अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ, आंदोलन
प्रतिनिधि, हैदरनगर
शुक्रवार को हैदरनगर में मुखिया संघ की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता संघ के प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने की. बैठक में सांगठनिक स्थिति पर चर्चा की गयी. साथ ही पंचायत में विकास कार्यों को लेकर विभिन्न पंचायतों के मुखिया ने चर्चा की. बैठक में बताया गया कि प्रखंड पंचायत समिति की बैठक में चयनित प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाता है. प्रावधान के मुताबिक पंचायत समिति सदस्यों के अलावा कुछ मुखिया बीडीसी के सदस्य के रूप में चयन किया गया है. लेकिन पदाधिकारी के मनमानी के कारण उन्हें बैठक में शामिल होने का अवसर नहीं मिलता. संघ के अध्यक्ष श्री सिंह ने इस मामले में आपत्ति जतायी. कहा कि चयनित प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल नहीं करना अनुचित है. बीडीओ का यह रवैया बर्दाश्त से बाहर है. बैठक में मुखिया प्रतिनिधियों की उपेक्षा व प्रशासनिक रोस्टर के मुताबिक पंचायत सचिवालयों में अंचलाधिकारी, राजस्वकर्मी सहित अन्य कर्मियों की लगातार अनुपस्थिति पर आपत्ति जतायी गयी. अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में विगत पांच वर्ष से आपातकालीन सेवा बंद रहने से मरीज जहां-तहां इलाज के लिए भागदौड़ कर रहे हैं. उपाध्यक्ष नाजमा खातून ने कहा कि समस्त मुखिया की ओर से बीडीसी के चयनित प्रतिनिधियों को बैठक में साजिश के तहत शामिल नहीं किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सचिव सुदर्शन राम ने कहा कि प्रशासनिक रोस्टर के बावजूद किसी पंचायत सचिवालय में अंचलाधिकारी व राजस्वकर्मी की उपस्थिति नहीं होने से आमलोगों की समस्या निबटारा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि अंचल से किसानों का काम छोड़ अब कृषि मित्रों को ही म्युटेशन कराने के नाम पर गांवों में दलाली करने को अंचल से भेजा जा रहा है.लंबित सहित नया म्यूटेशन कराने के नाम पर ग्रामीणों से सात हजार रुपये तक अवैध उगाही की जा रही है.संयोजक जितेन्द्र सिंह, सोशल मीडिया प्रभारी कमल कुमार पासवान, शहनाज परवीन रेणु देवी, शारदा देवी, खुशबू कुमारी, अशोक यादव,राजकुमार राम, कुसुम देवी ने कहा कि उनके अंचल के अधिकारी पंचायत सचिवालय में समयानुसार नहीं बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हैं. जिससे बाध्य होकर सभी मुखिया ने एकमत से कहा है कि कृषि मित्रों व वर्तमान जलसहिया को तत्काल प्रभाव से हटाने और नये सिरे से चुनाव कराने, प्रखंड के गृह गांव से पारा शिक्षकों को हटाकर दूसरे गांव में 15 दिनों के भीतर पदस्थापित नहीं किया गया तो सड़क पर आंदोलन शुरु किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वे विभागीय कार्य से अधिक अपने घरों में ही समय बिताकर सरकारी खजाना को लूटने में लगे हैं. बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता नावाजिश खान, सज्जू खान, महेन्द्र राम, राजेश मेहता, इरशाद खान, विरेंद्र मेहता आदि ने कहा कि बाल विकास परियोजना के पोषण आहार बिल पर मुखिया के हस्ताक्षर का अधिकार हटाने के बाद इसमें लूट मची है. इस विभाग में अधिक मात्रा में खाद्य सामग्री के बिल बनाकर पैसे की निकासी बदस्तूर जारी है. सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रखंड व अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली में एक पखवाड़े के अंदर सुधार नहीं हुआ तो पंचायती राज मंत्री से मिलने के बाद उनका सड़क पर आंदोलन शुरु होगा.
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