मेदिनीनगर. केंद्र की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण देश के किसान, मजदूर परेशान हैं. किसानों की दशा सुधारने के बजाय केंद्र की भाजपा सरकार कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में सक्रिय है. उक्त बातें बिहार के काराकाट के सांसद सह अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कही. वह शनिवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का रीढ़ खेती है. कृषि कार्य से जुड़े किसान मजदूरों की आबादी भी देश में सर्वाधिक है. फिर भी केंद्र सरकार खेती को व्यवस्थित करने के प्रति गंभीर नहीं है. खेती कार्य के लिए किसानों को सिंचाई की समुचित व्यवस्था मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड के पलामू प्रमंडल सहित कई जिलों में खेती योग्य उपजाऊ भूमि काफी है. लेकिन सिंचाई के अभाव में किसान के खेत सूखे रहते हैं. झारखंड को पठारी क्षेत्र कह कर केंद्र सरकार सिंचाई की व्यवस्था नहीं करना चाहती, जबकि नदियों को बांध कर लिफ्ट इरिगेशन के जरिए किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नजर झारखंड के जल, जंगल और जमीन पर टीका है. खनिज व वन संपदा से परिपूर्ण झारखंड को लूटने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है. केंद्र की भाजपा सरकार की इस नीति से झारखंड के आदिवासियों, किसानों में रोष है. इसके परिणाम स्वरूप विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को नकार दिया. केंद्र सरकार जो कृषि कानून बना रही है, वह भी किसानों के लिए हितकर नहीं है. इन सभी मुद्दों को लेकर सभी किसान संगठन एकजुट होकर मुखर आंदोलन करेंगे. एक सवाल के जवाब में सांसद श्री सिंह ने कहा कि मंडल डैम में गेट लगाने की दिशा में केंद्र के साथ बिहार सरकार को भी गंभीर होना चाहिए. मंडल डैम से पलामू, गढ़वा के अलावा बिहार को भी लाभ मिलेगा. पूर्व विधायक राजकुमार यादव एवं किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बीएन सिंह कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करने एवं जल, जंगल, जमीन को बचाने को लेकर जोरदार आंदोलन किया जायेगा.
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