्यक्तियों ने यूको बैंक की भूमिका की सराहना करते हुए राज्य में जरूरतमंदों को ऋण सुविधा बढ़ाते हुए राज्य के विकास में योगदान देने की सलाह दी. श्री सिंह ने झारखंड को बड़ी संभावनाओंवाला प्रदेश बताते हुए जोनल कार्यालय में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की लोन जरूरतें पूरा करने की दिशा में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करें.
साथ ही यह भी पता लगायें कि आम आदमी और छोटे उद्यमियों को बैंकिंग चैनल से लोन हासिल करने में क्या-क्या चुनौतियां पेश आ रही हैं. अपने व्यस्त दौरे में से समय निकालकर उनसे कई मुद्दों पर प्रभात खबर ने बातचीत की.
उन्होंने कहा कि हम अपनी नेटवर्क क्षमता का विस्तार करने के साथ ही फुलप्रूफ सुरक्षा इंतजाम के साथ हार्डवेयर और साफ्टवेयर की उन्नत व्यवस्था अमल में ला रहे हैं. लोगों को बैंक से जोड़ना बैंक की प्राथमिकता है.
सवाल : बैंकिंग प्रणाली किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, आपकी क्या भूमिका होगी?
जवाब : ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंक से जोड़ना किसी भी बैंक की पहली प्राथमिकता होती है. यूको बैंक राज्य के विकास में अपनी वित्तीय साख मजबूत करना चाहता है.
सवाल : कारोबार के लिहाज से आपका बैंक ग्राहकों को कितनी प्राथमिकता देता है?
जवाब : हमने अपने बैंक के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लोन की उपलब्धता के बाद भी किसी इकाई या ग्राहक को इसके लिए दर-दर नहीं भटकना पड़े. प्रत्येक महीने की पंद्रह तारीख को शिकायतों के निवारण के लिए रिजर्व रखा है.
सवाल : मौजूदा बैंकिंग सिस्टम को किस नजर से देखते हैं?
जवाब : अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही हो तो ऐसे में कड़े सुधारात्मक नियम अच्छे हैं, लेकिन जब अर्थव्यवस्था में मंदी हो तो हमें वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में स्थानीय परिवेश में बदलाव के लिए सोचना होगा.
सवाल : कौन सा क्षेत्र आपकी प्राथमिकता में है?
जवाब : हमने कॉरपोरेट सेक्टर को बैड लोन की वजह से प्राथमिकता से बाहर किया है. एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों खासकर महिलाओं को लोन देने के निर्देश दिये गये हैं.
सवाल : ऊपरी स्तर पर मंदी है तो नीचे ऋण प्रवाह कैसे संभव है?
जवाब : लोन वसूली और लक्ष्य प्राप्ति अलग-अलग बातें है. पहले कृषि, एमएसएमइ और स्मॉल-माइक्रो लोन हमारी प्राथमिकता में नहीं थे. अब सरकार का फोकस इस ओर गया है. पहले मंदी थी, जिसका असर नीचे तक गया, लेकिन अब सुधार व विकास नीचे से ऊपर की ओर है, सफलता मिलेगी.
Advertisement