रांची : झाविमाे छोड़ कर भाजपा में शामिल होनेवाले छह विधायकों के भाग्य का फैसला 20 फरवरी को होगा़ स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण के द्वारा दलबदल की 10वीं अनुसूची के तहत फैसला सुनाया जायेगा़ स्पीकर की ओर से संबंधित पक्ष को इसकी सूचना पत्र के माध्यम से दे दी गयी है़
तीन वर्ष 10 महीने की सुनवाई प्रक्रिया पूरी करते हुए पिछले वर्ष 12 दिसंबर को स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रखा था़ इस दिन इस मामले मेें आखिरी सुनवाई हुई थी़ इसके बाद राजनीतिक गलियारे से लेकर सत्ता के केंद्र तक स्पीकर के फैसले को लेकर अटकलें लग रही थी़ं
झाविमो के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने वर्ष 2015 के फरवरी महीने में स्पीकर के पास आवेदन देकर पार्टी सिंबल से चुनाव जीतनेवाले छह विधायकों के भाजपा शामिल होने के बाद दलबदल का मामला चलाने का आग्रह किया था़ स्पीकर ने दोनों आवेदन को मेंटेनबल मानते हुए सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की थी़
70 से ज्यादा लोगों की गवाही हुई : वर्ष 2015 से शुरू हुई सुनवाई में 97 अलग-अलग तिथियां दी गयी़ स्पीकर ने वादी (बाबूलाल मरांडी व प्रदीप यादव) और प्रतिवादी (छह आरोपी विधायक) के पक्ष सुने़ इस मामले में वादी-प्रतिवादी की ओर से 86 गवाहों की सूची दी गयी, जिसमें 70 से ज्यादा लोगों की गवाही हुई़ स्पीकर ने कई गवाहों को निरस्त किया़ कई लोग गवाही देने नहीं पहुंचे़ इस मामले में सभी छह आरोपी विधायकों सहित बाबूलाल मरांडी व प्रदीप यादव की भी गवाही हुई़
चार वर्ष की सुनवाई के बाद आ रहा है फैसला, दिन के 3़ 30 बजे स्पीकर का न्यायाधिकरण सुनायेगा फैसला
पिछले वर्ष 12 दिसंबर को सुनवाई हुई थी पूरी, फैसला था सुरक्षित
कब क्या हुआ
9 फरवरी, 2015 : झाविमो के बागी विधायकों ने स्पीकर को पत्र लिख कर अलग बैठने की मांग की
10 फरवरी, 2015 : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पत्र लिख कर चार विधायकों के दलबदल करने के मामले में कार्रवाई की मांग की
11 फरवरी, 2015 : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दो और विधायकों पर दल बदल के तहत कार्रवाई की मांग की़
12 फरवरी, 2015 : स्पीकर ने झाविमो नेताओं को पक्ष रखने के लिए बुलाया़
25 मार्च, 2015 : याचिका को सुनवाई योग्य मानने को लेकर बहस शुरू हुई़
12 दिसंबर, 2018 : दल बदल पर स्पीकर के न्यायाधिकरण में आखिरी सुनवाई हुई़ फैसला सुरक्षित.