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शहरी क्षेत्र में नाला निर्माण में धड़ल्ले से हो रहा है डस्ट का उपयोग

शहरी क्षेत्र में नगर निगम प्रशासन के द्वारा कई जगहों पर आरसीसी नाला का निर्माण कराया जा रहा है.

मेदिनीनगर. शहरी क्षेत्र में नगर निगम प्रशासन के द्वारा कई जगहों पर आरसीसी नाला का निर्माण कराया जा रहा है. इस कार्य में संवेदक के द्वारा खुलेआम छर्री के डस्ट का उपयोग किया जा रहा है. मालूम हो की सरकार ने बालू के उठाव पर रोक लगा दी है. पिछले तीन वर्षों से बालू का उठाव नहीं हो रहा है, लेकिन निगम प्रशासन शहरी क्षेत्र में पीसीसी सड़क, नाली-नाला, कलभर्ट का निर्माण करा रही है. इसमें बालू की जगह छर्री के डस्ट का उपयोग किया जा रहा है. प्रावधान के मुताबिक बालू व अच्छी क्वालिटी के सिमेंट का उपयोग कर निर्माण कार्य करना है. कार्य स्थल पर कनीय अभियंता की उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए. जेई की देख-रेख में ही निर्माण का कार्य किया जाना है. लेकिन शहरी क्षेत्र में नियम व प्रावधान को ताक पर रखकर संवेदक निर्माण का कार्य कर रहे हैं. नगर निगम के जेई व एई को कार्य की निगरानी करना है, लेकिन जिस तरह से संवेदक के द्वारा घटिया निर्माण कराया जा रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि निगम प्रशासन की मिलीभगत से ही संवेदक इस तरह से निर्माण कार्य कर रहे हैं. संवेदक की मनमानी पर रोक लगाने के लिए निगम के पदाधिकारी काेई कदम नहीं उठाते. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बाद भी निगम प्रशासन कार्रवाई नहीं करती. उदाहरण के तौर पर शहर के साहित्य समाज चौक के समीप ब्राह्मण प्लस टू उच्च विद्यालय रोड में आरसीसी नाला के निर्माण की गुणवत्ता को देखा जा सकता है. पिछले कई दिनों से इस नाला का निर्माण हो रहा है. लाखों की लागत से निगम प्रशासन इस नाला का निर्माण करा रही है. इस कार्य में संवेदक के द्वारा बालू की जगह डस्ट का उपयोग कर आरसीसी नाला की ढलाई की जा रही है. यह सोचा जा सकता है कि किस तरह निगम प्रशासन की देख-रेख में सरकारी राशि की लूट मची है. इसी तरह अन्य जगहों पर भी निर्माण कार्य में डस्ट का उपयोग किया जा रहा है.

मामले की जांच कर होगी कार्रवाई : सहायक नगर आयुक्त

नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत मेहता ने कहा कि घटिया निर्माण व बालू की जगह डस्ट का उपयोग किये जाने के मामले की जांच करायी जायेगी. जांच में पुष्टि होने पर संवेदक के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि निर्माण स्थल पर देख-रेख के लिए संवेदक को अपने स्तर से कनीय अभियंता को रखना है. जेई की देख-रेख में ही निर्माण कार्य करने का प्रावधान है. नगर निगम के जेई व सहायक अभियंता समय-समय पर कार्य की निगरानी करते हैं. फिर भी डस्ट या घटिया सामग्री का उपयोग किये जाने के मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

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