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झारखंड : सूबे में स्वास्थ्य सेवा में मील का पत्थर साबित होगा ई-हॉस्पिटल

स्वास्थ्य सचिव ने ई-हॉस्पिटल इंप्लिमेंटेशन प्रोग्राम में कहा रांची : ई-हॉस्पिटल इंप्लिमेंटेशन प्रोग्राम को लेकर समीक्षा बैठक स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे के कार्यालय कक्ष में आयोजित की गयी थी. इसमें उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) सेवा की जानकारी दूर-दराज के ग्रामीणों तक पहुंचाया जाये. इससे लोग यह जान सकेंगे कि […]

स्वास्थ्य सचिव ने ई-हॉस्पिटल इंप्लिमेंटेशन प्रोग्राम में कहा
रांची : ई-हॉस्पिटल इंप्लिमेंटेशन प्रोग्राम को लेकर समीक्षा बैठक स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे के कार्यालय कक्ष में आयोजित की गयी थी. इसमें उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) सेवा की जानकारी दूर-दराज के ग्रामीणों तक पहुंचाया जाये. इससे लोग यह जान सकेंगे कि किस तरह लोग घर बैठे ही मोबाइल या कंप्यूटर के जरिये डॉक्टर से परामर्श के लिए अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं.
रिम्स के निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने बताया कि रिम्स में ई- हॉस्पिटल सेवा शुरू करने के लिए 17 कंप्यूटर खरीदे गये हैं. नेशनल इनफारमेटिव सिस्टम (एनआइसी) द्वारा सूचीबद्ध एजेंसी कार्य संचालन के लिए डाटा इंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति करेगी. स्वास्थ्य सचिव को बताया गया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) रिम्स के अलावा एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद और सदर अस्पताल रांची में व्यवस्थित तरीके से शुरू किया जायेगा. यह भी बताया गया कि प्रचार-प्रसार के अभाव में गुमला जिले में लोग ओआरएस स्वास्थ्य सुविधा का ज्यादा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. इस पर श्रीमती खरे ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाये.
क्या है ई-हॉस्पिटल सेवा : मालूम हो कि ई-हॉस्पिटल सेवा स्वास्थ्य सुविधा देने वाला एक कम्प्यूटर एप्लिकेशन है, जो एक अस्पताल के सभी क्रियाकलापों के संचालन में सहायता करता है. वर्तमान में पूरे देश में 224 ई-हाॅस्पिटल संचालित किये जा रहे हैं. ये सभी हॉस्पिटल क्लाउड सर्वर से जुड़े होते हैं.
यानी इन अस्पतालों में जो भी सेवाएं दी जा रही हैं, उसका डाटा एक जगह एकत्र हो जाता है. ई-हॉस्पिटल के अंतर्गत किसी अस्पताल के लिए लैब सेवाएं, अस्पताल के मानव संसाधन का डाटा तथा अस्पताल के मेडिकल रिकाॅर्ड का प्रबंधन करना बहुत सरल हो जाता है. क्लाउड सर्वर में स्टोर होनेवाली रिपोर्ट कोई भी दूसरा उपोगकर्ता (डॉक्टर) देखकर उचित परामर्श दे सकता है. वहीं, सभी अस्पतालों का डाटा एक जगह इकट्ठा होने से अस्पताल को किस उपकरण या सामान की आवश्यकता है, इसकी जानकारी मिल जाती है.
झारखंड में ई-हॉस्पिटल सेवा का प्रारूप क्या है : झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार राज्य भर के स्वास्थ्य केंद्रों में ई-हॉस्पिटल सेवा तीन चरणों में शुरू किये जायेंगे. पहले चरण में राज्य के सभी 23 जिला अस्पतालों में यह सेवा शुरू कर दी जायेगी. वहीं, पहले चरण में ही राज्य के 13 अनुमंडलीय अस्पतालों में भी यह सेवा शुरू कर दी जायेगी. साथ ही दो मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच, धनबाद और एमजीएमसीएच जमशेदपुर में भी यह सेवा शुरू कर दी जायेगी. दूसरे चरण में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और तीसरे चरण में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र्रों में यह सुविधा दी जाने लगेगी.
दी जानेवाली सेवायें : मरीज का रजिस्ट्रेशन, रेडियोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकार्ड, लाउंड्री सर्विस, इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन, ब्लड बैंक मैनेजमेंट, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन, टेलीमेडिसिन सुविधा, बिलिंग और एकाउंट सेवायें, पैथ लैब, ऑपरेशन थियेटर मैनेजमेंट के अलावा फार्मेसी मैनेजमेंट.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) क्या है : जैसे किसी मरीज को अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श के लिए समय लेना है, तो वह ऑनलाइन पोर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) अॉप्शन में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. रजिस्ट्रेशन कराते ही एक ऑनलाइन पर्ची जेनरेट होती है, जिसमें दर्शाया जाता है कि मरीज को किस तारीख को अस्पताल में किस चिकित्सक से किस समय परामर्श मिलेगा. इससे मरीजों को लंबी लाइन से छुटकारा मिल जायेगी. इस पोर्टल के माध्यम से आपातकालीन स्थिति में मरीज का तुरंत रजिस्ट्रेशन किया जाता है और उसे आपातकालीन सेवा दी जाती है.

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