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..मेदिनीनगर-शाहपुर कोयल पुल पर जगह-जगह बना गड्ढा,आवागमन में परेशानी

पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के कोयल नदी पर बना पुल आज एक गंभीर समस्या का केंद्र बन चुका है.

कोयल पुल की बदहाल स्थिति: जनजीवन पर संकट फोटो 28 डालपीएच- 8 प्रतिनिधि : मेदिनीनगर पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के कोयल नदी पर बना पुल आज एक गंभीर समस्या का केंद्र बन चुका है. यह पुल मेदिनीनगर को शाहपुर, चैनपुर, रामगढ़, रमकंडा, रंका और गढ़वा जैसे क्षेत्रों से जोड़ता है. हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन इसी पुल से होकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं. यह मार्ग अत्यंत व्यस्त है, लेकिन इसकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब यह दुर्घटनाओं और जाम का प्रमुख कारण बन गया है. पुल पर कई जगह गड्ढे बन चुके हैं, जो वाहन चालकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गये हैं. बारिश के मौसम में यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है. गड्ढों में पानी भर जाने से उनकी गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे वाहन फंस जाते हैं या टकरा जाते हैं. पुल पर धूल और मिट्टी जमा रहने के कारण बारिश का पानी निकल नहीं पाता, जिससे जलजमाव की स्थिति बन जाती है. इस स्थिति में सबसे अधिक परेशानी रिक्शा, ऑटो रिक्शा, साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों को होती है. दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाएं गड्ढों के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. वाहन चालक गड्ढों से बचने की कोशिश में दूसरे वाहनों से टकरा जाते हैं. चैनपुर के अकड़ाही टोला निवासी विशाल कुमार, जो कबाड़ा बेचकर जीवन यापन करते हैं, का रिक्शा पुल पर बने गड्ढे में फंस गया. काफी प्रयास के बाद भी जब पहिया बाहर नहीं निकला, तो राहगीरों ने मदद की. विशाल ने बताया कि यदि उसका रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गया, तो उसकी रोजी-रोटी पर संकट आ जायेगा. जाम की समस्या गड्ढों के कारण वाहन धीरे-धीरे चलते हैं, जिससे पुल पर जाम लग जाता है. यह जाम कई बार घंटों तक बना रहता है. ट्रैफिक पुलिस को इसे हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस दौरान स्कूली बच्चों, मरीजों और आम यात्रियों को भारी परेशानी होती है. रोटरी स्कूल, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल सहित कई निजी विद्यालयों की बसें इसी पुल से गुजरती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी शहर के स्कूलों में पढ़ने आते हैं, जिन्हें समय पर स्कूल पहुंचने में कठिनाई होती है. गढ़वा और अन्य ग्रामीण इलाकों से आने वाली एंबुलेंस भी इसी पुल से होकर मेदिनीनगर या रांची जाती हैं. जाम के कारण मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे उनकी जान पर बन आती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल पर गड्ढे एक वर्ष से अधिक समय से बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है. सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रबली चौबे ने कहा कि कोयल पुल पर बने गड्ढे दुर्घटनाओं और जाम का मुख्य कारण हैं. उन्होंने पलामू उपायुक्त समीरा एस से इस मामले में पहल करने की मांग की है. शाहपुर निवासी सचिन कुमार ने बताया कि पुल पर जाम लगना अब आम बात हो गयी है. प्रतिदिन वाहन चालकों को परेशानी होती है और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. उन्होंने शासन-प्रशासन से इस समस्या के समाधान की मांग की. कांग्रेस कामगार मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अनिल सिंह ने जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सांसद और विधायक आम जनता की समस्याओं से बेखबर हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से सकारात्मक कदम उठाने की अपील की.

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