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रांची में कोरोना केस आने लगे, एमएमसीएच की स्थिति लचर

नगर निगम की पूर्व मेयर अरुणा शंकर ने सोमवार को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया.

मेदिनीनगर. नगर निगम की पूर्व मेयर अरुणा शंकर ने सोमवार को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान पाया कि यहां अव्यवस्था का आलम है. उन्होंने कहा कि रांची में कोरोना मरीज मिलने के बाद अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त रखनी चाहिए. लेकिन मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी अस्पताल खुद बीमार है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पलामू में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की थी. ताकि पलामू प्रमंडल के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिले. लेकिन जो हालात है, इससे स्पष्ट होता है कि स्वस्थ व्यक्ति भी अस्पताल में जाने के बाद बीमार हो जायेगा. श्रीमति शंकर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था देख कर आश्चर्य हुआ कि ओपीडी में डॉक्टरों के इंतजार में ग्रामीण मरीज तीन घंटे बैठे रहते हैं. प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं मरीज को देख रहे हैं. कोरोना के समय में लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट निष्क्रिय हो गया है. महिला वार्ड में पानी की व्यवस्था नहीं है. ऑर्थो ऑपरेशन थिएटर का मॉनिटर खराब है, कोई भी वेटिंग स्पेस नहीं है. पूर्व मेयर ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा लिखी गयी दवा अस्पताल में नही मिलना, यह उजागर करता है कि अस्पताल की व्यवस्था लचर हो गयी है. महिला चिकित्सक के कमी कारण महिलाएं अपना समुचित इलाज नहीं करा पा रही है. बिना दिखाये घर लौट जा रहे है, शौचालय की स्थिति भी नारकीय बनी हुई है. शौचालय हमेशा गंदा रहता है. इमरजेंसी वार्ड की सीलिंग कभी भी गिरने की स्थिति में है. इसके प्रति ध्यान नहीं दिया जा रहा है. श्रीमति शंकर ने अस्पताल के अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया. कहा कि मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी मरीजों को लाभ नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल की स्थिति कही बेहतर रहा था. दुर्घटना के बाद मरीजों को पहले भी रेफर कर दिया जाता था. आज भी वही स्थिति बनी हुई है. मेडिकल कालेज का सपना आज भी अधूरा है.

शराब घोटाला से भी बड़ा दवा घोटाला

श्रीमति शंकर ने कहा कि अस्पताल में नकली दवा पकड़ी गयी. लेकिन सरकार इस मामले में मौन है. इससे कई मरीजों की स्थिति खराब हो गयी है. लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि नकली दवा मेडिकल कॉलेज में सप्लाई की जाती है. सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है. श्रीमति शंकर ने कहा कि शराब घोटाला से भी बड़ा दवा घोटाला है, जो मानवता को शर्मसार करता है. इस मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक डा अजय कुमार से मिलकर बात की. लेकिन वह अपनी व्यवस्था से संतुष्ट बताया.

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