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प्रभात उत्सव में बोले रघुवर दास : गरीबी की गोद में बैठा है झारखंड, 2025 तक प्रदेश में नहीं रहेगा कोई गरीब

रांची : ‘प्रभात खबर’ के 34वें स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय ‘प्रभात उत्सव’ के पहले दिन रविवार को होटल रेडिशन ब्लू में ‘झारखंड कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर ‘2025 का झारखंड’ विषयक गोष्ठी में राजनीतिक दलों के नेताअों ने 2025 के झारखंड की तसवीर पेश की. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रभात […]

रांची : ‘प्रभात खबर’ के 34वें स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय ‘प्रभात उत्सव’ के पहले दिन रविवार को होटल रेडिशन ब्लू में ‘झारखंड कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर ‘2025 का झारखंड’ विषयक गोष्ठी में राजनीतिक दलों के नेताअों ने 2025 के झारखंड की तसवीर पेश की. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रभात खबर समूह के ग्रामीण व पंचायती मुद्दों पर आधारित पाक्षिक समाचारपत्र ‘पंचायतनामा’ के इंटरनेट संस्करण का भी उद्घाटन किया.

प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड गरीबी की गोद में बैठा है. सरकार ने 2025 तक प्रदेश से गरीबी का नाम-अो-निशान मिटाने का संकल्प लिया है. सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को नसीहत दी कि वे रिपोर्टिंग में सच्चाई को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि सरकार सच सुनने के लिए तैयार है

उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए प्रदेश के मंत्री और अधिकारी एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं. झारखंड प्रगति की आेर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं दावा नहीं कर रहा कि मैंने सभी समस्याआें का समाधान कर लिया है. झारखंड को हमें विकसित राज्य बनना है. विकसित राज्य बनने के लिए समय कम है. हमारी सरकार प्रधानमंत्री के मागर्दर्शन में 2030 का विजन तो नहीं बन पाया, लेकिन पांच साल का विजन बनाया है.’

उन्होंने कहा, ‘नीति आयोग ने राज्य में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, भूख से मुक्ति, जवाबदेह प्रशासन आैर वन पयार्वरण, जलवायु परिवर्तन, इस तरह के 15 क्षेत्रों पर फोकस किया है. हमारा इन चार क्षेत्रों पर विशेष ध्यान है. इस पर हमारी सरकार काम कर रही है.’ मुख्यमंत्री ने उन तमाम योजनाअों का जिक्र किया, जो प्रदेश में संचालित हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग ने गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, भूख से मुक्ति, जवाबदेह प्रशासन आैर वन पयार्वरण, जलवायु परिवर्तन, इस तरह 15 क्षेत्रों पर फोकस किया है. चार क्षेत्र पर विशेष ध्यान है. इस पर सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य झारखंउ गरीब नहीं है, यहां के लोग गरीब हैं, यहां के लोगों की सोच गरीब है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि किस तरह सरकार विभिन्न योजनाअों के जरिये गांवों में रोजगार बढ़ाने के प्रयास कर रही है. उन्होंने माना कि रोजमर्रा की जिंदगी में भ्रष्टाचार अब भी कायम है. इसे खत्म करने के लिए विलेज को-ऑर्डिनेटर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से पहले सरकार 2 लाख गरीबों को घर देकर उनका गृह प्रवेश करायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों को रोजगार देने की दिशा में काम कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार किसी एक वर्ग या दल की नहीं है. सरकार सबकी है. झारखंड दलितों, वंचितों आैर गरीबों का राज्य है. 14 सालों में इनके विकास के लिए काम नहीं हुआ. हम यहां के दलितों, वंचितों आैर गरीबों के लिए काम कर रहे हैं. इन्हीं दलितों, वंचितों आैर गरीबों का दास मैं रघुवर दास हूं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने 14 साल तक नकारात्मक राजनीति की. अब सकारात्मक राजनीति का समय आ गया है. पत्रकारों को भी सकारात्मक पत्रकारिता करनी चाहिए. जब राजनीति और पत्रकारिता दोनों सकारात्मक होगी, तो प्रदेश का विकास होगा.’ उन्होंने कहा कि झूठ ज्यादा दिन नहीं टिकता. विरोध करनेवाले की मानसिकता संकीर्ण होती है. समाज की कुरीतियों से लड़नेवाले को समाज से संघर्ष करना पड़ता है.

