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10 माह से ईरान की जेल में है धनबाद का कुणाल, झारखंड सरकार की पहल पर विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय
सुनील चौधरी रांची : 24 मार्च 2017 से धनबाद का कुणाल ईरान की जेल में बंद है. उसके पिता दीनानाथ सरकार से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास भी पत्र लिखा. अब जाकर विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. 10 जनवरी को दिल्ली में चल रहे अप्रवासी भारतीय […]
सुनील चौधरी
रांची : 24 मार्च 2017 से धनबाद का कुणाल ईरान की जेल में बंद है. उसके पिता दीनानाथ सरकार से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास भी पत्र लिखा.
अब जाकर विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. 10 जनवरी को दिल्ली में चल रहे अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पर्यटन मंत्री अमर बाउरी के साथ इस मुद्दे पर बैठक होगी. हालांकि इस मुद्दे के अलावा विदेश मंत्रालय ने झारखंड सरकार से विदेशों में काम करने वाले तमाम लोगों व खासकर मजदूरों के बाबत जानकारी भी मांगी है. लेकिन हैरत की बात यह है कि झारखंड सरकार के पास इसका कोई डाटा नहीं है. श्री बाउरी ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई डाटा नहीं है कि झारखंड के कितने लोग विदेश में काम करते हैं.
क्या है मामला
कुणाल के पिता दीनानाथ धनबाद स्थित टाटा सिजुवा कॉलोनी में रहते हैं. वह टाटा के खदान में मजदूर हैं. वह बताते हैं कि कुणाल ने कोलकाता से मर्चेंट नेवी का कोर्स किया था. फिर मुंबई से दुबई और दुबई से ईरान गया. ईरान से जब जहाज से वापस लौट रहा था, तब ईरान की पुलिस ने यह कह कर गिरफ्तार कर लिया कि उसके पास अवैध सामान है.
लेकिन क्या सामान था, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. दीनानाथ ने बताया कि इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा. उन्होंने आश्वासन भी दिया था. इधर मिली जानकारी के अनुसार कुणाल का मामला गृह विभाग को भेज दिया गया है. गृह विभाग द्वारा विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी दे दी गयी है. 10 जनवरी को सुषमा स्वराज इस मुद्दे पर बात करेंगी.
पीएम ने किया है अप्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन
नौ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीआइओ संसदीय सम्मेलन का उद्घाटन किया है. इसमें 23 देशों के भारतीय मूल के सांसद और महापौर हिस्सा ले रहे हैं. इसी सम्मेलन के दूसरे दिन 10 जनवरी को झारखंड के मुद्दे पर भी बात होगी.
नहीं पता है झारखंड से कितने लोग बाहर हैं
झारखंड सरकार से विदेश मंत्रालय ने डाटा मांगा है कि यहां से कितने लोग विदेश में काम करते हैं. पर सरकार के पास डाटा नहीं है. श्री बाउरी ने कहा कि वह विदेश मंत्री के सामने इस बात को रखेंगे कि ऐसा मेकानिज्म बनाया जाया जिससे किस स्टेट से कितने लोग किस देश में काम कर रहे हैं, पता चल सके.
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