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ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा, पीएम को है किसानों की चिंता, राजकुमार को नहीं
रांची : केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि देश की आजादी से लेकर वर्ष 1980 तक किसी क्षेत्र में रिफॉर्म के बारे में कभी नहीं सोचा गया़ देश की आजादी के 67 वर्षों तक गांव, किसान, गरीब, मजदूर को लेकर चिंता नहीं की गयी़ 48 वर्षों तक एक प्रजातांत्रिक देश में जिस परिवार […]
रांची : केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि देश की आजादी से लेकर वर्ष 1980 तक किसी क्षेत्र में रिफॉर्म के बारे में कभी नहीं सोचा गया़ देश की आजादी के 67 वर्षों तक गांव, किसान, गरीब, मजदूर को लेकर चिंता नहीं की गयी़
48 वर्षों तक एक प्रजातांत्रिक देश में जिस परिवार का शासन रहा, उसके राजकुमार अब किसान की बात करते है़ं किसान की बात करते, नारा लगाते उनको शर्म नहीं आती है़ केंद्रीय मंत्री सिंह गुरुवार को खेलगांव में ग्लोबल समिट के उदघाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़ श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार घोटाले में लगी रही, दस वर्षों तक सोये रही सरकार. बर्तन मांजनेवाली मां और देहात से लेकर रेलवे स्टेशन तक चाय बेचनेवाला जब देश का प्रधानमंत्री बना तो उसने गरीबों की चिंता की़ नरेंद्र मोदी ने गांव, किसान, मजदूर और गरीबों की चिंता की़ उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते, तो किसान क्रेडिट कार्ड नहीं मिलता़
गांव के किसान सड़क नहीं देखते़ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू हुई़ 2004 के बाद सरकार बनी, तो कोई मार्केटिंग रिफॉर्म नहीं हुआ़ संयुक्त राष्ट्र संघ की चेतावनी के बावजूद स्वॉयल टेस्ट के लिए मानक तय नहीं हुआ़ राज्यों को पैसा नहीं मिल रहा था़ 2014 तक क्या हुआ, राजकुमार को बताना चाहिए़ कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 99 योजनाएं लंबित पड़ी थी़
कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की उन्नति के लिए स्वामीनाथन ने 201 सुझाव दिये़ 2006 में रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ़ स्वामीनाथन ने खुद ही लिखा है कि पहले अधिसंख्य काम नहीं किये गये, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो काम आगे बढ़ा़ पिछले चार वर्षों में नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों की आय वृद्धि के लिए काम किया़
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पहले पांच वर्षों में एक लाख 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गये़ 2018-19 में दो लाख 11 हजार यानि दो गुना बजटीय प्रावधान किया गया़ इसके साथ 10 हजार 881 करोड़ का कॉरप्स फंड बनाया गया़ आधारभूत संरचना के लिए 750 करोड़, पशुपालन के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये दिये गये़
झारखंड के 19 बाजार ई-नेम से जुड़े
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में देश भर के 22 हजार ग्रामीण हाटों को बाजार से जोड़ने की बात कही थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार दस वर्षों तक सोयी रही. केंद्र सरकार ने किसानों के उत्पादों को बिचौलिया से मुक्त कराने के लिए ई-नेम से जोड़ने की शुरुआत की़ अब तक 585 बाजार ई-नेम से जुड़ चुके है़ं इसमें झारखंड के 19 बाजार है़ं अगले एक वर्ष में एक हजार बाजार जोड़े जाने है़ं माइक्रो इरिगेशन में काम हो रहा है़ एक साल में आठ हजार एकड़ एरिया में माइक्रो इरिगेशन पहुंचा है़ पांच हजार करोड़ कॉरप्स फंड में रखे गये है़ं
राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत
सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले यूरिया के लिए हाहाकार मचता था़ बिचौलिये यूरिया बाजार में बेच रहे थे़ वर्तमान सरकार ने नीम कोटेड यूरिया किसानों तक पहुंचाना शुरू किया़ उन्होंने कहा कि पहले 99 परियोजनाएं लंबित थीं, जिसमें 40 पूरी हो गयी है़ं मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जा रहा है़ 63 हजार पैक्स को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है़ राष्ट्रीय कृषि बाजार की शुरुआत की गयी है़ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले किसानों के उत्पाद का समर्थन मूल्य इसलिए नहीं बढ़ा रहे थे कि खजाने पर बोझ पड़ेगा़ खजाने पर पहला अधिकार किसानों का है़
नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है़ लागत से 50 प्रतिशत अधिक समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है़ केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की़ उन्होंने कहा कि झारखंड ने तो किसानों का बीमा प्रीमियम भी माफ कर दिया है़ पहले यहां खान-खनन की बात होती थी़
झारखंड को अब किसानों की चिंता करनेवाला मुख्यमंत्री मिला है़ पीएम नरेंद्र मोदी वंश-परिवार की बात नहीं करते, वह राष्ट्र की बात करते है़ं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रधानमंत्री के सपनों को साकार कर रहे है़ं रघुवर दास के रूप में एक प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री मिला है, जो राज्य के हालात बदल रहा है़ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले विकास नहीं हुआ़ विकास हुआ, लेकिन गिने-चुने हुए लोगों का, नेताओं का, व्यापारियों का विकास हुआ़
मुट्ठी भर लोगों का विकास हुआ़ नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब, किसान तक पहुंची़ देश की 5़ 5 करोड़ माताओं को लकड़ी पर खाना बनाने से मुक्ति मिली़ गरीब के घर शौचालय बने, बिजली पहुंची़ हिमालय की खोह में कोई गांव-टोला हाेगा, तो वहां भी बिजली पहुंचेगी़ केंद्रीय मंत्री ने पिछले चार वर्षों में कृषि, पशुपालन, कृषि क्षेत्रों से जुड़े संस्थानों, आधुनिक तकनीकी और कृषि बाजार में किसानों की भागीदारी को लेकर आंकड़े प्रस्तुत करते हुए अपनी बातें रखी़ं
क्या-क्या कहा
2004 से 2014 तक देश को चलानेवाले सोये रहे, 99 परियोजनाएं लंबित थीं
खजाने पर पहला अधिकार किसानों का है, मोदी सरकार
ने इसलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया
पहले मुट्ठी भर लोगों का विकास हुआ, नरेंद्र मोदी गांव, गरीब, किसान तक पहुंचे
राज्य सरकार की तारीफ
पहले झारखंड में खान-खनन की बात होती थी. अब किसानों की चिंता करनेवाले हैं सीएम
रघुवर पीएम के सपने को साकार कर रहे हैं, प्रतिबद्धता के साथ राज्य के हालात बदल रहे हैं.
झामुमो पर भी निशाना
दिन में आदिवासी, किसान के नारे लगाते थे, जीत कर दिल्ली में वंश की राजनीति करते थे
राजनीति में कुछ ऐसे लोग हैं, जो केवल अपने वंश को मजबूत करने में लगे रहे.
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