Hemant Soren: नमेरा (रामगढ़)-झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपनी जिंदगी के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन का आज पांचवां दिन है. दुःख, दर्द और व्यथा के बीच वे पुत्रधर्म के साथ राजधर्म भी निभा रहे हैं. वे रामगढ़ जिले के नेमरा स्थित पैतृक आवास में एक ओर स्मृति शेष पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के बाद पारंपरिक विधि-विधान से रस्म-रिवाज निभा रहे हैं तो दूसरी तरफ शासन-प्रशासन चलाने का भी फर्ज बखूबी निभा रहे हैं, ताकि झारखंड के विकास की गति में कोई अवरोध ना हो. उन्होंने कहा कि बाबा को दिए वचन और वादों को वे निभा रहे हैं. चार अगस्त 2025 को दिशोम गुरु ने दिल्ली के अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. पांच अगस्त को नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
राज्यहित से जुड़े विषयों को लेकर संवेदनशील हैं हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शोक की इस घड़ी में राज्यहित से जुड़े विषयों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील हैं. व्यक्तिगत भावनाओं और दुःख-दर्द को सीने में दबाकर वे सरकारी कामकाज को बेहतर तरीके से निभाने का प्रयास कर रहे हैं. जरूरी फाइलों का निष्पादन करने के साथ सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ नियमित संवाद कर रहे हैं. सरकार की गतिविधियों की जानकारी लेने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आमजनों की समस्याओं का तत्काल निराकरण हो.
अपना दायित्व निभाने की जनता से मिली हिम्मत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद दुःख और मुसीबत की घड़ी में जिस तरह राज्य की जनता उनके पूरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसी से उन्हें यह हिम्मत मिली कि वे इन कठिन परिस्थितियों में भी इस राज्य के प्रति अपने दायित्वों को निभा सकें.
बाबा को दिए वचन और वादों को निभा रहा हूं-हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा हमेशा कहा करते थे कि सार्वजनिक जीवन में हमेशा आम जनता के लिए खड़ा रहना. वे संघर्ष की मिसाल थे. उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा. इस राज्य के लिए हमेशा लड़ते रहे. उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों को तरजीह नहीं दी. संसद से सड़क तक इस राज्य के लिए संघर्ष करते रहे. आज झारखंड है तो यह दिशोम गुरु की देन है, लेकिन अब उनका साया उनके ऊपर से उठ चुका है. वे सभी के लिए पथ प्रदर्शक और मार्गदर्शक रहेंगे. उन्होंने इस राज्य की खातिर उनसे कई वचन लिए थे. वे उनसे किए वादों को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
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