झारखंड में समस्याएं हैं, तो यहां के लोगों में सामर्थ्य भी है : राधामोहन सिंह

मुख्य अतिथि कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि झारखंड में समस्याएं हैं, लेकिन यहां के लोगों में सामर्थ्य भी है. अपने दम पर मछली पालन में यह प्रदेश आत्मनिर्भर हो चुका है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार पर भी जबरदस्त हमला किया. उन्होंने कहा कि देश में 99 परियोजनाएं ऐसी हैं, जो 25-30 साल से लंबित हैं. पिछली सरकार 10 साल में इन परियोजनाअों को पूरा करने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था नहीं कर पायी.

श्री सिंह ने कहा कि यदि ये परियोजनाएं पूरी हो जातीं, तो 76 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगता. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार इन परियोजनाअों को पूरा करेगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि परियोजनाअों पर काम शुरू होगा, तो भ्रष्टाचार भी होंगे, लेकिन उस पर बाद में सोचेंगे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के डर से परियोजनाओं को छोड़ नहीं सकते. उन्होंने अपने विभाग और एनडीए सरकार की कई विकास परियोजनाअों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.

केंद्रीय कृषि मंत्री गाय को जाति और संप्रदाय से जोड़नेवालों पर भी जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि वोट की लालच में गाय को जाति और धर्म से जोड़नेवालों का विरोध होना चाहिए. इसी तरह गाय की रक्षा के नाम पर लोगों की हत्या करनेवालों का, लोगों की पिटाई करनेवालों भी विरोध होना चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि ‘2025 का झारखंड’ की परिकल्पना करते समय संकल्प लेना होगा कि खेत-खलिहानों को बचायेंगे. जातिवाद, भ्रष्टाचार का खात्मा करेंगे. संप्रदायवाद को मिटा देंगे. उन्होंने कहा कि अगस्त बहुत महत्वपूर्ण महीना है. सन् 1857 से 1942 के बीच अंग्रेजों की बर्बरता से पूरा देश त्रस्त था. अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को ‘करो या मरो’ का नारा देना पड़ा.

बापू के इस बयान के बाद पूरा देश उनके पीछे चल पड़ा. लोगों ने संकल्प ही नहीं लिया, उस पर अमल भी किया. परिणाम यह हुआ कि जो काम 95 साल में नहीं हुआ, 5 साल में पूरा हो गया. 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की बर्बरता से देश को उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना हमारे देश के लोगों के भ्रष्टाचार से हुअा है.

श्री सिंह ने कहा, ‘आज हमें संकल्प लेना होगा कि भ्रष्टाचार भारत छोड़ो, आतंकवाद भारत छोड़ो, उग्रवाद भारत छोड़ो, जातिवाद भारत छोड़ो, संप्रदायवाद भारत छोड़ो. यदि इस संकल्प के साथ हम आगे बढ़ेंगे, तभी 2025 तक संपन्न और समृद्ध भारत बना सकेंगे.’

आंगनबाड़ी सेविकाअों की मांग जायज, उनका मानदेय बढ़ाने पर विचार करे सरकार : जयंत सिन्हा

नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने भी राज्यों के विकास के लिए शुरू की गयी केंद्रीय योजनाअों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं की मानदेय बढ़ाने मांग उन्हें जायज लगती है. उनके मानदेय में उचित वृद्धि होनी चाहिए. श्री सिन्हा ने सभी को राशन कार्ड देने की भी वकालत की, क्योंकि गांवों में शिकायतें आती हैं कि जरूरतमंदों को राशन कार्ड नहीं मिल रहे. सक्षम लोग गलत तरीके से कार्ड बनवा ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक योजना है ‘भामाशाह’. इस योजना के जरिये महिलाअों को सशक्त बनाया जा सकता है. झारखंड सरकार ‘भामाशाह’ योजना का अनुकरण कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि गांवों को सशक्त बनायेंगे. उन्होंने कृषकों की आमदनी दोगुना करने का जो वादा किया है, उसे हर हाल में पूरा किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि हम पंचायत स्तर पर व्यवस्था सुधारना चाहते हैं. गांवों में जाकर लोगों को जागरूक बनाना चाहते हैं. हमारी सरकार ने मुखिया को सक्षम बनाया, ताकि वे छोटी-छोटी योजनाअों जैसे तालाब, चापाकल, सड़क निर्माण आदि का काम वे कर सकें. हमारी सरकार चाहती है कि गांवों के विकास में मुखिया और बीडीअो की अहम भूमिका हो, ताकि अपनी जरूरत के अनुरूप वे विकास का काम कर सकें. इस प्रशासनिक सुधार की दिशा में हम काम कर रहे हैं.

