झामुमो नेता हेमंत सोरेन प्रमंडलवार सम्मेलन कर रहे हैं. झामुमो ने अपने कैडरों को गोलबंद किया और सरकार के खिलाफ अपने एजेंडे को सामने किया. कोल्हान से लेकर पलामू तक पार्टी जमीन मजबूत करने में लगी है़ उधर, कांग्रेस व झाविमो सहित दूसरे दल संगठन को दुरुस्त करने में जुटे है़ं कांग्रेस अपने सांगठनिक चुनाव में ही उलझा है़ चुनावी मिशन से दूर अध्यक्ष को लेकर ही उठा-पटक चल रहा है. इधर, विपक्ष में गठबंधन की राह भी आसान नहीं है़ झाविमो-झामुमो के एक साथ आने में कई तरह के पेच हैं.
संताल परगना से लेकर कई सीटों पर मामला फंस सकता है़ हालांकि कांग्रेस और झाविमो गंठबंधन को लेकर आशान्वित है़ं कांग्रेस झामुमो के साथ जाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी. झाविमो की दलील है कि विपक्ष में सीटों का बंटवार पहले कर लिया जाये़ कांग्रेस नेताओं को झाविमो ने यह संदेश भिजवाया भी है, लेकिन झामुमो गठबंधन को लेकर अभी अपना पत्ता नहीं खोलना चाह रहा है.विपक्ष में झामुमो की रणनीति प्रेशर पॉलिटिक्स की होगी़