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PM आवास योजना में रोल मॉडल बना झारखंड, होम लोन लेने वालों को भी मिलेगी सब्सिडी

रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना के चार साल पूरे होने पर झारखंड नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड आवास योजना में देश के लिए रोल मॉडल बन गया है. झारखंड में बनाये गये आवास और उनकी पेंटिंग को केंद्र की ओर से जारी किये गये ब्रॉचर में शामिल […]

रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना के चार साल पूरे होने पर झारखंड नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड आवास योजना में देश के लिए रोल मॉडल बन गया है. झारखंड में बनाये गये आवास और उनकी पेंटिंग को केंद्र की ओर से जारी किये गये ब्रॉचर में शामिल किया जा रहा है. सामाजिक अंकेक्षण के कार्य में भी झारखंड देश का पहला राज्‍य बन गया है.

श्री सिंह ने बताया के प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों को राशि के वितरण और प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए पासबुक दिया गया है. अब भारत सरकार ने सभी राज्‍यों को इसका अनुकरण करने की सलाह दी है. योजना के आवासों में खुबसूरती लाने के लिए दीवारों पर परंपरागत पेंटिंग, सोहराय पेंटिंग की मदद से राज्‍य के पारंपरिक कला का प्रदर्शन किया गया है. जिसकी सराहना भारत सरकार की ओर से भी की गयी है.

2022 तक सबके पास हो घर अपना के सपने को साकार करने का लक्ष्‍य

सबके लिए 2022 तक आवास के सपने को साकार करने के लिए झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा ‘हाउसिंग फॉर ऑल प्‍लान ऑफ एक्‍शन’ तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवासीय इकाईयों की कुल मांग 2.47 लाख है. जिनमें भारत सरकार की ओर से 1,60,746 आवास स्‍वीकृत हैं. इनमें 92,229 आवास ग्राउंडेड हैं. 48,407 आवास बनकर तैयार हैं, जबकि 43,822 आवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है.

‘लाभार्थी’ व्‍यक्तिगत आवास निर्माण’ (बीएलसी) के तहत झारखंड में कुल 1,00,571 आवास स्‍वीकृत हैं. जिसमें 48,247 आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. लगभग 35,697 आवासों के निर्माण कार्य प्रगत पर है और 19,333 नये लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है. झारखंड में यह प्रयास किया जा रहा है कि लक्ष्‍य से ज्‍यादा लाभार्थी का चयन किया जाए, ताकि कोई भी लाभुक छूट ना जाए.

पूर्व में होम लोन लेने वाले लोगों को भी मिलेगा सब्सिडी का लाभ

स्‍मार्ट सिटी परियोजना के सहायक निदेशक संजय कुमार पाण्‍डेय ने बताया कि जिसके पास अपना पक्‍का मकान नहीं है सरकार उन्‍हें भी 2,67,000 रुपये का लाभ प्रदान कर रही है. आप अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में कहीं फ्लैट खरीदते हैं और आपने वह फ्लैट बैंक से होम लोन लेकर खरीदा है तो सरकार आपको 2,67,000 रुपये की सब्सिडी देगी. यह राशि आपके कुल ऋण की राशि में जमा कर दी जायेग. यानि आपने जितना ऋण लिया है उसमें 2,67,000 रुपये की राशि कम हो जायेगी.

उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत आज से चार से पहले 25 जून 2015 को हुई थी. इसके तहत आपने अगर 25 जून 2015 से बाद होम लोन लिया है तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए झारखंड सरकार ने केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक और एचडीएफसी बैंक के साथ करार किया है. आपको अपने बैंक में ही एक आवेदन पत्र मिलेगा. जिसे भरकर आप बैंक में जमा करेंगे और सरकार की ओर से 2,67,000 रुपये की सब्सिडी प्राप्‍त कर सकेंगे.

रांची स्‍मार्ट सिटी योजना के तहत कई कामों में लायी गयी है तेजी

स्‍मार्ट सिटी परियोजना के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना स्‍मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्‍य आगामी कुछ वर्षों में 100 स्‍मार्ट सिटी का निर्माण करना है. रांची भी इस सूची में शामिल है. रांची स्‍मार्ट सिटी को ग्रीन फिल्‍ड के रूप में विकसित करना है. इसके लिए झारखंड सरकार ने एचईसी से 656.30 एकड़ भूमि प्राप्‍त कर रांची स्‍मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है. इस भूमि पर ‘क्षेत्र आधारित विकास’ (एबीडी) के रूप में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सभी बुनियादी सुविधा, सुरक्षा, कौशल विकास, स्‍वास्‍थ्‍य, परिवहन आदि की व्‍यवस्‍था की जायेगी.

रांची स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत एबीडी और पैन सिटी को मिलाकर स्‍मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) और इम्‍पैक्‍टफुल प्रोजेक्‍ट के कुल 36 परियोजनाएं क्रियान्वित किया जाना है, जिसका अनुमानित लागत 3007 करोड़ रुपये होगा. कुल 36 परियोजनाओं में से एक परियोजना जयपाल सिंह स्‍टेडियम एवं वेंडर मार्केट का कार्य पूरा किया जा चुका है और 26 परियोजनाओं पर काम चल रहा है.

स्‍मार्ट परिसर में 1,50,000 लोगों के रहने और व्‍यवसाय की व्‍यवस्‍था होगी

एचईसी परिसर में विकसित हो रहे स्‍मार्ट परिसर के अंदर आवासीय, व्‍यवसायिक, शैक्षणिक सहित विभिन्‍न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग भू-खंड चिन्हित किये गये हैं. विभिन्‍न क्षेत्रों में करीब 375 एकड़ भूमि की बिक्री होगी. वहीं शेष भूमि में इंटीग्रेटेड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर विकसित किया जायेगा.

इस परिसर में करीब 70,000 लोगों के स्‍थायी रूप से रहने की व्‍यवस्‍था होगा. विभिन्‍न प्रतिष्‍ठानों में काम करने वाले कर्मियों की संख्‍या करीब 80,000 होगी. कुल मिलाकर परिसर में 1,50,000 लोगों के रहने और व्‍यवसाय करने की व्‍यवस्‍था इस परिसर में होगी. आवासीय परिसर और व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों में विश्‍व स्‍तरीय अत्‍याधुनिक नागरिक सुविधाएं मुहैया करायी जा सके इसके लिए कई महत्‍वकांक्षी परियोजनाओं पर काम चल रहा है.

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