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रांची : 15वें वित्त आयोग की बैठक, सीएम ने कहा, विकास के लिए साथ काम कर रहा है सामर्थ्य, संसाधन व संयोग

रांची : 15वें वित्त आयोग की बैठक में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : 14 वर्ष राजनीतिक अस्थिरता की वजह से झारखंड निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका था. 2014 में स्थिर सरकार बनने के बाद से राज्य में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है. राज्य के विकास के लिए […]

रांची : 15वें वित्त आयोग की बैठक में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : 14 वर्ष राजनीतिक अस्थिरता की वजह से झारखंड निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका था. 2014 में स्थिर सरकार बनने के बाद से राज्य में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है. राज्य के विकास के लिए सामर्थ्य, संसाधन और संयोग तीनों चीजें साथ काम कर रही हैं. मूलभूत जरूरतों के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन व मानव बल के मामले में झारखंड समृद्ध राज्य है. बावजूद इसके राज्य के लोग अभाव की जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में विकास कार्य हो रहा है, लेकिन पिछड़ा राज्य होने के कारण अब भी काफी कुछ किया जाना बाकी है. वित्त आयोग को झारखंड जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. पिछड़े राज्यों के विकसित होने पर ही देश विकसित होगा.
बैठक में ये लोग थे मौजूद : बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, श्रम मंत्री राज पलिवार, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, आयोग के सदस्य शक्तिकांत दास, डॉ रमेश चंद्र, डॉ अनूप सिंह, डॉ अशोक लहरी समेत राज्य सरकार के सभी वरीय अधिकारी शामिल हुए.
रांची : 15वें वित्त आयोग की बैठक में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : 14 वर्ष राजनीतिक अस्थिरता की वजह से झारखंड निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका था.
2014 में स्थिर सरकार बनने के बाद से राज्य में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है. राज्य के विकास के लिए सामर्थ्य, संसाधन और संयोग तीनों चीजें साथ काम कर रही हैं. मूलभूत जरूरतों के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन व मानव बल के मामले में झारखंड समृद्ध राज्य है. बावजूद इसके राज्य के लोग अभाव की जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में विकास कार्य हो रहा है, लेकिन पिछड़ा राज्य होने के कारण अब भी काफी कुछ किया जाना बाकी है. वित्त आयोग को झारखंड जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. पिछड़े राज्यों के विकसित होने पर ही देश विकसित होगा.
बैठक में ये लोग थे मौजूद : बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, श्रम मंत्री राज पलिवार, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, आयोग के सदस्य शक्तिकांत दास, डॉ रमेश चंद्र, डॉ अनूप सिंह, डॉ अशोक लहरी समेत राज्य सरकार के सभी वरीय अधिकारी शामिल हुए.
आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाना शासन की प्राथमिकता
श्री दास ने कहा कि आजादी की लड़ाई से लेकर अलग राज्य के आंदोलन तक आदिवासी भाइयों ने अपना खून-पसीना बहाया है. अब उनके जीवन में बदलाव लाना शासन की प्राथमिकता है.
गांव-गांव तक अच्छी सड़क, बिजली और शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है. राज्य के सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी गयी है. अब घर-घर बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है. दिसंबर 2018 तक राज्य के हर घर को रोशन करने का लक्ष्य लेकर काम किया जा रहा है.
6512 गांवों में पहुंचायेंगे सात फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ : मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सात फ्लैगशिप योजनाओं को लाभुकों तक पहुंचाया जा रहा है.
ग्राम स्वराज अभियान के दूसरे चरण में राज्य के 6512 गांवों तक इन योजनाओं का लाभ 15 अगस्त तक पहुंचा दिया जायेगा. इसके अलावा राज्य के 1000 से ज्यादा अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले 3312 गांवों तक भी इन योजनाओं को पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है. कृषि में सबसे ज्यादा रोजगार है.
लेकिन, दुर्भाग्य से सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण खेती पूरी तरह से नहीं हो पा रही है. खनन क्षेत्रों में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. इससे बचाव के लिए लोगों तक पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने पर काम चल रहा है. पाइप लाइन बिछाने के लिए डिस्ट्रिक माइनिंग फंड की राशि का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पर्यटन के विकास से बड़ी संख्या में पैदा होंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में पर्यटन की काफी संभावना है. राज्य में विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल हैं.
पर्यटन के विकास से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. विदेशी करेंसी भी आयेगी. झारखंड के 24 में से 19 जिले आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल हैं. राज्य गठन के डेढ़ दशक बाद भी राज्य में विधानसभा, हाइकोर्ट समेत अन्य प्रमुख भवन नहीं थे. भाजपा सरकार ने इनके निर्माण का बीड़ा उठाया है.
2019 तक कई महत्वपूर्ण भवन बन कर तैयार हो जायेंगे. राज्य में न्यू कैपिटल का निर्माण भी कराया जा रहा है. इन सभी के लिए राज्य को काफी राशि की जरूरत है. इन जरूरतों को पूरा करने के बाद ही झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकेगा. कार्यक्रम में राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अपनी जरूरतें बतायी गयी.

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