झारखंड के निर्माण में अहम थी प्रभात खबर की भूमिका : बाबूलाल मरांडी

इससे पहले झाविमो सुप्रीमो और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में प्रभात खबर की अहम भूमिका रही है. प्रभात खबर एकमात्र अखबार है, जिसने सदैव झारखंड की आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे काम करके राज्य को विकसित बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड की आज की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है. प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षा तक झारखंड में व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. स्कूल से कॉलेज तक की हालत खराब है. जिस स्कूल से मैं पढ़-लिख कर निकला हूं, उस स्कूल की दशा भी खराब है. छात्रों की संख्या बढ़ती गयी, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ी. उन्होंने कहा कि जब हम कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे, तब मात्र तीन आदिवासी लड़के वहां पढ़ रहे थे. 1983 की घटना है. गिरिडीह कॉलेज की. आज भी मैं उस कॉलेज में जाता हूं, तो 5-6 हजार ट्राइबल बच्चे पढ़ते हैं.

2025 तक संपूर्ण क्रांति नहीं हो सकती, कम-से-कम गरीबी खत्म करने की कोशिश होनी चाहिए : ज्यां द्रेज

जाने-माने अर्थशास्त्री और समाजसेवी ज्यां द्रेज ने कहा कि गिनीज बुक में जगह बनाने के लिए लोग क्या नहीं करते. कोई एवरेस्ट पर चढ़ जाता है, तो कोई कुछ करता है. कल मैं आंकड़े देख कर कुछ समझने की कोशिश कर रहा था कि झारखंड के नाम कौन-कौन से रिकॉर्ड हैं. झारखंड के जितने भी रिकॉर्ड निकले, सब नकारात्मक मिले. उदाहरण के लिए झारखंड का एक बड़ा रिकॉर्ड है कुपोषण. दुनिया में कुपोषण की राजधानी भारत है और भारत के कुपोषण की राजधानी बिहार और झारखंड है. 2015-16 के सर्वे बताते हैं कि झारखंड के 48 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है. दुनिया के किसी और देश में यह आंकड़ा नहीं मिलेगा. 2005 में 50 फीसदी लोगों के पास संवाद का कोई माध्यम नहीं था. आज यह स्थिति बदल चुकी है. 2025 तक संपूर्ण क्रांति नहीं हो सकती. कम से कम गरीबी खत्म करने की कोशिश होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण चीज है. इसके बिना विकास नहीं हो सकता, न्याय नहीं हो सकता, स्वास्थ्य नहीं हो सकता और लोकतंत्र भी नहीं हो सकता. 2011 के भारत जनगणना के अनुसार, झारखंड में 15 से 19 साल की उम्र के 15 फीसदी बच्चे अनपढ़ थे. इन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता. अब भी 10 फीसदी ऐसे बच्चे होंगे. इन बच्चों का भविष्य नष्ट किया गया है.

सत्ता में बैठे लोग वादे से मुकर जायें, तो राज्य का विकास नहीं हो सकताः हरिवंश

जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश ने कहा कि राज्य के प्राकृतिक संसाधन अवैध तरीके से नष्ट किये जा रहे हैं. दुमका के ऐसे पहाड़ों को काट डाला गया, जो फॉसिल में तब्दील हो चुके थे. ये अमूल्य प्राकृतिक संपदा हैं, लेकिन उसे बचाया नहीं जा रहा. ये सब सरकार के आदेश से नहीं हो रहा, लेकिन इसे रोकने की दिशा में जो प्रयास होने चाहिए थे, वे भी नहीं हुए.

