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शिक्षक 60 को लिख देते हैं सात, जैक की होती है बदनामी

जैक अध्यक्ष ने कहा, मूल्यांकन में गड़बड़ी करनेवाले एक-एक शिक्षक का नाम होगा सार्वजनिक रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल मूल्यांकन में अंकों के योग या लिखने में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों का नाम सार्वजनिक करेगी. शिक्षकों का नाम जैक अपनी वेबसाइट www.jac.nic.in पर जारी करेगा. जैक ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. मैट्रिक व इंटरमीडिएट […]

जैक अध्यक्ष ने कहा, मूल्यांकन में गड़बड़ी करनेवाले एक-एक शिक्षक का नाम होगा सार्वजनिक

रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल मूल्यांकन में अंकों के योग या लिखने में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों का नाम सार्वजनिक करेगी. शिक्षकों का नाम जैक अपनी वेबसाइट www.jac.nic.in पर जारी करेगा. जैक ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में अंकों के योग में गड़बड़ी करने या लिखने में गड़बड़ी करनेवाले 50 से अधिक शिक्षकों को जैक ने कारण बताआे नोटिस जारी किया था. सभी शिक्षकों को जैक भी बुलाया गया था.
इस संबंध में प्रभात खबर से बात करते हुए जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्होंने एक-एक शिक्षक से अलग-अलग मुलाकात की. शिक्षकों को उनके द्वारा मूल्यांकित उत्तरपुस्तिका दिखायी गयी. अंकों के योग या मार्क्स फाइल में अंक लिखने में की गयी गड़बड़ी के बारे में बताया गया. शिक्षक उत्तरपुस्तिका में दिये गये 60 अंक को मार्क्स फाइल में सात लिख देते हैं. इससे झारखंड एकेडमिक काउंसिल की बदनामी होती है. उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य शिक्षक करते हैं.
उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में होनेवाली गड़बड़ी को लेकर सभी प्रमंडल में कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जैक अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने खुद शिक्षकों को गड़बड़ी के बारे में बताया था. इसके बाद भी शिक्षकों ने मूल्यांकन में पूर्व की गड़बड़ी को दुहरा दिया. ऐसे शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा. ब्लैक लिस्टेड शिक्षक आगे मूल्यांकन कार्य नहीं कर सकेंगे.
अंकों के योग में दस से अधिक अंक की गड़बड़ी वाले शिक्षक बुलाये गये जैक
शिक्षकों को उत्तरपुस्तिका दिखा जैक अध्यक्ष ने कहा, देखिए आपने क्या किया है
ऐसे होती है गड़बड़ी : उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के प्राप्तांक मार्क्स फाइल पर चढ़ाया जाता है. प्रावधान के अनुरूप परीक्षक को अपने से मूल्यांकन के बाद अंक मार्क्स फाइल में लिखना होता है. कई परीक्षक दूसरे परीक्षक को मार्क्स फाइल में अंक लिखाने का जिम्मा दे देते हैं और वे अंक बोल कर लिखाते हैं. इस दौरान सुनने में गड़बड़ी होने पर 60 को सात और 72 को 12 लिखने की गड़बड़ी हो जाती है. जैक की ओर से कई बार इसे लेकर शिक्षकों को चेतावनी भी दी गयी, इसके बाद भी गड़बड़ी होती है.
कार्रवाई के लिए विभाग से होगी अनुशंसा : मूल्यांकन कार्य में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षक न केवल मूल्यांकन कार्य से बाहर होंगे, बल्कि उन पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई भी की जायेगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने ऐसे शिक्षकों का नाम भेजने को कहा है. शिक्षकों ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है. इसकी समीक्षा की जा रही है. इसके बाद नाम माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दिया जायेगा. सरकारी स्कूल-कॉलेज के शिक्षक पर विभाग व इंटर काॅलेज व स्थापना अनुमति हाइस्कूल के शिक्षक पर जैक के स्तर से कार्रवाई होगी.
