रांची : शुक्रवार को झारखंड के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय की अध्यक्षता में पेट्रोल पंप संचालकों, पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों तथा राज्य नियंत्रक विधिक माप विज्ञान विभाग की एक बैठक प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्री के कार्यालय कक्ष में हुई. बैठक में मंत्री सरयू राय ने कहा कि पिछले दिनों माप तौल विभाग द्वारा पेट्रोल पंपों की जांच के दौरान पेट्रोल पंप संचालकों ने शिकायत की थी कि उन्हें आपूर्ति किये जाने वाले तेल की मात्रा में भी कमी रहती है.
बैठक में सबकी राय थी कि तेल की मात्रा में हेराफेरी की सबसे अधिक संभावना ट्रांसपोर्टिंग के स्तर पर है. इससे निपटने के लिए पेट्रोल पंप संचालकों की तरफ से सप्लाई चेन मैनेजमेंट के पूर्ण ऑटोमेशन का सुझाव दिया गया. तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है.
इस पर काम शुरू किया जायेगा. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा किसी की नियत में खोट ढूंढना नहीं है. हमारा एकमात्र मकसद यह है कि ग्राहक को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेट्रोल एवं डीजल मिले. बैठक में पेट्रोल पंप संचालक एसोसिएशन के अशोक सिंह ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसने पेट्रोल पंप संचालकों की समस्याओं के मसले पर ऐसी बैठक रखी है.
उन्होंने बैठक आयोजित कराने के लिए मंत्री श्री राय का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों को भी झारखंड का अनुसरण करना चाहिए. बैठक में झारखंड विधिक माप विज्ञान विभाग के संयुक्त नियंत्रक केएन चौधरी ने कहा कि विभाग का पूर्ण कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है और अब से पेट्रोल पंप संचालकों को फीस प्रमाणपत्र जैसे छोटी-मोटी आवश्यकताओं के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कम कर्मचारियों की संख्या होने के बावजूद माप तौल विभाग पूरी तत्परता और मुस्तैदी से काम कर रहा है.