उन्होंने कहा कि 2025 में झारखंड में युवाअों को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती होगी. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग नौकरी करने के लिए अपने घर से ढाई हजार किलोमीटर दूर केरल जा रहे हैं, यह चिंता की बात है. उन्होंने कई आंकड़ों के जरिये बताया कि झारखंड जिस गति से चल रहा है, उस गति से 2025 तक उसके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन धरातल पर नाममात्र की चीजें उतर पाती हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने विधायक, अपनी सरकार से यह पूछना शुरू करना होगा कि उन्होंने जो बातें की थी, उस पर वह कितना आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग यदि अपने किये हुए वादे से मुकर जायें, तो यह गंभीर स्थिति है. ऐसी स्थिति में कोई देश या राज्य आगे नहीं बढ़ सकता.

उन्होंने कहा कि हमारा आदिवासी समाज कम चीजों के साथ रहता है, लेकिन खुश रहता है. उन्होंने कहा कि किसी राज्य को आगे ले जाने के लिए पहली शर्त है कि उसके नेता के पास विजन हो. इसके लिए विश्व के बड़े संस्थानों में पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं है. इसके लिए कैरेक्टर और कनविक्शन सबसे ज्यादा जरूरी है. कामराज बहुत पढ़े-लिखे नेता नहीं थे. वह भाषा नहीं पढ़ पाते थे. लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी जैसा प्रधानमंत्री कामराज ने दिया. उन्हें पीएम बनाने की बात हुई, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया.

अाज देश के सबसे विकसित राज्यों में एक राज्य है तमिलनाडु. उस तमिलनाडु की विकास की बुनियाद उस अनपढ़ कामराज ने रखी. उन्होंने कहा कि अाज देश के हर राज्य को कामराज जैसा अनपढ़ मुख्यमंत्री मिल जाये, तो यह देश बहुत आगे बढ़ जायेगा. उन्होंने कहा कि जनता को तय करना है कि हमारा नेता कैसा हो. उन्हें ऐसा नेता चुनना होगा, जो 2025 तक उनकी तकदीर बदल दे.

थोड़े-से प्रयास से झारखंड के विकास को मिल सकती है गति : आशुतोष चतुर्वेदी

इससे पहले प्रभात खबर के प्रधान संपादक ने कॉन्क्लेव में आये अतिथियों का स्वागत करते हुए झारखंड की संपदा और संभावाओं के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि यहां खनिज के भंडार तो हैं ही, यहां के किसान भी बहुत मेहनती हैं. यहां फलों और सब्जियों की बहुत अच्छी खेती होती है. हमारी सब्जियां अन्य राज्यों में भेजी जाती हैं. लेकिन, किसानों की मेहनत का फल बिचौलिये खा जाते हैं. उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करनी होगी, ताकि किसानों की फसल बरबाद न हो. उन्होंने कहा कि झारखंड का मौसम बहुत बढ़िया है. अच्छी बारिश के बावजूद पानी नहीं बचता. जल संरक्षण की व्यवस्था नहीं है. तालाबों को पाट दिया गया. इस विषय में गंभीरता से विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि लाखों पर्यटक झारखंड आते हैं. देश-दुनिया के लोग आते हैं. जैन धर्मावलंबी पारसनाथ आते हैं. यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाये, तो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड की तरह झारखंड भी बड़ा पर्यटन केंद्र बन सकता है.

श्री चतुर्वेदी ने बेतला नेशनल टाइगर रिजर्व को संरक्षित करने की भी जरूरत बतायी. उन्होंने कहा कि आज यह बहुत बुरी दशा में है. थोड़ा-सा प्रयास हो जाये, तो यह बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि यहां के लोगों को पढ़ाई और चिकित्सा के लिए दिल्ली, बंगाल या दक्षिण के राज्यों में नहीं जाना पड़े. यदि एक व्यवस्था विकसित हो जाये, तो झारखंड की तसवीर बदल सकती है.

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