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झारखंड में भूखजनित बीमारी से हुई मौत को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, भुखमरी से मौत जघन्य अपराध : रामविलास पासवान
नयी दिल्ली : झारखंड में भूखजनित बीमारी से हुई मौत को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. मामले की जांच के लिए केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले के सचिव को आदेश दिया गया है कि वह संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को भेजकर इसकी जांच करायें. जांच के बाद इसकी रिपोर्ट सौंपी जाये. केंद्रीय खाद्य एवं […]
नयी दिल्ली : झारखंड में भूखजनित बीमारी से हुई मौत को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. मामले की जांच के लिए केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले के सचिव को आदेश दिया गया है कि वह संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को भेजकर इसकी जांच करायें. जांच के बाद इसकी रिपोर्ट सौंपी जाये. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि भूख से होने वाली मौत जघन्य अपराध है. केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कोई व्यक्ति भूखा नहीं रह सकता है.
अगर लाभार्थी को अनाज नहीं मिलता है, तो वह इसकी शिकायत कर सकता है. जांच के दौरान अगर पाया गया कि इसमें राज्य सरकार की खामी है, तो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवा गुना अधिक मुआवजा पीड़ित को देना होगा. इस कानून के तहत 35 किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है.
ऐसे में अगर गरीब परिवारों को अनाज नहीं मिल रहा है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उचित व्यक्ति को योजना का लाभ मिले.
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद सच्चाई सामने आयेगी और जो दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. श्री पासवान ने कहा कि झारखंड में पूर्व में भी ऐसी घटना सामने आयी थी. जांच के दौरान पाया गया कि राशन देनेवाला डीलर दबंग था और उसने पीड़ित को आधार कार्ड का बहाना बनाकर अनाज नहीं दिया. उन्होंने सावित्री देवी की मौत मामले की जांच का निर्देश सचिव को दिया है .
उपायुक्त को सौंपी मौत की जांच रिपोर्ट
गिरिडीह की बीमार सावित्री की भूख से नहीं हुई मौत
गिरिडीह : गिरिडीह के अपर समाहर्ता अशोक साहा ने सावित्री देवी की मौत की जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है. रिपोर्ट में अपर समाहर्ता ने कहा कि भूख से मौत नहीं हुई है. उनकी तबीयत खराब थी. अपर समाहर्ता श्री साहा ने कहा कि सोमवार को ग्रामीणों से पूछताछ की गयी है.
मृतका के देवर भोलाराम महतो ओड़िशा में काम करते हैं, लेकिन पिछले 15 दिनों से वे गांव में ही हैं. भोला राम ने बताया है कि वे 10 दिनों से सावित्री की देखभाल कर रहे थे . वह ही भाभी को खाना देते थे. रिपोर्ट में उल्लेख है कि सावित्री बीमारी से ग्रस्त थी. उसका इलाज रिम्स (रांची) में हुआ था.
रिम्स के चिकित्सकों ने उन्हें पारेनसाइमल हेमाटोमा नामक बीमारी से ग्रसित बताया था. गांव की महिलाओं ने बताया कि सावित्री पिछले 8-10 दिनों से बिस्तर पर थी. गांव की शांति देवी (पति वकील महतो)का कहना था कि उसने महिला को इन दिनों भोजन भी कराया था.
गांव में यह परिपाटी है कि मृत्युशय्या के दौरान मिलनेवाले लोग उनकी इच्छा के अनुसार भोजन कराते हैं. रिपोर्ट में डुमरी रेफरल अस्पताल के डाॅ डीपी वर्णवाल का भी जिक्र किया गया है.
कहा गया है कि डॉ वर्णवाल ने जांच पदाधिकारी को बताया कि पारेनसाइमल हेमाटोमा को हेड इंज्यूरी भी कहा जा सकता है . इससे ब्लड क्लोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. डॉ वर्णवाल के अनुसार हेमाटोमा से श्वसन प्रणाली भी बाधित हो सकती है और यह मौत का कारण भी बन सकता है.
भुखमरी रहती तो बैंक से निकाला जाता पैसा
रिपोर्ट में मृतका के बैंक खाते का जिक्र है. कहा गया है कि इलाहाबाद बैंक, चैनपुर में सावित्री देवी का खाता है, जिसमें 4 अप्रैल 2018 को पेंशन के एवज में 1800 रुपया हस्तांतरित किया गया है. कहा गया है कि भुखमरी की स्थिति रहती तो बैंक खाते से राशि की निकासी की जाती.
सावित्री की मौत शनिवार की सुबह आठ बजे हुई है और उस समय इन्हें जल भी मुहैया कराया गया था. एसी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि सावित्री की मौत का अंदेशा लोगों को था, इसलिए इनकी मृत्यु शय्या के पास हमेशा मिलनेवालों की भीड़ लगी रहती थी.
पुत्रों को प्रतिमाह मिलता था मानदेय
मृतका के बड़े पुत्र हीरालाल के संदर्भ में बताया गया था कि वे नागपुर के जिस ट्रांसमिशन लाइन में काम करते हैं वहां उन्हें छह माह से मानदेय नहीं मिला है. वहीं जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि हीरालाल को प्रत्येक माह सात हजार तो छोटे पुत्र हुलास कुमार (रायपुर में बतौर ट्रेनर) को तीन हजार रुपये मिलता था.
रांची से पहुंची टीम, परिजनों से ली जानकारी
डुमरी : डुमरी प्रखंड के मंगरगढ़ी में सावित्री देवी की मौत मामले की जांच करने रांची से तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को गांव पहुंची़ टीम ने मृतका के दोनों पुत्रों से मौत के कारणों, वृद्धा पेंशन, आधारकार्ड, राशनकार्ड के संबंध में जानकारी ली़
इस संबंध में पुछे जाने पर डुमरी के बीडीओ राहुल देव ने कहा कि मुझे किसी टीम के आने की सूचना नहीं है. इधर महिला की मौत के बाद मंगलवार को स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर डीलर द्वारा परिजनों को अनाज दिया गया.
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