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रांची : पारा शिक्षकों ने मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस को किया गुमराह, पांच ने प्राथमिकी में गलत नाम लिखवाया

रांची : राज्य स्थापना दिवस पर सरकार विरोधी नारा लगाने, पुलिस व प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की करने और जानलेवा हमला करने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार पारा शिक्षकों ने पुलिस और मजिस्ट्रेट को गुमराह किया है. पांच पारा शिक्षकों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस और मजिस्ट्रेट को पहले तो अपना नाम और पता गलत […]

रांची : राज्य स्थापना दिवस पर सरकार विरोधी नारा लगाने, पुलिस व प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की करने और जानलेवा हमला करने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार पारा शिक्षकों ने पुलिस और मजिस्ट्रेट को गुमराह किया है. पांच पारा शिक्षकों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस और मजिस्ट्रेट को पहले तो अपना नाम और पता गलत बताया.
जब उनका नाम प्राथमिकी में दर्ज कर लिया गया तो, तब उन्हीं पांच शिक्षकों ने प्राथमिकी में अपना नाम दोबारा लिखवाया. जिसके कारण प्राथमिकी में मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तार दिखाये गये 280 पारा शिक्षकों को जब पुलिस ने जेल भेजने के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया, तब पारा शिक्षकों की संख्या घट कर 275 हो गयी. इस वजह से पुलिस बाद में 275 पारा शिक्षकों को ही न्यायिक हिरासत में जेल भेज पायी.
गलत जानकारी देने की क्या थी मंशा
जानकारी के अनुसार न्यायालय में जब 275 पारा शिक्षकों को प्रस्तुत किया गया और प्राथमिकी में 280 को गिरफ्तार दिखाया गया था, तब पुलिस को यह आशंका हुई थी कि कहीं पांच पारा शिक्षक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भाग तो नहीं निकले. लेकिन जब जांच की गयी तो किसी के भागने की बात सामने नहीं आयी.
पुलिस को जांच के दौरान इस बिंदु पर भी आशंका है कि किन्हीं पांच पारा शिक्षकों ने केस में जेल जाने के बाद जमानत पर बाहर निकलने के बाद मामले से खुद को बचाने के लिए प्राथमिकी में गलत नाम लिखवाया होगा. लेकिन बाद में उन लोगों को यह आशंका हुई कि मामला पुलिस की पकड़ में आने के बाद धोखाधड़ी के आरोप में उनके खिलाफ दोबारा केस दर्ज कर सकती है. इस वजह से उन्हीं लोगों ने दोबारा अपना नाम और पता प्राथमिकी में सही-सही लिखवा दिया होगा.
गुमराह करनेवालों की हो रही जांच
प्राथमिकी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक- एक कर लोग पुलिस के पास आ रहे थे. चूंकि गिरफ्तार लोगों की संख्या अधिक थी, इसलिए किसने दोबारा प्राथमिकी में अपना नाम जुड़वा लिया, इस बात का तत्काल सत्यापन करना मुश्किल हो रहा था. इसलिए जैसे- जैसे लोग अपना नाम बताते गये, प्राथमिकी में उनका नाम लिख दिया गया.
हालांकि, कुल 275 पारा शिक्षक ही गिरफ्तार किये गये थे. लेकिन पांच पारा शिक्षकों द्वारा अपना नाम प्राथमिकी में दोबारा लिखवा देने की वजह से पारा शिक्षकों की संख्या बढ़ कर 280 हो गयी थी. अब पुलिस यह जांच में जुट गयी है कि गुमराह करने वाले पांच पारा शिक्षक कौन थे. उनके बारे में उनके स्कूल से सत्यापन किया जायेगा.
सीसीटीवी के जरिये पहचान करने की हो रही कोशिश
उल्लेखनीय है कि 280 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार किये जाने को लेकर लालपुर थाना में प्राथमिकी नामकुम सीओ सह मजिस्ट्रेट मनोज कुमार की शिकायत पर दर्ज की गयी.
प्राथमिकी में पारा शिक्षकों का नेतृत्व करनेवाले अध्यक्ष संजय दुबे, प्रदेश महासचिव विक्रांत ज्योति, संयोजक बजरंग प्रसाद, संरक्षक मनोज यादव , उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार, ऋषिकेश पाठक को आरोपी बनाया गया गया है.
जबकि घटना के दौरान बोकारो जिला के आनंद कुमार, गिरिडीह निवासी तुलसी महतो, विजय कुमार मिश्रा, निकिम सिंह मुंडा, रामपुकार पांडेय, महावीर मंडल, इम्तियाज अहमद, अभिलाषा झा, अरसद आलम, विश्वनाथ यादव भाग निकले थे. उन्हें भी प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा 1200 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. जिसके सत्यापन के लिए पुलिस घटना स्थल और आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिये उनका पहचान करने का भी प्रयास कर रही है.

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