मेदिनीनगर : रविवार को पलामू जिले में ईस्टर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित चर्चों में विशेष आराधना हुई. ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में मसीही समाज के लोग रविवार की अहले सुबह कब्रिस्तान पहुंचे और अपने पूर्वजों के कब्र के पास मोमबत्ती जला कर प्रार्थना किया. इसके बाद लोग चर्च में आयोजित आराधना में शामिल हुए. इस मौके पर मेदिनीनगर शहरी क्षेत्र के मसीही समाज के लोग आबादगंज स्थित कब्रिस्तान में जाकर मोमबत्ती जलायी और प्रार्थना किया. इस अवसर पर यूनियन चर्च के पादरी प्रभु रंजन मसीह, सीएनआइ चर्च के पादरी व प्रचारक सुनील तिर्की सहित काफी संख्या में महिला-पुरुष शामिल थे. इसके बाद विभिन्न चर्चों में आराधना शुरू हुई. इस दौरान प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में भजन, गीत प्रस्तुत किया गया.
स्टेशन रोड स्थित शांति की महारानी गिरिजाघर में चर्च आराधना में काफी संख्या में मसीही समाज के लोग शामिल हुए. विधि विधान से अनुष्ठान हुआ. गीत व भजन के बाद प्रभु यीशु का संदेश बताया गया. फादर अरविंद ने कहा कि पुनर्जीवन का मतलब जीवन में आशा की नयी किरण का संचार होना है. प्रभु यीशु ने विश्व के मानव जाति को दुख व पापों से मुक्ति दिलाने के लिए संसार में आया था. आततायियों को प्रभु यीशु का नेक कार्य सहन नहीं हुआ और वे लोग उसे सूली पर चढ़ा दिया. असहाय दुख झेलते हुए यीशु ने अपने शरीर का त्याग किया. लेकिन ईश्वर की कृपा से यीशु अपने मृत्यु के तीसरे दिन जी उठा और उसने लोगों को प्रेम, शांति व सेवा का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि ईश्वर जीवों से बहुत प्यार करता है. वह चाहता है कि सभी जीव सुखी रहे और नेकी की राह पर चले.
ईश्वर के इस संदेश को प्रभु यीशु ने बताया. आज जरूरत है उसे अपने जीवन में धारण करने की. बुराई का रास्ता छोड़ कर अच्छाई की ओर बढ़ने से ही जीवन का कल्याण होगा. अपने अहंकार व दुर्गुणों का त्याग कर सद्गुण को धारण करना चाहिए. यहीं जीवन की खुशहाली का रास्ता है. आराधना के क्रम में लोगों ने प्रभु यीशु को धन्यवाद दिया और अपनी खुशी का इजहार किया. मौके पर फादर मुक्त लाल, फादर ज्ञान के अलावा आबादगंज, चियांकी, ज्योति हास्टल, कचरवा के मसीही समाज के लोग शामिल थे.