किन शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
मूल्यांकन में अंकों के याेग में मामूली अंतर वाली उत्तरपुस्तिका के परीक्षक पर कार्रवाई नहीं की जायेगी. प्रथम चरण में अंकों के योग या लिखने में दस से अधिक अंक की गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी. इन शिक्षकों की लिस्ट तैयार की गयी है.
परीक्षार्थी स्क्रूटनी व आरटीआइ का लेते सहारा
रिजल्ट प्रकाशन के बाद जैक परीक्षार्थियों को स्क्रूटनी का अवसर देता है. परीक्षार्थी स्क्रूटनी के माध्यम से अंकों की जांच करवाते हैं. इसके अलावा सूचना के अधिकार के तहत भी उत्तरपुस्तिका देखते हैं.
डेढ़ लाख कर्मियों को समय पर नहीं मिलती है दो जून की रोटी
रांची : सरकार अपनी योजनाअों व कार्यक्रमों में अनुबंधित लोगों से काम लेती है. राज्य में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका भी कार्यरत हैं. लेकिन अनुबंध व मानदेय पर कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक कर्मियों को समय पर प्रोत्साहन राशि या मानदेय नहीं मिलता है. सरकार फिर भी चाहती है कि ये बेहतर काम करें. मनरेगा के करीब पांच सौ जेई व एइ हैं. इनमें से करीब सवा सौ को चार माह से लेकर अधिकतम 14 माह तक का मानदेय अब तक नहीं मिला है. पाकुड़ में सबसे लंबे समय 14 माह से मानदेय बकाया है. अभियंताअों को गिरिडीह में अाठ माह, हजारीबाग व चतरा में पांच-पांच माह व सिमडेगा में चार माह से मानदेय नहीं मिला है.
उधर, स्वास्थ्य विभाग के तहत अनुबंध पर कार्यरत करीब 4600 एएनएम तथा पांच सौ जीएनएम का भी दो माह का भुगतान बाकी है. समाज कल्याण विभाग से संबद्ध आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत सेविका व सहायिका को भी अक्तूबर के बाद से मानदेय नहीं मिला है. यानी ये सभी चार माह से बिना मानदेय के काम कर रही हैं. दरअसल, इनमें से कई को दिसंबर 2016 तथा जनवरी 2017 का मानदेय भी तकनीकी कारणों से अब तक नहीं मिला है. गौरतलब है कि सूबे के 38,432 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर करीब 74,313 हजार सेविका व सहायिका कार्यरत हैं. उधर, स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी करीब 40 हजार सहियाअों की भी शिकायत है कि इन्हें स्वास्थ्य सेवाअों के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि समय पर नहीं मिलती है. जबकि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में अॉनस्पॉट भुगतान होना चाहिए. राज्य सहिया संघ ने भी यह मांग की है.
किसको कितने विलंब से मानदेय भुगतान
कर्मी कुल संख्या मानदेय/माह कितना विलंब से भुगतान
आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका 74313 4400 (सेविका), 2200 (सहायिका) तीन-चार माह
पारा शिक्षक 70 हजार 8-10 हजार तीन-चार माह
अल्पसंख्यक विद्यालय के स्थायी शिक्षक करीब पांच हजार अनुभव के आधार पर 60 हजार तक चार-पांच माह
एएनएम व जीएनएम 4600 तथा 500 11 हजार (एएनएम), 15 हजार (जीएनएम) एक-दो माह
मनरेगा अभियंता करीब 500 19 हजार (एइ), 17 हजार (जेइ) तीन-चार माह
मॉडल विद्यालय के शिक्षक 360 घंटी आधारित (120 रु/घंटी) चार-पांच माह
झालकोकर्मी 150 अौसत 15 हजार करीब 12 माह
कुल 155423
Prabhat Khabar Digital Desk
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