15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रांची : पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड विजय कुजूर ने किया खुलासा, भाजपा-कांग्रेस को हराना चाहती है आदिवासी महासभा

खूंटी : पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड (शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कोलकाता के जीएम और आदिवासी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष) विजय कुजूर ने पूछताछ में कई खुलासे किये. उसे सरायकेला पुलिस द्वारा रिमांड पर लिये जाने के बाद खूंटी पुलिस ने वहां जाकर उससे पूछताछ की है़ गम्हरिया थाना में हुई पूछताछ में उसने कई चौंकानेवाले खुलासे […]

खूंटी : पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड (शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कोलकाता के जीएम और आदिवासी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष) विजय कुजूर ने पूछताछ में कई खुलासे किये. उसे सरायकेला पुलिस द्वारा रिमांड पर लिये जाने के बाद खूंटी पुलिस ने वहां जाकर उससे पूछताछ की है़
गम्हरिया थाना में हुई पूछताछ में उसने कई चौंकानेवाले खुलासे किये. विजय कुजूर ने बताया कि 2008 में आदिवासी महासभा अस्तित्व में आयी़ उस वक्त सरना आदिवासी और ईसाई आदिवासी के बीच उत्पन्न खामियों को दूर करने के लिए 11 बातों को नियमबद्ध किया गया था़ उसमें ऑल चर्चेज कमेटी के मुख्य लोग भी शामिल हुए थे़ यह बैठक रांची के पुरुलिया रोड स्थित अलबर्ट कॉलेज में हुई थी़
विजय कुजूर के बयान के अनुसार, महासभा भाजपा और कांग्रेस को पराजित करने के लिए राजनीतिक रूप से उभरना चाहती है. इसके लिए सरना आदिवासियों ने राष्ट्रीय देशज पार्टी बनायी, जिसका निबंधन भी किया गया़ आदिवासी महासभा के लोग महत्वाकांक्षी बन गये. 2013 में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा राष्ट्रीय देशज पार्टी में चली गयी.
इसके बाद कुछ लोगों ने अलग होकर आदिवासी महासभा का गठन किया, जिसका उद्देश्य संविधान की पांचवीं अनुसूची का पालन करना, सभी स्कूलों के सिलेबस में पांचवीं अनुसूची को शामिल करना, अनुच्छेद 46 के तहत संवैधानिक और उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का पालन करना, अनुसूचित क्षेत्र में 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करना, नक्सलवाद को परिभाषित करना आदि था.
यूसुफ पूर्ति दिग्भ्रमित है : बच्चे को पढ़ने से रोके जाने की बात पर विजय कुजूर ने कहा कि आदिवासी महासभा में ऐसी कोई बात नहीं है़
उन्होंने कहा कि यूसुफ पूर्ति की वह अपनी सोच है़ हमने कभी भी पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध काम करने के लिए नहीं कहा है़ विजय कुजूर के अनुसार, यूसुफ पूर्ति महत्वाकांक्षी बन गया है़
वह खुद दिग्भ्रमित हो गया है और लोगों को भी कर रहा है़ बच्चों को पोलियो खुराक नहीं पीने देने पर कहा कि हमने सरकारी सुविधा नहीं लेने के बारे में नहीं सिखाया है़ आदिवासी महासभा आदिवासियों की समस्याओं को कम करने के लिए काम कर रही है न कि बढ़ाने के लिए.
ग्रामसभा से होती है फंडिंग
विजय कुजूर ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व एक कंपनी द्वारा आदिवासी महासभा को कुछ फंडिंग किया गया था, लेकिन अब सिर्फ ग्रामसभा से चंदा किया जाता है़ पोस्ते की खेती के संबंध में बताया कि यह पहले से चला आ रहा है़
इसमें पत्थलगड़ी और आदिवासी महासभा का कोई हाथ नहीं है़ उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ग्रामसभा को सशक्त करना है़ लोगों को जागरूक कर जल, जंगल और जमीन को बचाना है़ आदिवासी क्षेत्र में किसी के घुसने की जानकारी होनी चाहिए़ नक्सलवाद को परिभाषित किया जाना चाहिए़ गांधी इरविन पैक्ट, प्रीवी काउंसिल तथा केनन कानून को लेकर उसने कहा कि यह सभी नॉन ज्यूडिशियल पर कार्य करता है़ जो प्रकृति से संचालित नियम होते हैं, वही नॉन ज्यूडिशियल है.
सभी फंड ग्राम प्रधान को दिया जाना चाहिए
छत्तीसगढ़ के बारे में विजय ने बताया कि वहां संतोष श्याम, चंद्रपुर महाराष्ट्र, एसी रवींद्र दादा, तापी गुजरात सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं. वहां गोंडवाना समय के नाम से पत्रिका भी प्रकाशित होती है़ विदेशी संबंध के बारे में बताया कि विदेशों से कोई संबंध नहीं है़
यूनाइटेड नेशनल पर्मानेंट फंड फॉर इंडीजिनस इश्यू के उपाध्यक्ष नेपाल के फूलमन चौधरी हैं. उन्होंने कहा कि सभी फंड ग्राम प्रधान को दिया जाना चाहिए़ उन्होंने किसी प्रकार के राजनैतिक महत्वाकांक्षा से इनकार किया है़
पत्थलगड़ी को लेकर गवर्नर से मिलेंगे
रांची :मुंडा सभा रांची की बैठक गुरुवार को हुई. बैठक में पत्थलगड़ी को लेकर विमर्श किया गया. इसमें कहा गया कि पत्थलगड़ी को लेकर कई तरह की चर्चा अौर विवाद चल रहा है.
कहा गया कि पत्थलगड़ी की विशेषताअों को आम आदमी अौर सरकार के समक्ष रखा जायेगा, ताकि इस संबंध में उत्पन्न शंका का निवारण हो सके. यह भी कहा गया है कि मुंडा सभा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर इस संबंध में अपना पक्ष रखेगा.
पत्थलगड़ी मुंडाअों की पाषाण परंपरा
बैठक में उपस्थित वक्ताअों ने कहा कि पत्थलगड़ी आदिवासियों का विशेषकर मुंडाअों की पाषाण परंपरा है अौर यह अत्यंत प्राचीन परंपरा है. इसका मुख्य उद्देश्य किसी घटना का स्मारक या यादगारी के रूप में संजोकर रखना है. ससनदिरी अपने पूर्वजों की याद में गाड़ा जाता है.
यह पूर्वजों की आत्मा को अपने घर में स्थान अौर सम्मान देने का प्रतीक है. मुंडाअों में लगभग 40 तरह की पत्थलगड़ी होती है. ये मुंडा जाति का इतिहास पथ है अौर उनकी पहचान,अस्तित्व, सभ्यता अौर संस्कृति के गौरवशाली प्रमाण हैं. आज पत्थलगड़ी को लेकर विवाद हो रहा है. सरकार इसे पूंजीपतियों की राह में रोड़ मान रही है अौर इसे गैर संवैधानिक करार दे रही है. पर आदिवासी क्षेत्रों में शिलापट्ट के द्वारा कानून के संबंध में जानकारी देना कोई नयी बात नहीं है.
बैठक में कहा गया कि झारखंड में सरकार के द्वारा ही आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया जा रहा है. आज की बैठक में नवीन मुंडू, प्रेमचंद मुर्मू, वाल्टर कंडुलना, मेघनाथ सिंह मुंडा, बिलकन डांग, ईश्वर दत्त कंडुलना, डॉ रोयल डांग, अॉस्कर सुरीन, कुशलमय मुंडू सहित अन्य उपस्थित थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel