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हाइकोर्ट बिल्डिंग निर्माण गड़बड़ी का मामला, सुनवाई से चीफ जस्टिस की खंडपीठ का इनकार
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को धुर्वा (रांची) में 165 एकड़ भूमि पर बनाये जा रहे हाइकोर्ट बिल्डिंग निर्माण में वित्तीय अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिकाअों पर सुनवाई नहीं हो पायी. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने प्रार्थियों की दलील सुनने के बाद मामले की सुनवाई से अपने […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को धुर्वा (रांची) में 165 एकड़ भूमि पर बनाये जा रहे हाइकोर्ट बिल्डिंग निर्माण में वित्तीय अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिकाअों पर सुनवाई नहीं हो पायी.
चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने प्रार्थियों की दलील सुनने के बाद मामले की सुनवाई से अपने को अलग कर लिया. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया. अब मामले की सुनवाई दूसरी सक्षम बेंच करेगी.
इससे पूर्व प्रार्थी अधिवक्ता राजीव कुमार व अधिवक्ता राजेश्वर पांडेय ने हाइकोर्ट बिल्डिंग निर्माण में संवेदक व अभियंताअों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का मामला उठाया.
उनकी आेर से कहा गया कि वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अोर से दायर शपथ पत्र में वित्तीय गड़बड़ी को स्वीकार किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजीव कुमार व राजेश्वर पांडेय ने अपनी याचिका में कहा है कि 365 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति थी.
इसे कम कर मेसर्स रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को हाइकोर्ट बिल्डिंग निर्माण का कार्य दिया गया. बिना सरकार की अनुमति के 265 करोड़ के कार्य को लगभग 697 करोड़ तक पहुंचा दिया गया है. इसमें इंजीनियरों व संवेदक कंपनी की मिलीभगत है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गयी है.
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