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राहुल गांधी की परिवर्तन उलगुलान रैली बनी परिवार का शो, पिता पुत्र, पति-पत्नी ससुर-बहू बढ़ा रहे थे मोरहाबादी में मंच की शोभा
आनंद मोहन रांची : दो मार्च को रांची में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली थी. राहुल झारखंड में पार्टी के अंदर चुनावी जज्बा भरने आये थे. वहीं, जमीन से दूर होती कांग्रेस परिवार से बाहर नहीं निकल पा रही है. रैली में राहुल गांधी का मंच परिवार का शो बनकर रह गया […]
आनंद मोहन
रांची : दो मार्च को रांची में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली थी. राहुल झारखंड में पार्टी के अंदर चुनावी जज्बा भरने आये थे. वहीं, जमीन से दूर होती कांग्रेस परिवार से बाहर नहीं निकल पा रही है.
रैली में राहुल गांधी का मंच परिवार का शो बनकर रह गया था. मंच पर नेता के बेटे, भाई, पत्नी, बहू सब शोभा बढ़ा रहे थे. कांग्रेस में भीड़ नहीं, मंच पर बैठने का रोमांच रहा. प्रभारी आरपीएन सिंह और सह-प्रभारी व मध्य प्रदेश में मंत्री उमंग सिंघार लिस्ट तैयार करने में पसीना बहाते रहे. पूरा सिस्टम इनके हाथों में था. राजधानी के एक होटल का कमरा नंबर 101, 301 और 307 रैली का कैंप कार्यालय बना था.
यहीं पर राहुल से मिलनेवालों, स्वागत करनेवाले और एयरपोर्ट पर मुलाकात करने वालों के लिस्ट फाइनल हो रही थी. कई राउंड की मशक्कत के बाद लिस्ट तैयार हुई. रैली से एक दिन पूर्व रात दो बजे तक लिस्ट ही तैयार हो रही थी.
पिक एंड चूज का खेल चल रहा था : कांग्रेसी ही कहते हैं : पिक एंड चूज का खेल चल रहा था. रैली के लिए भीड़ जुटाने से ज्यादा चिंता राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात और चेहरा चमकाने की थी. इसके लिए पार्टी के नेता अपने बेटे, भाई, पत्नी, बहू को जगह दिलाने में ताकत लगा रहे थे.
सबको मंच में जगह चाहिए थी. रैली में व्यवस्था कैसे बने रहे इसको लेकर कोई तैयारी नहीं थी. एक नेता पुत्र को बैठाने के लिए पार्टी से जुड़े एक संगठन के पांच पूर्व अध्यक्षों को बैठाना पड़ा. वहीं, मंच-मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष स्टेज से दूर रहे. केवल एक संगठन के पूर्व अध्यक्षों को जगह मिली. बहरहाल मंच पर 65 लोगों को जगह मिली, वहीं 165 नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की.
नेताओं के ये परिवार थे मंच पर
पिता- पुत्र
राजेंद्र सिंह-अनूप सिंह, गौरव सिंह
फुरकान अंसारी-इरफान अंसारी
ददई दुबे-अजय दुबे
पति-पत्नी
अरुण उरांव-गीता श्री उरांव
शैलेंद्र महतो-आभा महतो
ससुर-बहू
अवध बिहारी सिंह- दीपिका पांडेय सिंह
भाई-भाई
गोपाल साहू-धीरज साहू
नहीं था कोई मापदंड
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के बने 15 महीने हो गये हैं. प्रदेश कमेटी अब तक नहीं बन पायी है. मंच पर बैठने से लेकर स्वागत व एयरपोर्ट पर मिलने को लेकर कोई मापदंड नहीं था. जिसको जैसे जुगाड़ लगा, सूची में शामिल हो गये. प्रदेश नेताओं के इर्द-गिर्द रहनेवाले कार्यकर्ताओं को मौका मिला. राज्य के दूर-दराज के इलाके में पार्टी का झंडा ढोने वाले दूर ही रहे.
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