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बड़े डिफाल्टरों को कवच प्रदान कर रही है सरकार : लल्लन
रांची : फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश झा लल्लन ने कहा है कि केंद्र सरकार बड़े कर्जधारकों को कवच प्रदान कर रही है. देश भर में जानबूझ कर कर्ज नहीं लौटानेवालों (डिफाल्टरों) ने बैंक के आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक डुबोये रखा है. इसकी वसूली नहीं हो पा […]
रांची : फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश झा लल्लन ने कहा है कि केंद्र सरकार बड़े कर्जधारकों को कवच प्रदान कर रही है. देश भर में जानबूझ कर कर्ज नहीं लौटानेवालों (डिफाल्टरों) ने बैंक के आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक डुबोये रखा है.
इसकी वसूली नहीं हो पा रही है. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि भारत में बैंकिंग उद्योग का 75 प्रतिशत हिस्सा सरकारों के पास है. रांची के गुरुनानक हाइस्कूल परिसर में रविवार को आयोजित बैंक ऑफ इंडिया इंप्लाइज यूनियन की झारखंड शाखा के युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री लल्लन ने कहा कि युवा बैंक कर्मियों को अब संगठन की जवाबदेही संभालने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि युवा बैंक कर्मियों को जागना होगा.
केंद्र सरकार विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और जी-20 देशों के दबाव में बैंकों का निजीकरण करना चाह रही है. इससे बड़े बैंक बनेंगे और उनके शॉक एब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन की स्थापना 1946 में युवा बैंक कर्मियों ने विषम परिस्थितियों में की थी. आज केंद्र सरकार कोड ऑन वेजेज-2017 के आधार पर बैंक कर्मियों को बांटने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की बैंक विरोधी नीतियों और अन्य गतिविधियों को लेकर संघ ने 27 दिसंबर को एक दिनी हड़ताल का आह्वान किया है. इसे सफल बनाने की जरूरत है.
श्री लल्लन ने कहा कि यूपीए और एनडीए की सरकारों ने नन परफारर्मिंग एसेट्स (एनपीए) का वर्गीकरण कर दिया है. इससे बैंकों में पूंजी का अभाव हो गया है. केंद्र सरकार फायनांसियल रिजोल्यूशन डिपोजिर्टस इंश्योरेंस (एफआरडीआइ) बिल के जरिये कर्ज धारकों को बेल इन का प्रावधान देना चाहती है. इसका विरोध किया जाना चाहिए. यूनियन की झारखंड इकाई के अध्यक्ष जीसी सिन्हा ने कहा कि युवा अगर ठान लें, तो कोई चीज मुश्किल नहीं है.
उप महासचिव सपन कुमार अदक, उमेश कुमार दास, एसएन दास, विंदेश्वर प्रसाद, तारक बनर्जी ने युवा साथियों से संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया. युवा संगठन कर्ता साकेत शर्मा, भगवान सिंह, सुदीप सिन्हा राय, राजेश पाठक ने केंद्र सरकार की नीतियां, बैंकिंग व्यवसाय, बैंकों के स्वास्थ्य पर अपने विचार रखे.
स्वर्ग में स्थान सुरक्षित करें
फादर अशोक कुजूर
किसी आश्रम में एक गुरुजी थे़ वे ज्ञानवर्द्धक बातों के साथ-साथ अपने शिष्यों को पेड़ पर चढ़ना भी सिखाते थे़ उस आश्रम में एक राजकुमार भी था़ एक दिन गुरुजी राजकुमार को पेड़ पर चढ़ने का प्रशिक्षण दे रहे थे़ राजकुमार पेड़ की चोटी तक पहुंच गया, फिर उतरने लगा़ गुरुजी चुपचाप देख रहे थे़
जब जमीन कोई दस फीट नीचे रह गयी थी, तभी अचानक गुरुजी चिल्लाए- ‘सावधान, बेटे़ सावधानी से उतरना़ ’ राजकुमार ने हैरान होकर सोचा- जब मैं सौ फीट की ऊंचाई पर था, जहां से गिरने से मेरे बचने की उम्मीद नहीं थी, उस समय गुरुजी ने कुछ नहीं कहा़ अब जब मैं नीचे पहुंच गया हूं, जहां कोई खतरा नहीं, तो वे मुझे सावधान कर रहे हैं! जब उसने यह बात गुरुजी से कही, तब गुरुजी ने शांत भाव से कहा- मेरा अनुभव है कि जहां कोई खतरा नहीं होता, वहां इनसान सो जाता है़ ऊपर तुम्हें गिर जाने का खतरा था, इसलिए तुम सचेत थे़, गिर नहीं सकते थे़ मैंने आज तक किसी को ऊपर चोटी से गिरते नहीं देखा है़
आज आदमी ने अपनी सुरक्षा के लिए अनेकों जतन कर लिया है, चौकीदार, बॉडीगार्ड, बुलंद दरवाजा आदि, पर मृत्यु की असलियत के सामने ये सब सुरक्षा इंतजाम मिथ्या हैं.
पाप व नरक दंड से सुरक्षित होने का बस यही उपाय है- पाप स्वीकार, प्रभु पर विश्वास और अपने जीवन में सुधार. यही स्वर्ग राज्य व अनंत जीवन की गारंटी है. यीशु मसीह ने कहा है- ‘क्योंकि जो अपना जीवन सुरक्षित रखना चाहता है, वह उसे खो देगा और जो मेरे कारण अपना जीवन खो देता है, वह उसे सुरक्षित रखेगा़ मनुष्य को क्या लाभ, यदि वह सारा संसार प्राप्त कर ले, लेकिन अपना जीवन गंवा दे? इस आगमन काल में सुरक्षा के इन इंतजामों पर अमल करें, जिससे परलोक के लिए जीवन सुरक्षित हो सके़ लेखक डॉन बॉस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज बरियातू के निदेशक हैं.
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