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रांची : पुलिस की कार्यशैली में सुधार की सख्त जरूरत, पीड़ित से संयमित व्यवहार करें

वर्षों से स्थायी वारंट का तामिला नहीं होने पर हाइकोर्ट ने कहा रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में वर्षों से स्थायी वारंट का तामिला नहीं कराने के मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए माैखिक रूप से कहा कि 16593 वारंट […]

वर्षों से स्थायी वारंट का तामिला नहीं होने पर हाइकोर्ट ने कहा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में वर्षों से स्थायी वारंट का तामिला नहीं कराने के मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए माैखिक रूप से कहा कि 16593 वारंट का शीघ्र तामिला कराया जाये तथा अदालत को जानकारी दी जाये. पुलिस की कार्यशैली में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है. पुलिस अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लायें.
छोटी-छोटी गलतियों पर जिले के एसपी अपने जूनियर अधिकारियों को प्रताड़ित नहीं करें. पुलिसकर्मियों को निलंबित करना समस्या का समाधान नहीं है. अदालत ने कहा कि जहां तक संभव हो सके, पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपने जूनियर अधिकारियों को अपग्रेड करने का काम करें. उन्हें समुचित ट्रेनिंग दिलायें, ताकि केस का जल्द से जल्द निष्पादन सुनिश्चित हो सके. वर्षों तक जांच का कार्य चलता रहा है.
कुछ मामलों में केस का अनुसंधान 23 साल से अधिक समय तक चलता रहा है. अदालत ने कहा कि थाना में पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों का व्यवहार पीड़ित के प्रति संयमित होना चाहिए. इससे फरियादी या शिकायतकर्ता बिना डर के थाना में अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे. एक मामले में देखा गया है कि पुलिस अधिकारी का पुत्र फरार है. उसके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है. कार्रवाई नहीं करना गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
अगली सुनवाई में विस्तृत जवाब दाखिल करें
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मामले की अगली सुनवाई के पूर्व दर्ज शिकायतवाद समेत अन्य मामलों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के विषय में विस्तृत जवाब दाखिल किया जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दाैरान गृह सचिव व डीजीपी सशरीर उपस्थित थे.
राज्य सरकार ने वारंट मामले में दी रिपोर्ट
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से जवाब दाखिल कर बताया गया कि राज्य के पुलिस थानों में दर्ज मामलों में 31,311 आरोपी फरार थे. इनके खिलाफ अदालत से वारंट मिला था. इसमें से 2,971 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. 9251 आरोपियों ने सरेंडर किया है. स्थायी गिरफ्तारी वारंट वाले 2,489 आरोपियों की मौत हो चुकी है. वहीं 16,593 आरोपियों की गिरफ्तारी प्रक्रिया लंबित है.
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दाैरान हरि सिंह की अपील पर सुनवाई के दाैरान लंबे समय से फरार चल रहे अारोपी दशरथ सिंह को गिरफ्तार नहीं करने को अदालत ने गंभीरता से लिया था. साथ ही राज्य सरकार को जिलावार स्थायी वारंट के तामिला के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

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