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रिम्स : हम काम नहीं करते, तो रोजाना 1500 मरीज अस्पताल क्यों आते हैं
रिम्स : अपर निदेशक की सख्ती से आक्रोशित डॉक्टरों ने की बैठक, कहा ड्यूटी रोस्टर का पालन और बायोमेट्रिक अटेंडेंस सहित विभिन्न बिंदुओं पर रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासन) हर्ष मंगला द्वारा सख्ती किये जाने पर डॉक्टरों उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आक्रोशित डॉक्टरों ने सोमवार को बैठक की. इसमें डॉक्टरों ने कहा कि […]
रिम्स : अपर निदेशक की सख्ती से आक्रोशित डॉक्टरों ने की बैठक, कहा
ड्यूटी रोस्टर का पालन और बायोमेट्रिक अटेंडेंस सहित विभिन्न बिंदुओं पर रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासन) हर्ष मंगला द्वारा सख्ती किये जाने पर डॉक्टरों उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आक्रोशित डॉक्टरों ने सोमवार को बैठक की. इसमें डॉक्टरों ने कहा कि अपर निदेशक कहते हैं कि हम अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे हैं.
हमारा सवाल है कि अगर हम काम नहीं कर रहे हैं, तो रोजाना 1500 लोग रिम्स में क्यों आते हैं और उनका इलाज कौन करता है? इधर, अपर निदेशक पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें रिम्स को बेहतर करने की जिम्मेदारी मिली है. वे सरकार की मंशा के हिसाब से काम कर रहे हैं और सेवाओं को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.
रांची : रिम्स टीचर्स एसोसिएशन और रिम्स नियुक्त डॉक्टरों की बैठक सोमवार को लेक्चर थियेटर में दोपहर एक बजे हुई. इसमें कई विभागों के एचओडी और सीनियर डॉक्टर शामिल हुए. टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ प्रभात कुमार ने अपर निदेशक हर्ष मंगला द्वारा उठाये गये सवालों को बारी-बारी से पढ़कर सुनाया. इसके बाद उनके सभी प्रश्नों पर डॉक्टरों ने अपनी राय दी.
डॉक्टरों ने एक स्वर में कहा कि रिम्स निदेशक और अधीक्षक जिम्मेदार अधिकारी हैं. वहां से जाे सूचनाएं उन्हें मिलती हैं, वही सूचनाएं देने के लिए वे बाध्य हैं. डॉक्टरों ने कहा कि मीडिया के माध्यम से प्रशासन की बातें सामने आ रही हैं. प्रशासनिक आदेश पढ़ने को मिल रहा है. किसी ने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से ही सवाल का जवाब दें. किसी ने कहा कि जब हमसे रिम्स प्रबंधन ने सवाल नहीं पूछा है, इसलिए हम इन सवालों को जवाब क्यों दें?
प्रबंधन को देंगे बैठक के निर्णय की जानकारी : बैठक के बाद रिम्स टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ प्रभात कुमार ने मीडिया को बताया कि बैठक में जो भी निर्णय हुआ है, उसकी लिखित जानकारी वे प्रबंधन को दे देंगे.
उन्होंने कहा : हम भी रिम्स की बेहतरी चाहते हैं, लेकिन इसके लिए बैठक कर बात होनी चाहिए. मरीजों की संख्या बताती है कि यहां काम होता है. अगर सही में सुधार की बात हो रही है, तो ओपीडी के लिए जगह बढ़ायी जाये. पर्याप्त संख्या में सीनियर रेजीडेंट और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्त की जाये. साथ ही अन्य मैनपावर की संख्या भी बढ़ायी जाये.
हर्ष मंगला के सवाल
क्या सरकार यह नहीं पूछ सकती कि आप कहां सेवा दे रहे हैं? उसकी लिस्ट बनाकर दें.
जब विभागाध्यक्षों और यूनिट इंचार्ज से ड्यूटी रोस्टर मांगा गया, तो छह-सात ने ही दिये.
क्या सरकार यह नहीं पूछ सकती है कि डॉक्टर यूनिफाॅर्म में क्यों नहीं रहते?
क्या सरकार यह नहीं पूछ सकती कि नर्स डिस्पेंसरी के अलावा बाहर से दवा क्यों मंगाती हैं?
क्या सरकार नहीं पूछ सकती कि जब विभागाध्यक्ष व यूनिट इंचार्ज को बैठक में बुलाया गया तो छह-सात ही क्यों आये?
रिम्स में 1500 से 2000 कर्मी हैं, तो बॉयोमेट्रिक से 500 ही अटेंडेंस क्यों बनते हैं?
डॉक्टरों के जवाब
बेशक सरकार पूछे, लेकिन अस्पताल में काम नहीं हो रहा, तो इतनी भीड़ कैसे होती है?
ड्यूटी रोस्टर कोई नयी बात नहीं है. ड्यूटी रोस्टर पर ही अस्पताल का संचालन होता है.
डॉक्टर, यूजी व पीजी सभी के लिए सफेद रंग एप्रॉन है. मेडिकल स्टाफ भी सफेद एप्रॉन पहनते हैं. इससे दुविधा होती है.
नर्स दवा मंगाती हैं, तो इसमें डॉक्टर कहां से दोषी हैं. सरकार शत-प्रतिशत दवा मुहैया करा दे, तो बाहर से दवाएं मंगाने का सिलसिला बंद हो जायेगा.
मीटिंग कहां बुलायी गयी, यह किसी को पता नहीं है. रिम्स में मीटिंग होनी चाहिए. मीटिंग कहां हुई इसकी जानकारी ही नहीं.
बॉयोमेट्रिक मशीन अक्सर खराब रहती हैं. जो लोग बायोमेट्रिक अटेंडेंसस नहीं बना रहे हैं, उनसे सवाल पूछना चाहिए.
31 विभागों में से सिर्फ 10 ने भेजा ड्यूटी रोस्टर
रिम्स में नियुक्त अपर निदेशक (प्रशासन) हर्ष मंगला ने सभी विभागों से ड्यूटी रोस्टर मांगा था. ड्यूटी रोस्टर रिम्स के 31 विभागों से मांगा गया था, लेकिन सोमवार तक सिर्फ 10 विभागों ने ही ड्यूटी का रोस्टर भेजा है. जिन विभागों ने ड्यूटी रोस्टर भेजा है, उनमें सीटीवीएस, पीडियेट्रिक्स सर्जरी, साइकेट्री, ब्लड बैंक, यूरोलॉजी, पीडियेट्रिक्स, पीएसएम, रेडियोलॉजी और डेंटल शामिल हैं.
रोस्टर कमेटी की हुई बैठक : रिम्स में सोमवार को रोस्टर कमेटी की पहली बैठक हुई, जिसमें रिम्स में सभी प्रकार के रिक्त पदों पर चर्चा की गयी. कमेटी ने यह पता किया कि आखिर किस-किस विभाग में कितने मैनपावर की कमी इसका डाटा तैयार किया जाये. कमेटी ने अगली बैठक में कर्मचारियों को डाटा लेकर आने को कहा गया है, जिससे रोस्टर तैयार कर विभाग को भेजा जाये.
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