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कौशल विकास मिशन के ग्लोबल स्किल समिट 2019 की तैयारियों की समीक्षा, सीएम ने कहा बाहर जानेवालों का करें पंजीयन
रांची : कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित किये जानेवाले ग्लोबल स्किल समिट 2019 की तैयारियों की समीक्षा शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की. कहा : राज्य में चेकपोस्ट के लिए बने भवनों समेत जिलों में बेकार पड़े भवनों में स्कील ट्रेनिंग संस्थान खोल कर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाये. कपड़ा और चमड़ा उद्योग में […]
रांची : कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित किये जानेवाले ग्लोबल स्किल समिट 2019 की तैयारियों की समीक्षा शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की. कहा : राज्य में चेकपोस्ट के लिए बने भवनों समेत जिलों में बेकार पड़े भवनों में स्कील ट्रेनिंग संस्थान खोल कर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाये. कपड़ा और चमड़ा उद्योग में प्रशिक्षित मानव संसाधन की काफी मांग है.
उद्योगों की जरूरत और बाजार की मांग के अनुरूप ही युवाओं को प्रशिक्षण दें. छात्रों की रुचि का ध्यान रखें. रोजगार के लिए बाहर जाने वालों को राज्य में ही नौकरी दिलायें. राज्य स्तर पर प्लेसटमेंट एजेंसी बना कर झारखंड से बाहर नौकरी के लिए जानेवालों का पंजीयन करायें. उन्होंने कहा : राज्य से बेरोजगारी समाप्त करना सरकार की प्राथमिकता है. लोगों को हुनरमंद बनाकर उनको रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ कर गरीबी समाप्त की जा सकी है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार कौशल विकास पर पूरा जोर दे रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा
राज्य के 24 में से 19 आकांक्षी जिले हैं. इनमें छह जिले अति पिछड़े जिलों की श्रेणी में हैं. वहां काफी गरीबी है. नक्सल के कारण अविकसित रह गये जिलों के विकास पर सरकार का विशेष फोकस है. उन जिलों में मेगा ट्रेनिंग सेंटर खोल कर स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले साल 12 जनवरी तक कौशल विकास के माध्यम से एक लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करना सरकार का लक्ष्य है.
आठ से 10 हजार रुपये की शुरुआती मासिक तनख्वाह में बड़ी संख्या में रोजगार सुलभ करायें. अनुभव और कौशल से आनेवाले समय में युवा ज्यादा वेतन पा सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के प्रशिक्षित युवा देश ही नहीं विदेशों में भी नौकरी के लिए जा रहे हैं. यह सुखद भविष्य का संकेत है.
बैठक में कौशल विकास सचिव राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि इस साल 34 हजार प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिल चुकी है. उनमें 68 प्रतिशत युवाओं को आठ से दस हजार रुपये और 17 प्रतिशत को दस हजार रुपये से ज्यादा तनख्वाह की नौकरी मिली है. केवल तीन से 12 माह तक के प्रशिक्षण के बाद उनको नौकरी मिल गयी है. सबसे ज्यादा करीब 49 फीसदी नौकरियां टेक्सटाइल उद्योग में मिली है. इस वर्ष 53 हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है.
उनमें से कई ने स्वरोजगार का विकल्प भी चुना है. 30 हजार युवाओं का प्रशिक्षण चल रहा है. उन्होंने कहा कि एक लाख युवाओं को जनवरी तक नौकरी दिलाने के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार काम किया जा रहा है. उद्योगों से उनकी आवश्यकता पूछी गयी है. उसके हिसाब से ही प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा. प्रशिक्षण देने के लिए लगभग 90 टीएसपी खोले जा रहे हैं.
प्लेसमेंट के लिए विशेष आयोजन किये जा रहे हैं. बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, नगर विकास सचिव एके सिंह, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, उद्योग सचिव विनय कुमार चौबे समेत उपस्थित थे.
क्षेत्र भ्रमण कर जनता से सीधा संवाद करें उपायुक्त : रघुवर दास
रांची़ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपायुक्तों को निश्चित अंतराल पर अपने क्षेत्र का भ्रमण करने का निर्देश दिया है. कहा है कि क्षेत्र भ्रमण से आम जनता और सरकार का सीधा समन्वय होगा. इससे जनता का शासन के प्रति विश्वास बढ़ेगा और समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंच सकेगी. भ्रमण से कल्याणकारी योजनाओं की वास्तविक जानकारी मिलेगी. इससे योजनाओं को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी़
मुख्यमंत्री शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों के साथ बैठक कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि कोल माइंस क्षेत्रों में सक्रिय भू-माफियाओं को चिह्नित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाये. उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान का विकास सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने बोकारो व संताल परगना के उपायुक्तों को दिसंबर में होनेवाली लुगूबुरु महोत्सव को राजकीय महोत्सव के रूप में मनाने के निर्देश दिये.
कहा कि इसमें ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और नेपाल से भी लोग आते हैं. महोत्सव में आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए व्यापक तैयारी और बेहतर इंतजाम होने चाहिए. उनके लिए नि:शुल्क बस सेवा का संचालन शुरू किया जाये. लुगूबुरु महोत्सव के सफल आयोजन से राज्य की छवि बेहतर होगी.
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक से अधिक फोकस होना चाहिए. सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर लागू किया जाना चाहिए. इस वर्ष से स्कूली बच्चों के यूनिफॉर्म बनाने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह को देने का फैसला किया गया है.
उपायुक्त अपने जिलों में एसएचजी को स्कूल यूनिफॉर्म बनाने के कार्य से जोड़ें. महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किये गये यूनिफॉर्म की गुणवत्ता अच्छी होगी और वितरण कार्यों में पारदर्शिता भी आयेगी. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मिले रोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी.
वीर शहीदों के गांवों को चिह्नित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची में बिरसा मुंडा संग्रहालय बन रहा है. संग्रहालय में राज्य के सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं. सभी जिलों के उपायुक्त वीर शहीदों के गांवों को चिह्नित करें. वहां से आगामी नौ से 23 जनवरी तक शहीदों के गांवों से मिट्टी लायी जायेगी. इस कार्य को सफल बनाने के लिए उपायुक्त सामाजिक संस्थाओं से आपसी समन्वय स्थापित करें.
डीबीटी के माध्यम से समिति के खाते में दे राशि
श्री दास ने कहा : गांवों के समग्र विकास के लिए ग्राम विकास समिति और आदिवासी ग्राम विकास समिति गठित की गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे विकास कार्यों का संचालन इन समितियों से कराया जाना है. उपायुक्त विकास के छोटे-मोटे कार्यों की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे समिति के बैंक खाते में उपलब्ध करायें.
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव गृह विभाग एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, सभी विभागों के सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त व अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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