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रांची विवि समेत पांच विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के 1118 पद खाली

सुनील कुमार झा राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र एक बार ही हुई नियुक्ति रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. इसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. वर्ष 2018 तक की रिक्ति के अनुसार, राज्य के पांच विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के ही 2400 पद […]

सुनील कुमार झा
राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र एक बार ही हुई नियुक्ति
रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. इसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. वर्ष 2018 तक की रिक्ति के अनुसार, राज्य के पांच विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के ही 2400 पद में से 1118 पद खाली हैं.
रांची विवि में 268 (विवि व कॉलेजों को मिलाकर), विनोबा भावे विवि में 155, सिदो-कान्हू विवि में 188, नीलाबंर-पीतांबर विवि में 161 और कोल्हान विवि में 346 सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं. इनमें 552 पद पर सीधी और 556 पर बैकलॉग नियुक्ति की जानी है. इन पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया दो वर्ष से चल रही है.
इसे लेकर झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन मंगाये गये थे. लगभग 14 हजार आवेदन जमा भी हुए, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है.
नीलांबर-पीतांबर विवि : 19 पीजी विभाग में 132 सृजित पद खाली
वर्ष 2009 में रांची विवि से अलग कर नीलांबर-पीतांबर विवि का गठन किया गया. विवि के पीजी विभागों व कॉलेजों को मिला कर कुल 161 पद रिक्त हैं. वहीं, विवि के गठन के समय ही 19 पीजी विभागों में शिक्षकों के लिए सृजित 132 पद (22 प्रोफेसर, 44 एसोसिएट प्रोफेसर व 66 असिस्टेंट प्रोफेसर) अब तक खाली हैं. इन पर नियुक्ति ही नहीं की गयी है. पीजी विभागों में लगभग तीन हजार छात्र हैं. इनकी पढ़ाई का जिम्मा सिर्फ 18 प्रतिनियुक्त शिक्षकों पर ही है.
वर्ष 2008 में ही हुई थी शिक्षकों की नियुक्ति
वर्ष 2000 में सरकारी विश्वविद्यालयों की संख्या तीन थी, जो अब सात हो गयी है. राज्य गठन के 19 वर्ष में अब तक मात्र एक बार वर्ष 2008 में विश्वविद्यालयों में 850 सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति की गयी.
आरयू : मार्च 2020 तक 48 शिक्षक सेवानिवृत्त हो जायेंगे
रांची विश्वविद्यालय (आरयू) में ही शिक्षकों के 1108 पद सृजित हैं. इनमें 509 स्थायी शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि सेवानिवृत्ति के कारण 599 पद खाली हैं. इनके अलावा विवि में थर्ड ग्रेड के 764 में से 436 और फोर्थ ग्रेड के 731 में से 393 पद भी खाली हैं.
वहीं, रांची विवि में ही 31 मार्च 2020 तक 48 शिक्षक सेवानिवृत्त हो जायेंगे. इनमें 28 एसोसिएट प्रोफेसर, 12 असिस्टेंट प्रोफेसर व सात विवि प्रोफेसर शामिल हैं. एक प्राचार्य भी सेवानिवृत्त हो जायेंगे. ऐसे में पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे रांची विवि को और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर विवि में लगभग 483 कांट्रैक्ट शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.
डीएसपीएमयू : पद सृजन का प्रस्ताव लंबित
राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में रांची कॉलेज को अपग्रेड कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) बनाया. विवि में कॉलेज के समय के ही शिक्षकों के 148 पद स्वीकृत हैं, इनमें 73 शिक्षक कार्यरत हैं और 75 पद रिक्त हैं. वहीं, विवि बनने के बाद प्रोफेसर के 29, एसोसिएट प्रोफेसर के 58, असिस्टेंट प्रोफेसर के 116 पद सृजित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया. दो साल बाद अब भी पद सृजन का प्रस्ताव सरकार स्तर पर लंबित है.

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