21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

संताल समाज के लिए काशी के समान है रजरप्पा का दामोदर

Importance of Damodar for Santhal Tribes: रजरप्पा का यह महत्व एक बार फिर उस समय सामने आया, जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पवित्र अस्थियों का विसर्जन करने के लिए दामोदर नद पहुंचे. यह क्षण न केवल संताल समाज, बल्कि पूरे झारखंड के लिए भावनाओं से भरा हुआ था.

Importance of Damodar for Santhal Tribes| रजरप्पा (रामगढ़), सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार : झारखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों में रजरप्पा का नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है. यह स्थल न केवल मां छिन्नमस्तिके मंदिर के कारण श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि संताल समाज के लिए इसकी आस्था और भी गहरी है. संताल परंपरा में यह मान्यता है कि किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अस्थियों का विसर्जन दामोदर में किया जाना जरूरी है. यही वजह है कि रजरप्पा का यह स्थल संतालों के लिए काशी के समान पूजनीय है.

पीढ़ियों से चली आ रही है दामोदर में अस्थि विसर्जन की परंपरा

संताल समाज के बुजुर्ग बताते हैं कि अस्थि विसर्जन की परंपरा मात्र धार्मिक अनुष्ठान नहीं है. यह उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी हिस्सा है. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. आज भी संताल समुदाय के लोग इसे पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ निभाते हैं. जब कोई व्यक्ति जीवन भर समाज और समुदाय के लिए समर्पित रहता है, तो उसके निधन के बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन रजरप्पा में करना पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेवारी बन जाती है.

Importance Of Damodar For Santhal Tribes Hemant Soren Latest News Rajrappa
अस्थि विसर्जन के लिए रजरप्पा पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. फोटो : प्रभात खबर

हेमंत सोरेन ने किया शिबू सोरेन का अस्थि विसर्जन

रजरप्पा का यह महत्व एक बार फिर उस समय सामने आया, जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पवित्र अस्थियों का विसर्जन करने के लिए दामोदर नद पहुंचे. यह क्षण न केवल संताल समाज, बल्कि पूरे झारखंड के लिए भावनाओं से भरा हुआ था. शिबू सोरेन जीवन भर समाज सुधार और अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने के लिए समर्पित रहे.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

रजरप्पा और दामोदर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रजरप्पा में मां छिन्नमस्तिके का मंदिर है, जो शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है. मान्यता है कि यहां की पवित्र धारा में अस्थि विसर्जन करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है. यही कारण है कि झारखंड समेत पड़ोसी राज्यों के संताल परिवार अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित करने रजरप्पा अवश्य आते हैं.

Importance Of Damodar For Santhal Tribes Hemant Soren Latest News Rajrappa Ramgarh
संताली परंपरा के अनुरूप शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए पूजा करते हेमंत सोरेन. फोटो : प्रभात खबर

अस्थि विसर्जन के लिए बड़ी संख्या में जुटते हैं लोग

अस्थि विसर्जन के अवसर पर समाज के लोग बड़ी संख्या में जुटते हैं. यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं होता, सामूहिक श्रद्धा और एकजुटता का भी परिचायक होता है. बुजुर्ग बताते हैं कि जब समाज का कोई बड़ा नेता, विचारक या सामाजिक कार्यकर्ता इस दुनिया को छोड़ता है, तो उनके अस्थि विसर्जन में संताल समाज की बड़ी भागीदारी होती है. यह आयोजन पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने का काम करता है.

इसे भी पढ़ें : मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक के रूप में बदलेंगे अटल मोहल्ला क्लिनिक

आदिवासी और सनातन परंपराओं का संगम

रजरप्पा का यह स्थल केवल संताल समाज ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड और देश की साझा संस्कृति का प्रतीक है. मां छिन्नमस्तिके मंदिर जहां शक्ति उपासकों के लिए सिद्धपीठ है, वहीं दामोदर नद संताल समाज के लिए मोक्ष धाम है. मंदिर के पास स्थित जाहेर थान में संताल परंपरा के अनुसार पूजा होती है. इस तरह यह स्थल आदिवासी और सनातन परंपराओं के अद्भुत संगम का प्रतीक है.

आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगा दिशोम गुरु की संघर्ष

दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन झारखंड की अस्मिता और अधिकार की लड़ाई में समर्पित कर दिया. उन्होंने आदिवासी समाज की आवाज को न केवल राज्य, बल्कि देश की राजनीति में स्थापित किया. वे केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, झारखंड की आत्मा थे. जब उनकी अस्थि दामोदर की लहरों में विलीन हुई, तो ऐसा लगा कि उनका संघर्ष और सपना अब इस नदी की धारा के साथ आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगा.

सीएम ने पिता की परंपरा और समाज की रीति निभायी

संताली समाज के लोगों ने कहा कि शिबू सोरेन हमारे लिए सिर्फ नेता नहीं, बल्कि परिवार के मुखिया जैसे थे. उनका जाना अपूरणीय क्षति है. जब उनकी अस्थि रजरप्पा में विसर्जित हुई, तो लगा, जैसे हमारी आत्मा का एक हिस्सा दामोदर में समा गया. कई लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिस तरह पिता की परंपरा और समाज की रीति निभायी है, उससे यह संदेश गया है कि वे पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

Importance Of Damodar For Santhal Tribes Hemant Soren News
रजरप्पा मंदिर में पूजा करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. फोटो : प्रभात खबर

भावनाओं और संकल्प से जुड़ा क्षण

यह अवसर केवल एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं था. यह एक बेटे द्वारा पिता को दी गयी अंतिम विदाई थी. इसमें आस्था भी थी, परंपरा भी और संकल्प भी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अनुष्ठान के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वे पिता के अधूरे सपनों और झारखंड की अस्मिता की लड़ाई को आगे बढ़ायेंगे. उनकी आंखों से छलकते आंसू पिता के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का प्रतीक था.

मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका, हुई नारेबाजी

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियों का विसर्जन करने रजरप्पा पहुंचे. अस्थि विसर्जन के बाद उन्होंने मां छिन्नमस्तिके मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस दौरान सुरक्षा कारणों से पुलिस प्रशासन ने आम श्रद्धालुओं का करीब 20 मिनट तक मंदिर में प्रवेश से रोक दिया. इससे श्रद्धालु नाराज हो गये. कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के रोका गया. कई श्रद्धालुओं ने ‘पुलिस प्रशासन हाय-हाय’ और ‘नेतागिरी नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाये. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने समझाने-बुझाने की कोशिश की और जैसे ही मुख्यमंत्री की पूजा समाप्त हुई, श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गयी. इसके बाद स्थिति सामान्य हो गयी.

Importance Of Damodar For Santhal Tribes Hemant Soren Latest News
हेमंत सोरेन रजरप्पा मंदिर पहुंचे, तो श्रद्धालु हुए परेशान, पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी. फोटो : प्रभात खबर

सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम

मुख्यमंत्री द्वारा रजरप्पा में दिशोम गुरु के अस्थि विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. जगह-जगह पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था. मौके पर उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज, एसपी अजय कुमार, डीडीसी आशीष अग्रवाल, एसडीओ अनुराग तिवारी, एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद, चितरपुर सीओ दीपक मिंज, गोला सीओ समरेश भंडारी थाना प्रभारी कृष्ण कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें

दामोदर की लहरों में हेमंत सोरेन के आंसू, रजरप्पा में 17 को दिशोम गुरु का अस्थि विसर्जन करते हुए भावुक

बंद खदान में नहाने गया 18 साल का युवक डूबा, शव तलाशने के लिए उतरी एनडीआरएफ की टीम

JJMP Militants Arrest: लातेहार में जेजेएमपी के 2 सक्रिय उग्रवादी गिरफ्तार

झारखंड में आवासीय विद्यालय के छात्रावास में आग, बाल-बाल बची 25 लड़कियां

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel