रांची : झारखंड के महाधिवक्ता अजीत कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट के सभी अपर महाधिवक्ता एवं विधि पदाधिकारियों को पत्र लिख कर सेवानिवृत्ति से संबंधित मामलों के त्वरित एवं ससमय निष्पादन का निर्देश दिया है. उन्होंने लिखा है कि सेवानिवृत्त पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति भुगतान के मामले भारी संख्या में हाइकोर्ट में दायर किये जाते […]
रांची : झारखंड के महाधिवक्ता अजीत कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट के सभी अपर महाधिवक्ता एवं विधि पदाधिकारियों को पत्र लिख कर सेवानिवृत्ति से संबंधित मामलों के त्वरित एवं ससमय निष्पादन का निर्देश दिया है. उन्होंने लिखा है कि सेवानिवृत्त पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति भुगतान के मामले भारी संख्या में हाइकोर्ट में दायर किये जाते हैं.
ज्यादातर मामलों में ऐसा पाया जाता है कि संबंधित सेवानिवृत्त पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बावजूद कई वर्षों तक सेवानिवृत्ति भुगतान के संबंध में फाइलें लंबित रहने के कारण एवं न्यायालय में स्पष्ट एवं मजबूती से पक्ष प्रस्तुत नहीं किये जाने की वजह से मामलों के निष्पादन में विलंब होता है.
उन्होंने लिखा है कि ऐसा भी देखा गया है कि लंबी अवधि के उपरांत न्यायालय के आदेश के बावजूद विभागों से विषयों का निष्पादन नहीं हो पाता है तथा अंतत: न्यायालय द्वारा अपने आदेश में दंड की राशि अथवा ब्याज सहित सेवानिवृत्ति की राशि के भुगतान का आदेश पारित किया जाता है, जिससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है.
महाधिवक्ता ने निर्देश दिया है कि सभी विधि पदाधिकारी अपने स्तर से अपने कार्यालय के आवंटित मामलों का स्वयं अनुश्रवण करेंगे. यदि कहीं विलंब हो, तो इसकी सूचना महाधिवक्ता को देंगे. साथ ही अनुमान्य भुगतान ससमय पर हो, यह सुनिश्चित करेंगे.
महाधिवक्ता ने लिखा है कि विधि पदाधिकारी को ऐसा प्रतीत हो कि संबंधित मामले में कोई विवाद नहीं है एवं अकारण विलंब हुआ हो, तो वे इस संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष से सीधे तौर पर पत्राचार करते हुए संबंधित पत्र की प्रति महाधिवक्ता कार्यालय को देंगे, ताकि स्टेट इंपावर्ड कमेटी द्वारा दोषी पदाधिकारियों को चिह्नित करने एवं उनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जा सके.