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शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों के लिए विशेष योजना

शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों के लिए विशेष योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में दिया जायेगा इन पर ध्यान रांची. वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों के लिए विशेष योजना तैयार की जायेगी़ इनमें राज्य के 14 जिलों के अलग-अलग प्रखंड शामिल है़ं शिक्षा विभाग ने पिछड़े […]

शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों के लिए विशेष योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में दिया जायेगा इन पर ध्यान रांची. वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों के लिए विशेष योजना तैयार की जायेगी़ इनमें राज्य के 14 जिलों के अलग-अलग प्रखंड शामिल है़ं शिक्षा विभाग ने पिछड़े प्रखंडों को चिह्नित करने का काम पूरा कर लिया है़ विभाग ने एनजीओ के साथ मिलकर इन प्रखंडों का शैक्षणिक स्तर बेहतर करने का निर्णय लिया है़ इन प्रखंडों के स्कूलों को भी संसाधनयुक्त किया जायेगा़ सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं में इन प्रखंडों को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी़ शैक्षणिक रूप से पिछड़े देश के 100 प्रखंडों में झारखंड के भी दस प्रखंड शामिल है़ं झारखंड के दस प्रखंड इन्हीं 50 प्रखंडाें में से है़ं प्रखंडों का चयन पांच मानक के आधार पर किया गया है़ प्रखंड में साक्षरता दर, ड्रॉप आउट दर, कुल नामांकन दर, एक कक्षा से दूसरे कक्षा में बच्चों के जाने की दर शामिल है़ गुदरी प्रखंड सबसे पीछेराज्य में शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में पाकुड़ जिले के सबसे अधिक छह प्रखंड शामिल है़ं पश्चिमी सिंहभूम का गुदरी प्रखंड झारखंड में सबसे पिछड़े प्रखंड के रूप में चिह्नित किया गया है़ गुदरी प्रखंड राज्य में 260वें स्थान पर है़ साक्षरता की दर में भी यह प्रखंड राज्य में सबसे निचले स्तर पर है़ शैक्षणिक रूप से पिछड़े 50 प्रखंडों में बंधगांव, महेशपुर, बंसाजोर, कुचई, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, पालकोट, लावालांग, सुंदरपहाड़ी, अमरापाड़ा, पीरटांड, चैनपुर, कामडारा, घघरा, टोंटो, गोलकरिया, पाकुड़, तीसरी, पोड़ैयाहाट, बोलबा, विशनपुर, पूर्वी टुंडी, अड़की, जलडेगा, बेगाबाद, डुमरी, कुरडेग, सोनुआ, भरनो, मनोहरपुर मुख्य रूप से शामिल है़ं

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