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उपलब्धि: एक और बेटी ने बढ़ाया झारखंड का गौरव, खुद को साबित करने की जिद थी तो फाइटर पायलट बन गयीं निधि
झारखंड की एक और बेटी ने राज्य का गौरव बढ़ाया है. न्यू नगड़ा टोली निवसी अमन निधि झारखंड की संभवत: पहली महिला फाइटर हेलीकॉप्टर पायलट बनी हैं. इन्हें इसी माह कमीशन मिला है. अमन ने लड़कियों की चूल्हा-चौका और कपड़ा-बरतन वाली छवि को तोड़ते हुए पहले ही प्रयास में एयरफोर्स के एफकैट में सफलता पायी. […]
झारखंड की एक और बेटी ने राज्य का गौरव बढ़ाया है. न्यू नगड़ा टोली निवसी अमन निधि झारखंड की संभवत: पहली महिला फाइटर हेलीकॉप्टर पायलट बनी हैं. इन्हें इसी माह कमीशन मिला है. अमन ने लड़कियों की चूल्हा-चौका और कपड़ा-बरतन वाली छवि को तोड़ते हुए पहले ही प्रयास में एयरफोर्स के एफकैट में सफलता पायी. इसके बाद डेढ़ साल के कठिन प्रशिक्षण को पूरा किया है.
रांची: अमन निधि के पिता जीएन सहाय बताते हैं कि इसे बचपन से ही वे सारे काम करना पसंद था, जो आमतौर पर लड़कियां नहीं करना चाहतीं. खेलकूद को पसंद करनेवाली अमन निधि पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं. सेक्रेट हर्ट से दसवीं और डीपीएस से 12वीं की पढ़ाई पूरी की.
रोचक है अंडर-19 से एयरफोर्स एकेडमी तक का सफर : खेल काे पसंद करने वाली अमन निधि का क्रिकेट प्रेम भी देखते बनता था. अमन ने अंडर-19 क्रिकेट में झारखंड का प्रतिनिधित्व भी किया. इसके अलावा रांची जिला सीनियर टीम से भी खेल चुकी हैं. खेलप्रेम की बात करें तो आइसीएसइ बोर्ड के नेशनल लेवल की खिलाड़ी रह चुकी हैं. उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता है. इसके अलावा कई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया है. खेल में अव्वल रहीं लेकिन, उसके अंदर कुछ अलग करने का जुनून भी था. अपनी भी एक अलग पहचान हो, इसको लेकर उसने ग्वालियर के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से बीपीएड की पढ़ाई की. यह संस्थान देश भर से एक सौ उम्मीदवार चुनता है, जिसमें 20 लड़कियां होती हैं. इसके एडमिशन टेस्ट में अमन निधि को देश भर में चौथा रैंक मिला था. यहां जाने वाले उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होते हैं. उसके फिजिकल फिटनेस को देखते हुए वहां के प्रोफेसरों ने उन्हें एफकैट में जाने की सलाह दी. अमन पहले ही प्रयास में एफकैट में चयनित हुईं.
ऐसे बनीं फाइटर पायलट : अमन की बहन शिवानी सहाय बताती हैं कि एफकैट में चयनित होने के बाद डेढ़ साल की ट्रेनिंग हैदराबाद के एयरफोर्स एकेडमी से पूरी की. पहला छह माह फिजिकल व थ्योरी की पढ़ाई की. इसके बाद अगला एक साल तक विभिन्न हेलीकॉप्टरों में प्रशिक्षण पाया. जहां इसे फाइटर हेलीकॉप्टर पायलट के तौर पर चयनित किया गया. अमन निधि के पिता जीएन सहाय कहते हैं कि यह राज्य की संभवत: पहली लड़की है जो फाइटर पायलट बनी है. अमन के माता-पिता प्राइवेट जॉब करते हैं. जबकि, बहन शिवानी सहाय बीएचयू से एमबीए कर चुकी हैं.
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