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रांची : एलिफैंट रिजर्व क्षेत्र में माइनिंग कार्य पर रोक बरकरार
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को चाईबासा के नोवामुंडी प्रखंड के भनगांव में एलिफैंट रिजर्व क्षेत्र में माइनिंग लीज को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब पर प्रार्थी को रिजवाइंडर दायर करने का निर्देश दिया. […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को चाईबासा के नोवामुंडी प्रखंड के भनगांव में एलिफैंट रिजर्व क्षेत्र में माइनिंग लीज को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब पर प्रार्थी को रिजवाइंडर दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही माइनिंग कार्य की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई पर पूर्व में लगायी गयी रोक को बरकरार रखा. साउथ वेस्टर्न कंपनी की अोर से हस्तक्षेप याचिका दायर करने की छूट प्रदान की. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि बिना फॉरेस्ट क्लियरेंस लिये ही जंगलों से अंडरग्राउंड बिजली केबल बिछाने की योजना लागू कर दी जाती है. इस कारण योजना अधूरी रह जाती है. ऐसी योजना ही क्यों बनायी जाती है.
एलिफैंट कॉरीडोर क्षेत्र में माइनिंग का टेंडर जारी कर दिया गया. फॉरेस्ट क्लियरेंस लेने की जिम्मेवारी किसकी है. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन जनवरी 2019 की तिथि निर्धारित की.
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