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लोकमंथन समापन समारोह में हिस्सा लेंगी सुमित्रा महाजन , जयंत सिन्‍हा ने कहा, ब्यूरोक्रेसी जवाबदेही समझे

पंचायत स्तर पर भी जागरूकता, जिम्मेदारी होगी, तभी सुशासन आयेगा रांची : लोकमंथन के तहत शनिवार को व्यवस्थावलोकन के प्रथम सत्र में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को जवाबदेही समझनी होगी. तीन बातें बेहद जरूरी हैं. जागरूकता, क्षमता और जवाबदेही. ये तीन बातें ही गुड गवर्नेंस के स्तंभ हैं. […]

पंचायत स्तर पर भी जागरूकता, जिम्मेदारी होगी, तभी सुशासन आयेगा
रांची : लोकमंथन के तहत शनिवार को व्यवस्थावलोकन के प्रथम सत्र में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को जवाबदेही समझनी होगी. तीन बातें बेहद जरूरी हैं. जागरूकता, क्षमता और जवाबदेही. ये तीन बातें ही गुड गवर्नेंस के स्तंभ हैं.
श्री सिन्हा ने कहा कि मुझे हैरानी होती है कि हमारे प्रशासनिक पदाधिकारियों को समझ नहीं है कि हर सेकेंड, हर मिनट, हर घंटा, हर दिन किसी उद्योगपति के लिए कितना मूल्यवान है. आप निर्णय लेने में जितना विलंब करेंगे, उतना घाटा उद्योगपति को और निजी क्षेत्र को होगा.
अगर आपने उद्योग खड़ा किया है. हजार करोड़ कर्ज लिया है तो हर दिन वो कर्ज बढ़ता चला जाता है. समय की कीमत है, इतना तो समझ लीजिए. अगर आप किसी को समय पर भुगतान नहीं करेंगे तो उसका व्यापार कैसे चलेगा? फिर कंपनी दिवालिया हो जायेगी और ऐसा होने पर लोगों का रोजगार चला जायेगा. अगर हमारी व्यवस्था में जवाबदेही नहीं है, तो उपलब्धि नहीं मिल पायेगी. श्री सिन्हा ने संवाद में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर भी जागरूकता, जिम्मेदारी होगी तभी सुशासन आयेगा.
लोकसभा न विधानसभा सबसे ऊंची ग्राम सभा : विकास भारती के संस्थापक सचिव अशोक भगत ने कहा कि एक नारा है- लोकसभा ना विधानसभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा. कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग करके पत्थलगड़ी जैसे प्रयोग किये. जबकि मैंने नारा दिया था कि ग्राम सभा गांव का विकास करे, न कि संविधान का उल्लंघन करें.
आज भी मैं इस नारे पर कायम हूं और लोगों को कहता हूं कि ग्राम सभा को ज्यादा से ज्यादा अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बार छह महीने की हड़ताल थी. कोई सरकारी विद्यालय, सरकारी दफ्तर, अस्पताल नहीं चला. जब मैंने गांवों में हड़ताल के बारे में पूछा तो बताया कि वे नहीं जानते हैं कि हड़ताल है या नहीं. तब मैंने नारा दिया कोर्ट कचहरी थाना पुलिस का बहिष्कार करो, गांव का शासन गांव में करो. यह कहना कठिन है लेकिन अगर हम यह सोचते हैं कि सब कुछ सरकार कर देगी तो यह भी संभव नहीं है.
एमबीए की जगह एमपीए की जरूरत
माधव राव चित्तले ने कहा कि आज बेहतर मानव बनने की ज्यादा जरूरत है. हमारे यहां युवा एमबीए कर लेते हैं. अच्छी नौकरी भी मिल जाती है.
पर अच्छे इंसान नहीं बन पाते. देश में आज मास्टर अॉफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की जगह मास्टर अॉफ पब्लिक (अफेयर्स) की ज्यादा जरूरत है. दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में एमपीए का कोर्स आरंभ किया गया है. एमबीए से उद्योगों की उत्पादकता बढ़ सकती है पर सामाजिकता बढ़ाने के लिए एमपीए की जरूरत है.
रांची : विकास को परिभाषित ही गलत तरीके से किया गया है. जीडीपी से किसी देश का विकास मापा जाना गलत है. कई वर्षों से सवाल उठा रहा हूं. जीडीपी से देश के विकास का पैमाना मापना सही नहीं है.
भारत में बहुत सारी असमानताएं हैं. सरकार योजना बनाती है. सभी सरकारें कहती हैं कि ग्रोथ हो रहा है. पर यह ग्रोथ रेट कहां जा रहा है. ग्रोथ रेट अमीरों के पास जाता है. अमीर अधिक अमीर व गरीब आैर गरीब होते जा रहे हैं. विषमताएं बढ़ रही हैं. लोगों को रोजगार मिलेगा, तो स्वत: ग्रोथ होने लगेगा. हैपीनेेस धन से नहीं आता. यह मन का विषय है. हम समृद्धि के साथ संस्कृति की बात करते हैं.
भारत में सीमित व संयम जीवनशैली है. उक्त बातें दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त व अर्थशास्त्र के जानकार डॉ बजरंग लाल गुप्ता ने कही. वे शनिवार को लोकमंथन कार्यक्रम के तहत अर्थावलोकन संवाद को संबोधित कर रहे थे. अर्थावलोकन संवाद का संचालन डॉ आलोक पुराणिक ने किया.
वृतचित्र : … इससे सृष्टि का निर्माण हो सकेगा
रांची : लोकमंथन में शनिवार को वृत चित्र का प्रदर्शन किया गया. रवींद्र शर्मा की जीवनी पर आधारित वृत चित्र का निर्माण सुदीप्तो सेन ने किया है. इसमें दिखाया गया कि श्री शर्मा का जीवन लोगों को समर्पित था. वह हमेशा कहते थे कि प्रलय आनेवाला है. इसके लिए बीज इकट्ठा करके रखो. इससे सृष्टि का निर्माण हो सकेगा. सुदीप्तो ने बताया कि वृत चित्र का प्रीमियर शो है.
लोकमंथन समापन समारोह में हिस्सा लेंगी सुमित्रा महाजन
रांची : लोकमंथन के समापन समारोह में 30 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मौजूद रहेंगी. समारोह में डॉ देवी सहाय पांडेय को प्रज्ञा सम्मान प्रदान किया जायेगा. डॉ पांडेय वेदों के जानकार हैं.
इन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं. यह जानकारी अखिल भारतीय प्रज्ञा प्र‌वाह के संयोजक सह आयोजन समिति के सचिव जे नंद कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी. उन्होंने कहा कि लोकमंथन में 1079 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसमें केरल, जम्मू कश्मीर समेत देश के लगभग सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस कार्यक्रम को लेकर 1500 लोगों ने पंजीयन कराया था.
इसमें से 750 को अनुमति दी गयी. लोकमंथन के माध्यम से देश की कला, संस्कृति का मिलन हुआ. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है भारत को जानो, भारत को मानो और भारतीय बनो. उन्होंने कहा कि भारत बोध को लेकर समाज आधारित परिवर्तन करने की जरूरत है. जब तक समाज परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होगा, परिवर्तन संभव नहीं है. मौके पर आयोजन समिति के सह संयोजक मयंक रंजन मौजूद थे.

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