रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में दुष्कर्म की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट तलब की है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि ऐसी घटनाओं में अभियुक्तों की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ चार्जशीट और उन्हें सजा दिलाने के मामलों में अब तक हुई कार्रवाई की वह खुद समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री ने सूचना भवन में जनसंवाद के तहत ‘सीधी बात’ के दौरान ये आदेश दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और आम जनता से सीधे मुखातिब हुए.
उन्होंने कुल 22 मामलों की समीक्षा करते हुए शिकायतकर्ताओं से आमने-सामने बात की. ज्यादातर मामलों को मौके पर निपटाने के आवश्यक निर्देश दिये. मामलों की सुनवाई के दौरान उन्होंने जिलों के उपायुक्तों को हिदायत दी कि जनसंवाद में दर्ज जनशिकायतों की हर हफ्ते खुद समीक्षा कर समस्याओं का त्वरित निपटारा करायें ताकि जनता को सरकारी दफ्तरों में ना दौड़ना पड़े. फाइलों को साफ साफ और सरल तरीके से लिखें.
गिरिडीह की एक लड़की से दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई न होने से जुड़ी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी प्रकट करते हुए पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दो महीने के भीतर ऐसे सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल करायें. अगर कोई थानेदार या जांच करनेवाला पुलिस अधिकारी इसमें विफल रहता है, तो उसे तत्काल सस्पेंड करें.
जामताड़ा जिले के नाला में सिंचाई विभाग (जल संसाधन विभाग) में अनुसेवक के पद पर कार्यरत गोपाल गोस्वामी की डयूटी के दौरान वर्ष 2011 में मृत्यु के मामले में आश्रित को अभी तक अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने डीसी जामताड़ा को निर्देश दिया कि 15 नवंबर 2018 तक तक नियुक्ति पत्र निर्गत कर दें. अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दिये जाने की एक अन्य शिकायत हजारीबाग जिले से आई थी.