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समस्यायों का समाधान शीघ्र: जयंत
रामगढ़ : जिले भर की कुछ समस्याएं काफी महत्वपूर्ण है. जिसे प्राथमिकता के आधार पर दूर जनहित में करने की आवश्यकता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए जिला प्रशासन को मेरा सार्थक सहयोग हमेशा उपलब्ध रहेगा. उक्त बातें जिला सतर्कता व निगरानी समिति की बैठक के बाद हजारीबाग के सांसद सह कें द्रीय […]
रामगढ़ : जिले भर की कुछ समस्याएं काफी महत्वपूर्ण है. जिसे प्राथमिकता के आधार पर दूर जनहित में करने की आवश्यकता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए जिला प्रशासन को मेरा सार्थक सहयोग हमेशा उपलब्ध रहेगा.
उक्त बातें जिला सतर्कता व निगरानी समिति की बैठक के बाद हजारीबाग के सांसद सह कें द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कही. श्री सिन्हा ने कहा कि पेयजल, प्रदूषण, सीसीएल द्वारा एनओसी नहीं दिया जाना व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए कारगर कदम उठाने का निर्देश उपायुक्त को दिया गया.
बैठक में स्थानीय विधायक सह झारखंड के मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने पीएमजीएसवाई के तहत सुथरपुर-बरलंगा सड़क निर्माण पर सवाल उठाया तथा कई मुद्दों को बैठक में रखा.
शौचालय निर्माण नहीं करने वाले तथा इंदिरा आवास में गड़बड़ी करने वाले मुखियाओं पर होगी दर्ज प्राथमिकी: बैठक में पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा जब बताया गया कि मुखियाओं को शौचालय निर्माण की राशि उपलब्ध कराने के बाद भी शौचालय निर्माण नहीं कराया गया है.
इस पर उपायुक्त ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कर शौचालय निर्माण नहीं करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. साथ ही जल संचयन व पेयजल की समस्याओं को लेकर सीसीएल जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से योजना बनाने का निर्देश सांसद द्वारा दिया गया. साथ ही पुराने चापाकलों की मरम्मत व नये चापाकल की आव श्यकता को लेकर सर्वे कर रिपोर्ट देने का निर्देश उपायुक्त ने पेयजल स्वच्छता विभाग को दिया गया. साथ ही कहा गया कि इंदिरा आवास में गड़बड़ी करने वाले मुखियाओं पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. साथ ही जिले भर के 308 स्कूलो में बन रहे शौचालय निर्माण तीन महीने में पूरा करने का निर्देश दिया गया.
मनरेगा मजदूरों के नहीं मिलने की बात बैठक में आयी
बैठक में मनरेगा की समीक्षा करते हुए जब डीआरडीए निदेशक द्वारा यह कहा गया कि कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण मनरेगा मजदूरों द्वारा काम की मांग कम होती है. मनरेगा द्वारा प्रावधानित दैनिक भत्ता पर कार्य करने को मजदूर इच्छुक नहीं होते हैं. डीआरडीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रामगढ़ जिला के 31 पंचायतों को कोयलांचल में होने की वजह से भी मनरेगा कार्य संभव नहीं हो पाता है. साथ ही जिले में छोटी-बड़ी फैक्टरियों के होने से स्थानीय मजदूर मनरेगा कार्य के बदले उन फैक्टरियों में कार्य करना पसंद करते हैं.
मनरेगा में मजदूरी भुगतान 15 दिनों में होती है. फलस्वरूप मजदूरों में मनरेगा कार्यो के प्रति उदासीनता है. साथ ही बैंक जाने पर मजदूरों के समय की बरबादी होती है. इस पर निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही सभी पंचायतों में मजदूरी का भुगतान माइक्रो एटीएम के माध्यम से किया जायेगा.
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