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हिंदपीढ़ी के इहान की मौत का जिम्मेवार कौन? मेडिका के डॉक्टर या एक्सपायर्ड इंजेक्शन?

रांची : हिंदपीढ़ी के एक बच्चे की बुधवार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गयी. बच्चे को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी. परिजनों की मानें, तो दो-तीन दिन से निमोनिया की शिकायत थी. रात करीब साढ़े 10-11 बजे बुखार तेज होने पर परिजनों ने उसे बेहतर इलाज के लिए तत्काल मेडिका अस्पताल में […]

रांची : हिंदपीढ़ी के एक बच्चे की बुधवार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गयी. बच्चे को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी. परिजनों की मानें, तो दो-तीन दिन से निमोनिया की शिकायत थी. रात करीब साढ़े 10-11 बजे बुखार तेज होने पर परिजनों ने उसे बेहतर इलाज के लिए तत्काल मेडिका अस्पताल में भरती कराया. इलाज के दौरान डॉक्टर के एक इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद बच्चे के मुंह और नाक से झाग निकलने लगा. इसके बाद मेडिका अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज करने से हाथ खड़े कर दिये.

एक्सपायरी डेट बदल बेची जा रही दवाएं, खतरे में जान

मामला हाथ से निकलते देख अस्पताल के डॉक्टरों ने टरकाने के ख्याल से बच्चे के परिजनों से कहा कि बच्चे की स्थिति गंभीर है, उसे तत्काल रानी चिल्ड्रेन अस्पताल ले जायें. परिजन भागे-भागे रानी चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंचे. लेकिन, हंसते-खेलते घर से अस्पताल के लिए निकले इहान कच्छी की तब तक सांसें थम चुकी थीं. रानी चिल्ड्रेन के डॉक्टरों ने बताया कि इहान की पहले ही मौत हो चुकी थी.

सूत्रों ने बताया कि निमोनिया से पीड़ित बच्चे को इंजेक्शन देने के थोड़ी ही देर बाद उसके शरीर पर वैसे ही लाल-लाल चकत्ते हो गये, जैसे किसी को एलर्जी होने पर हो जाते हैं. इसके थोड़ी देर बाद मुंह और नाक से झाग निकलने लगा. हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने कह दिया कि अब इसे यहां बचाना मुश्किल होगा, रानी चिल्ड्रेन ले जायें.

एक्सपायरी दवा पकड़ें डीआइ : आयुक्त

तीन घंटे में एक चार साल के बच्चे की जिंदगी खत्म हो गयी. 11 बजे वह स्वस्थ होने के लिए अस्पताल आया था. अस्पताल से वापस जब अपने अम्मी-अब्बा की गोद में गया, तो उसकी सांसें थम चुकी थीं.

अब सवाल उठता है कि इहान की जान किसने ली? डॉक्टर ने या रांची की दवा दुकानों में बिकनेवाली एक्सपायर्ड दवाआें ने? पिछले दिनों ही इस बात का खुलासा हुआ था कि रांची की दवा दुकानों में एक्सपायरी डेट के ऊपर नया स्टिकर लगा कर उन दवाअों को भी बेचा जा रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी लालची दुकानदार ने पैसा कमाने के लिए एक्सपायरी डेट की दवा पर नया रैपर लगा दिया हो आैर उस दवा के दुष्प्रभाव ने इहान की जान ले ली?

अस्पताल का बच्चे को भरती करने संबंधी रिकॉर्ड से इनकार, परिजन बोलेः 5,000 रुपये दिये

इधर, इस घटना से संबंधित जानकारी लेने के लिए जब अस्पताल से संपर्क किया गया, तो यह बात सामने आयी कि बच्चे के इलाज से जुड़ा कोई रिकॉर्ड ही अस्पताल में नहीं है. दूसरी तरफ, इहान के परिजनों का कहना है कि उन्होंने इमरजेंसी में 5,000 रुपये जमा करवाये, तब जाकर बच्चे का इलाज शुरू हो पाया.

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